कोरोनावायरस वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के दावे फैलाये जा रहे है, पूर्व में भी ऐसे कई भ्रामक दावों का फैक्ट-चेक कर उनकी प्रमाणिकता फैक्ट क्रेसेंडो अपने पाठकों तक पहुँचाता आ रहा है |

इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से फ़ैलता दिख रहा है, जिसमें भारतीय सेना के कुछ सैनिकों को फर्श पर पड़े हुये देखा जा सकता है, जबकि कुछ अन्य सैनिक इन फर्श पर गिरे हुये सैनिकों की मदद करने की कोशिश करते हुए दिख रहें है | इस वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाते हुए यह दावा किया जा रहा है कि बेहोश हुए भारतीय सेना के इन सैनिकों को कोरोनावायरस की वैक्सीन दी गई थी जिसके बाद कई सैनिक बेहोश हो गए और कुछ सैनिकों को दिल का दौरा पड़ा |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि

"देश के फौजियों ने वैक्सीन लगवाई ओर जब वो दौड़ रहे थे तो बहुत लोग बेहोश हो गए हैं और कइयों को भयंकर बीमारी दिल का दौरा पड़ा | अब बताओ वैक्सीन सही है अच्छी |"

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसन्धान से पता चलता है कि....

फैक्ट क्रेसेंडो ने शोध कर जाँच में पाया की वायरल वीडियो पठानकोट के पास मामून मिलिट्री स्टेशन से है, पठानकोट में इस वर्ष २१ अगस्त को अभ्यासिक ट्रेनिंग के दौरान दौड़ प्रशिक्षण के वक़्त कुछ जवानों को कड़ी धूप के चलते हुई बेहोशी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इस प्रकरण का कोरोना वैक्सीन से कोई सम्बन्ध नहीं है |

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इनविड वी वेरीफाई टूल की मदद से छोटे-छोटे कीफ्रेम्स में तोड़कर व गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम में हमें यह वीडियो पत्रकार मन अमन सिंह छिना द्वारा उनके ट्विटर अकाउंट पर २१ अगस्त २०२१ को अपलोड किया हुआ पाया |

इस वीडियो को साझा करते हुए उन्होंने लिखा है कि "आर्मी के तरफ से बताया गया है कि '"पठानकोट के पास एक प्रशिक्षण गतिविधि में, खराब मौसम की स्थिति के कारण, एमएच पठानकोट में एक सैनिक काफी गंभीर रूप से हानीग्रस्त हुआ है और कुछ व्यक्तियों को भर्ती कराया गया है |'"

आर्काइव लिंक

इस घटना के बारें में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए भूषण बाबू से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि "इस घटना के साथ कोरोनावायरस वैक्सीन का कोई संबंध नहीं है | २१ अगस्त २०२१ को हुई इस घटना पर हमारे द्वारा एक बयान जारी किया गया है | पठानकोट के पास ११ अधिकारियों, ११ जेसीओ और १२० अन्य रैंकों के अफसर द्वारा की गई ट्रेनिंग गतिविधि के दौरान यह घटना हुई थी| यह एक नियंत्रित, संगठित ,पर्यवेक्षित और पूर्ण निगरानी में की गई प्रशिक्षण गतिविधि थी | ट्रेनिंग के समय चरम जलवायु के कारण कुछ सैनिक बीमार हो गए थे, इन प्रभावित अधिकारियों/जेसीओ सहित कुछ अन्य व्यक्तियों को सैन्य अस्पताल, पठानकोट में भर्ती कराया गया है। प्रभावित कर्मियों को आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान की जा रही है ।"

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा दिये बयान से संकेत लेते हुये हमने ट्विटर पर आधिकारिक रूप से इस सन्दर्भ में दिए गए स्पष्टीकरण के बारे में ढूँढा, हमें प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा इस सन्दर्भ में जारी किया गया एक स्पष्टीकरण मिला जिसमें उपरोक्त वीडियो के साथ जारी किये गए मेसेज को फर्जी बताया गया है

हमें इस सन्दर्भ में इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित लेख भी मिला जिनके अनुसार इस ट्रेनिंग के दौरान दौड़ ७२ घंटे तक चल रही थी जिसके बाद मौसम के अनुकूल ना होने पर भी सैनिकों ने हथियारों के पूरे भार के साथ १० किलोमीटर की दौड़ शुरू कर दी थी | रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना पठानकोट के मॉमून मिलिट्री स्टेशन की है जहाँ गर्मी और थकावट के कारण सैनिक गिर गए |

आर्काइव लिंक

कोरोनावायरस और वैक्सीन से संबंधित हमारे हुए किये गए अन्य फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है |

निष्कर्ष :

तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है, वीडियो में दिख रहे सैनिक कोरोनावायरस की वैक्सीन लगवाने के बाद बल्कि चरम जलवायु में ट्रेनिंग के दौरान बेहोश हुए थे | पठानकोट में हुई इस घटना का कोरोनावायरस की वैक्सीन के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है|

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Title:कड़ी धूप में ट्रेनिंग के दौरान बेहोश हुये कुछ जवानों के वीडियो को COVID-19 वैक्सीन के बाद हुये दुष्प्रभाव का बता वायरल किया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False