
बिहार चुनाव की पृष्ठभूमि में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक कथित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है की उन्होंने कहा है कि सभी दलों के सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं की आजीविका उनके 5 किलो राशन पर निर्भर करती है।
पड़ताल के बाद पता चला कि, वायरल ग्राफिक कार्ड एडिट किया गया है ।
ग्राफिक कार्ड को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है…
बीजेपी सरकार का कड़वा सच: ऐसा प्रतीत होता है कि फ्री राशन माननीय गृहमंत्री अमित शाह/बीजेपी के लीडर अपनी निजी कमाई से दे रहे हैं! एहसान करने के बाद गरीबों को एहसास भी करा दिया, सोशल मीडिया पर जो भी कार्यकर्ता हैं किसी भी पार्टी के हो “वो हमारे 5 किलों राशन से ही “पल रहे हैं!
अनुसंधान से पता चलता है कि…
अगर अमित शाह ने ऐसा कोई बयान दिया होता, तो यह एक बड़ी खबर होती। हालाँकि, मीडिया में ऐसी कोई खबर नहीं है जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो।
साथ ही, ऐसा कोई भी ग्राफ़िक एनडीटीवी की वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नहीं मिलता।
दूसरी ओर, हमें मिले एनडीटीवी के ट्विटर अकाउंट पर मौजूद ग्राफ़िक कार्ड और वायरल ग्राफ़िक कार्ड में अंतर दिखाई देता है।

इसके अलावा, एनडीटीवी के फेसबुक पेज पर भी ग्राफिक कार्ड से मिलते-जुलते पोस्ट हमें प्राप्त हुए।
इन ग्राफिक्स में बिहार चुनाव, राष्ट्रीय जनता दल, नीतीश कुमार, प्रशांत किशोर और घुसपैठ जैसे मुद्दों पर अमित शाह के बयानों का उल्लेख किया गया था। हालांकि, इनमें ‘5 किलो राशन’ से जुड़ा कोई बयान शामिल नहीं था।

एनडीटीवी ने 1 नवंबर 2025 को अपने यूट्यूब चैनल पर अमित शाह का पूरा इंटरव्यू लाइव प्रसारित किया था। इस में भी ‘5 किलो राशन’ से जुड़ा कोई बयान शामिल नहीं था।
एनडीटीवी का खंडन
और जांच किए जाने पर हमें वायरल ग्राफिक मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए, एनडीटीवी ने 3 नवंबर को अपनी वेबसाइट पर स्पष्टीकरण जारी किया हुआ मिला। चैनल ने बताया कि सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा ग्राफिक फर्जी है और एनडीटीवी द्वारा प्रकाशित नहीं किया गया था। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि, वायरल ग्राफिक कार्ड फर्जी है। अमित शाह ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था। एनडीटीवी इंडिया द्वारा प्रकाशित मूल ग्राफिक कार्ड को एडिट कर गलत दावे के साथ फैलाया जा रहा है।
Title:एनडीटीवी इंडिया का ग्राफिक कार्ड एडिट कर अमित शाह के नाम भ्रामक दावे से साझा किया जा रहा है…
Fact Check By: Sagar RawateResult: Altered


