पैसों की अनबन के चलते उत्पल बेहरा नामक व्यक्ति ने मुर्शिदाबाद हत्याकांड को अंजाम दिया था |

False National Social

१६ अक्टूबर २०१९ को फेसबुक पर ‘Dhiraj Kumar द्वारा की गई एक पोस्ट में तीन तस्वीरें साझा की गयी है | इन तस्वीरों के साथ पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, #बंधुप्रकाश जहां रहते थे वो पुरा इलाका मुस्लिम समुदाय से भरा हुआ था | उनके घर के ठीक बाजू में कुछ जमीन (बाजु में १७ कट्टा ) खाली पड़ी थी ,वहां पर मुस्लिम समुदाय मस्जिद बनाना चाहते था | बंधु प्रकाश ने #मस्जिद न बने इसके लिये बहुत से पत्र #प्रशासन को लिखे थे | किन्तु दुर्भाग्य से ये बात लीक हो गयी और #मजहबी_मस्जिदकमेंटी के लोगों ने एक रणनीति बनाकर पुरे परिवार को खत्म कर दिया | #यही_हैं_सच्चाई_बंधु_प्रकाश_और_परिवार_की_हत्या_की |” इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘सांप्रदायिक मतभेदों के वजह से मुस्लिमों ने बंधु प्रकाश व उसके परिवार का खून कर दिया |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

FacebookPost | ArchivedLink

अनुसंधान से पता चलता है कि…

०८ अक्टूबर २०१९ को मुर्शिदाबाद के लेबू-बागान नामक इलाके में बंधु प्रकाश पाल नामक एक व्यक्ति को उनके परिवार की (उनकी पत्नी ब्यूटी और उनका आठ साल का बेटा आंगन) रहस्यमय तरीके से उनके ही घर में हत्या कर दी गयी थी | बंधु पाल मुर्शिदाबाद के गोसाईग्राम सहपारा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे | ८ अक्टूबर २०१९ यानी दशहरा के दिन पाल परिवार को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था | इस घटना ने सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचाई व लोगों ने इस प्रकरण पर कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं जाहिर ही, वहीँ कुछ लोगों द्वारा इस घटना को सांप्रदायिकता से जोड़ ये दावे किये गये कि बंधु और उनके परिवार की हत्या मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा की गई है| 

हमने इन दावों की गंभीरता को देखते हुये इस प्रकरण पर अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाही, हमारे अनुसंधान में हमें कई समाचार वेबसाइट पर इस घटना के बारे में ख़बर प्रकाशित मिली | इन ख़बरों के मुताबिक बंधु प्रकाश पाल एक विध्यालय में शिक्षक के साथ-साथ बीमा बेचने का काम भी करते थे | उन्होंने ऐसा ही एक बीमा अपने पुराने छात्र उत्पल बेहरा को बेचा था | यह बीमा २४,१६० रुपये का था | उत्पल ने दो बीमा का प्रीमियम – यानी ४८,३२० रुपये बंधु को दिया था | बंधु ने उत्पल को इसके बदले में एक ही प्रीमियम की रसीद दी थी | पाल द्वारा उत्पल के बार बार कहने पर भी उसको दुसरे प्रीमियम की ना ही रसीद दी गई थी और ना ही प्रीमियम राशि वापिस की गई | उत्पल ने यह पैसे अपने पिताजी माधव बेहरा से लिये थे | इस कारण से तंग आकर दशहरे के दिन उत्पल ने बंधु के घर जाकर उसका खून कर दिया | बंधु की पत्नी – ब्यूटी और उसका आठ साल का बेटा आंगन चश्मदीद गवाह होने के डर से उत्पल ने उन दोनों का भी खून कर दिया और फिर वहाँ से भाग गया | उत्पल को १५ अक्टूबर २०१९ को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है | पूरी ख़बर को पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

TOI Post | ArchivedLinkNews18Post | ArchivedLinkThehinduPost | ArchivedLink
IndiatodayPost | ArchivedLinkSwarajyamagPost | ArchivedLinkABPanandaPost | ArchivedLink

पश्चिम बंगाल पुलिस के सहायक महानिदेशक (कानून व्यवस्था) ज्ञानवंत सिंह ने भी बीबीसी को बताया कि इस घटना का कोई राजनीतिक या धार्मिक विवाद है, सोशल मीडिया में इस बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है |

BBCPost / Archive

इसके बाद जब हमने पश्चिम बंगाल के जियागंज पुलिस स्टेशन के पुलिस महानिरीक्षक, बिस्वजीत घोषाल से संपर्क किया, तो उन्होंने भी यह स्पष्ट किया है कि इस घटना में कोई धार्मिक विवाद नहीं था |

इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट के दावे में इस घटना को किसी जाती विशेष से जोड़ सांप्रदायिक रूप देने की चेष्टा की मंशा से फैलाया जा रहा है जबकि सत्य यह है कि यह हत्याकांड पैसों की लेनदेन की वजह से किया गया था | बंधु पाल ने उत्पल बेहरा से बीमा बनाने के लिए पैसे लिए थे, मगर ना बीमा की रसीद उत्पल को मिली और ना ही पैसे वापिस मिले | इस बात की क्रोध से उत्पल ने बंधु पाल और उसके परिवार को मार दिया | इस घटना को गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |

जांच का परिणाम :  उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “सांप्रदायिक मतभेदों के वजह से मुस्लिमों ने बंधु प्रकाश व उसके परिवार का खून कर दिया |” ग़लत है |

Avatar

Title:पैसों की अनबन के चलते उत्पल बेहरा नामक व्यक्ति ने मुर्शिदाबाद हत्याकांड को अंजाम दिया था |

Fact Check By: Natasha Vivian 

Result: False