क्या गौरक्षकों की गिरफ़्तारी से नाराज छत्तीसगढ़ के विधायक ने पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारा? दो अलग-अलग क्लिप्स जोड़कर झूठे दावे से वायरल…

False Political

सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग क्लिप एक साथ वायरल हो रही है, जिसमें वीडियो के शुरुआत में एक व्यक्ति को कुर्सी पर बैठे दूसरे व्यक्ति को थप्पड़ मारते हुए देखा जा सकता है, जबकि दूसरी क्लिप में एक पुलिसकर्मी एक व्यक्ति को बाल पकड़कर खींचते हुए पुलिस वाहन में बैठाता हुआ दिख रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि  गौरक्षकों की गिरफ़्तारी से नाराज़ हुए छत्तीसगढ़ के एक विधायक ने पुलिस स्टेशन में घुसकर एक पुलिस अधिकारी की पिटाई कर दी।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- छत्तीसगढ़ का शेर विधायक है ये  जिसने थाने में घुसकर पुलिस को थपड़ा दिया ? दरअसल गायों से भरा ट्रक पुलिस वालों ने जाने दिया और पीछे से आ रहे गौ-रक्षकों को पकड़ कर थाने में डाल दिया। तब विधायक जी सन्नी पाजी बनकर आए

 फेसबुक  । आर्काइव

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पहला वीडियो-

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में वायरल वीडियो की पहली क्लिप की  खबर  हमें 14 अगस्त 2024 को प्रकाशित टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट में मिली, जिसमें वीडियो का एक स्क्रीनशॉट भी था।

 रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के युवा विंग के अध्यक्ष मयूर बोर्डे एक बैंक मैनेजर को थप्पड़ मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। 

यह घटना 13 अगस्त 2024 को महाराष्ट्र के जालना जिले की जाफराबाद तहसील के वरुद बुद्रुक गाँव में बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र की एक शाखा में हुई थी। मयूर बोर्डे ने बताया कि उन्हें किसानों से शाखा प्रबंधक द्वारा फ़सल ऋण और सरकारी सब्सिडी जैसी सेवाएँ प्रदान करने में असहयोग के बारे में शिकायतें मिली थीं।

मिली जानकारी की मदद लेते हुए अधिक सर्च करने पर हमें यह क्लिप टीवी9 मराठी के यूट्यूब चैनल पर भी दिखाई दी। 13 अगस्त 2024 को प्रकाशित  रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के युवा विंग के अध्यक्ष मयूर बोर्डे एक बैंक मैनेजर को थप्पड़ मारा। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि यह घटना बैंक ऑफ महाराष्ट्र की वरूड शाखा में हुई थी। हमले से स्तब्ध बैंक मैनेजर ने चैंबर से भागने की कोशिश की, लेकिन बोर्डे के साथ आए समर्थकों ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने प्रबंधक को अपनी कुर्सी पर वापस बैठने के लिए मजबूर किया। इसके बाद बोर्डे ने मैनेजर को दो थप्पड़ मारे और आरोप लगाया कि वह लोगों को सरकारी लाभ नहीं दे रहे थे।

इस घटना की कई बैंक संगठनों ने निंदा की थी और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। बाद में, मयूर बोर्डे को गिरफ़्तार भी किया गया।

वायरल वीडियो का दूसरा हिस्सा–

फिर हमने वीडियो के दूसरे भाग को सर्च किया, जिसमें एक पुलिस अधिकारी एक व्यक्ति को उसके बालों से घसीट रहा था।

परिणाम में वायरल वीडियो हमें हरियाणा तक के यूट्यूब न्यूज चैनल पर मिला। यहां पर इस वीडियो को अप्रैल 2025 को शेयर किया गया है।

 इसके अनुसार, यह घटना हरियाणा के पानीपत में पुलिस और गौरक्षकों के बीच झड़प के दौरान हुई थी। घसीटे जा रहे व्यक्ति का नाम करण है, जिसने आरोप लगाया कि उसने पुलिस को गौ तस्करों के दो वाहनों को जब्त करने में मदद की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें बिना कार्रवाई के छोड़ दिया। जब उसने विरोध किया, तो उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और मारपीट की गई।

करण ने पानीपत के पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह से शिकायत दर्ज कराई। चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, तो दो को निलंबित कर दिया गया, एक को बर्खास्त कर दिया गया और चौथे को ड्यूटी से हटा दिया गया। 

इसके अलावा ‘दैनिक भास्कर’ के  रिपोर्ट में बताया गया है कि शिकायत मिलने के महज 10 घंटे के अंदर चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई। दो पुलिसकर्मियों को बर्खास्त और चौथे को ड्यूटी से हटा दिया गया था।

इससे पुष्टि होती है कि वायरल वीडियो दो असंबंधित घटनाओं को जोड़ कर फर्जी दावे से शेयर किया  जा रहा है।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, महाराष्ट्र और हरियाणा की दो असंबंधित घटनाओं के वीडियो को जोड़कर छत्तीसगढ़ की घटना के रूप में भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है।

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Title:क्या गौरक्षकों की गिरफ़्तारी से नाराज छत्तीसगढ़ के विधायक ने पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारा? दो अलग-अलग क्लिप्स जोड़कर झूठे दावे से वायरल…

Fact Check By: Sarita Samal 

Result: False

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