पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के साथ योगी आदित्यनाथ के पोस्टर को नेपाल में हुए हालिया प्रदर्शन से जोड़ने का दावा फेक है। यह तस्वीर मार्च 2025 की है।

नेपाल में जेन जी के हिंसक प्रदर्शन के बाद अंतरिम सरकार गठित हो चुकी है। सुशीला कार्की ने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। सुशीला कार्की अब अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगी। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें कुछ बाइक सवारों के हाथ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोस्टर दिखाई दे रहा है। यह तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि नेपाल में हाल में हुए प्रदर्शन के दौरान योगी आदित्यनाथ के समर्थन में रैली निकालते हुए ‘योगी मॉडल’ की मांग की गई। यूज़र ने पोस्ट को इस कैप्शन के साथ साझा किया है…
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अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें मार्च 2025 में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। इनमें हमें वायरल तस्वीर दिखाई दी। ये रिपोर्ट्स नेपाली और भारतीय मीडिया के हवाले से प्रकाशित की गई थीं जो काफी हद तक स्पष्ट करते हैं कि वायरल तस्वीर नेपाल में अभी हुए प्रदर्शन से पहले की है।
नेपाली मीडिया आउटलेट द डिप्लोमैट की 24 मार्च, 2025 में छपी एक रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को शेयर किया गया है। पता चलता है कि यह तस्वीर काठमांडू में एक राजशाही समर्थक रैली की थी।
इसके बाद हमें नेपाली मीडिया आउटलेट्स रातोपाटी की रिपोर्ट मिली। इसके अनुसार, त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास मार्च में हुई रैली में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने हिस्सा लिया था। समर्थकों को योगी आदित्यनाथ के साथ राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें लिए देखा गया, जो उस वर्ष की शुरुआत में शाह के गोरखपुर दौरे के बाद की बात है, जहाँ उन्होंने 30 जनवरी को आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। रिपोर्ट के हवाले से यह भी पता लगा कि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के राजनीतिक सलाहकार रहे बिष्णु रिमल ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक राजभक्त रैली में योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के इस्तेमाल को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने इन तस्वीरों के प्रदर्शन के पीछे के औचित्य पर सवाल उठाया था।
यहां हम बिष्णु रिमल के अपने फेसबुक अकाउंट पर इस तस्वीर को साझा किया हुआ देख सकते हैं।
फिर हमें नेपाल डेली डॉट कॉम की मार्च 2025 में प्रकाशित खबर मिली। इसमें तस्वीर को शेयर करते हुए यह लिखा गया है कि, “पूर्व राजा नरेश ज्ञानेंद्र के समर्थन में काठमांडू में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ था, जिसमें भारत के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोस्टर दिखाने वाले प्रदीप बिक्रम राणा भारत पहुंचे। उन्होंने भारतीय मीडिया को यह बताया कि नेपाल में पुलिस उन्हें ढूँढ रही है। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन में योगी आदित्यनाथ के बैनर के इस्तेमाल को लेकर काफी आलोचना हुई और पुलिस द्वारा उनकी तलाश किए जाने के बाद ही उन्होंने भारत में शरण ली।“
पड़ताल में हमें मिली 13 मार्च को बीबीसी नेपाल की वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट के अनुसार, “नेपाल में पूर्व राजा के स्वागत में योगी आदित्यनाथ की तस्वीर दिखाए जाने पर विवाद हो गया था। नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग को लेकर लोग सड़कों पर थे। नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह कई धार्मिक दौरे के बाद 9 मार्च को पोखरा पहुंचे थे। काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के समर्थकों समेत सैकड़ों युवाओं ने मोटरसाइकिल रैली निकालकर पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह का स्वागत किया। रैली में शामिल लोग राष्ट्रीय ध्वज और ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीर लिए हुए थे। इस दौरान कुछ लोगों के हाथ में ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ की भी तस्वीर देखी गई थी।
वहीं 11 मार्च को छपी लाइव हिंदुस्तान की खबर में बताया गया कि, “रविवार को ज्ञानेंद्र शाह का स्वागत करने के लिए लोग सड़क के दोनों और खड़े थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने बाइक रैली भी निकाली। इसी बीच कुछ लोगों ने ज्ञानेंद्र शाह के पोस्टर के साथ योगी आदित्यनाथ का भी पोस्टर लहराया।”
इसलिए स्पष्ट हो जाता है कि वायरल तस्वीर का हालिया संदर्भ से कोई संबंध नहीं है तथा वायरल दावा भ्रामक है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। असल में नेपाल में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर के साथ प्रदर्शन की तस्वीर हालिया नहीं बल्कि पुरानी है। जो मार्च 2025 में हुई एक रैली के दौरान की है जब नेपाल में राजशाही को दोबारा शुरू करने की मांग पर हुए प्रदर्शन में पूर्व राजा नरेश ज्ञानेंद्र के साथ योगी आदित्यनाथ का पोस्टर का दिखाई दिया था।
Title:नेपाल में Gen Z के हाल के प्रदर्शन के दौरान योगी आदित्यनाथ के पोस्टर के साथ योगी मॉडल लागू करने का फेक दावा वायरल…
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: Misleading


