तमिलनाडु के पुलिसकर्मी को मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा पीटने की ख़बर भ्रामक व गलत है |

False Social

सोशल मीडिया पर एक घायल व्यक्ति की तस्वीर और एक खून से सनी हुई पुलिस की वर्दी, जिसके ऊपर “सी अकीलन” लिखा हुआ है को काफी तेजी से साझा किया जा रहा है| तस्वीर के माध्यम से दावा किया गया है कि तमिलनाडु के चेन्नई में एक पुलिसकर्मी पर मुस्लिम भीड़ द्वारा हमला किया गया है, ये तब हुआ जब इस पुलिसकर्मी ने नशे की हालत में धुत तीन मुस्लिम युवकों को में महिलाओं से दुर्व्यवहार करने से रोकने की कोशिश की थी |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “चेन्नई मिनी पाकिस्तान बन रहा है | मरीना बीच पर भांग के प्रभाव में महिलाओं से दुर्व्यवहार करने वाले तिरुवल्लिकेनी क्षेत्र में 3 मुस्लिम युवकों को रोकने की कोशिश करने वाले सहायक निरीक्षक अकीलन पर गंभीर हमला किया गया | सैकड़ों मुसलमानों ने पुलिस को घेर लिया |”

फेसबुक पोस्ट

https://twitter.com/RajiIndustani/status/1299300833159331841

आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच कि शुरुवात हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च कर संबंधित ख़बरों को ढूँढने से की, जिसके परिणाम से हमें २२ अगस्त २०१७ को टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली | इस रिपोर्ट के अनुसार यह घटना २० अगस्त, २०१७ की रात मरीना बीच पर हुई थी। सशस्त्र आरक्षित बल के एक कांस्टेबल अकिलन ने अपनी पेट्रोलिंग ड्यूटी के दौरान मरीना बीच पर शराब का सेवन करते दो युवकों को देखा | रिपोर्ट में कहा गया है कि जब उन्होंने दोनों को उस जगह को छोड़ कर जाने के लिए कहा, जिसके चलते विवाद शुरू हुआ और फिर इन युवकों द्वारा पुलिस कांस्टेबल पर एक तेज वस्तु से वार कर घायल किया गया | मरीना बीच पुलिस ने बाद में हरि राम के रूप में पहचाने जाने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे हत्या के प्रयास के आरोप में हिरासत में भेज दिया | हरी राम अन्ना नगर के रहिवासी है | इस रिपोर्ट में दुसरे आरोपी का नाम नही उल्लेख किया गया है | 

आर्काइव लिंक

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने मरीना पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर रमेश बाबु से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि

 “यह २०१७ की घटना है, आरोपियों का नाम हरि राम और दिनेश है | वे दोनों मरीना बीच पर शराब पी रहे थे जब कांस्टेबल अकिलान ने उन्हें वहां से जाने को कहा था | इसी बीच हरि राम ने एक तेज वस्तु से पुलिस अधिकारी पर हमला किया | कांस्टेबल की चीख सुनकर आसपास की पुलिस मौके पर पहुंची और उसे अस्पताल पहुंचाया गया | मौके से भागे हमलावरों को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई | इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे दावे गलत है | इस घटना में लिप्त दोनों पुरुषों ने नशे में किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार नही किया | इस घटना के दोनों आरोपी हिंदू थे और इस घटना के बाद एक मुस्लिम भीड़ द्वारा मरीना पुलिस पर कोई हमला नहीं किया गया था | मूल घटना के चलते कॉन्स्टेबल अकीलन ने हिंदू आस्था के दो लोगों को सार्वजनिक रूप से शराब का सेवन करने से रोकने की कोशिश की | पुलिस पर कोई भी समुदाय की भीड़ ने हमला नहीं किया था |”

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह घटना २०१७ की है जब कॉन्स्टेबल अकीलन ने दो लोगों को सार्वजनिक रूप से शराब का सेवन करने से रोकने की कोशिश की थी जिसके चलते उनपर हमला किया गया था | 

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Title:तमिलनाडु के पुलिसकर्मी को मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा पीटने की ख़बर भ्रामक व गलत है |

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False