एक महीने पहले से इंटरनेट पर मौजूद वीडियो को किसान आंदोलन से जोड़ कर वायरल किया गया।

False Political

एक सिख व्यक्ति के कुर्सी पर बैठे दूसरे शख्स का मुंह पकड़ कर बदतमीज़ी करने का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। वीडियो को हाल ही में चल रहे किसान आंदोलन से जोड़ कर शेयर किया जा रहा है। देखा जा सकता है कि इस वीडियो में कुछ सरदार खड़े हैं और पैसों को लेकर कोई समझौता किया जा रहा है। यह वीडियो यूज़र द्वारा इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों को पैसे दिए गए हैं।

वायरल पोस्ट के साथ यूजर ने लिखा है- यह वीडियो इन दलालों की पोल खोल रही है। एक महीने तक बॉर्डर पर बैठने का रेट पर बहस हो रही है सामने वाला व्यक्ति ₹40000 बोल रहा है लेकिन जो दलाल पैसे दे रहा है वह कह रहा है यार एक महीने का 35000 ठीक है तेरी खेती बाड़ी तो वहां मजदूर कर ही रहे हैं तेरे को बस यहां बैठता है खाना मिलेगा दारू मिलेगी तो 35000 ले ले,  यह इनकी असली सच्चाई है इसे ज्यादा से ज्यादा रिपोस्ट  करें ताकि देश को पता चले कि यह कितने नीच लोग हैं.. इनका मकसद किसान  नहीं बल्कि मोदी की लोकप्रियता कम करना है और यह उसे बता भी चुके हैं। 

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के बारे में जानने के लिए वीडियो के फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में वायरल वीडियो हमें एक यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो को 28 जानवरी को पोस्ट किया गया था। यानी किसान आंदोलन शुरू होने से पहले वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद था।

जांच में आगे हमने अलग अलग कीवर्ड के साथ वायरल वीडियो को सर्च करने की कोशिश की। परिणाम में हमें एक इंस्टाग्राम पेज मिला। 

वीडियो 17 जनवरी को पोस्ट किया गया था। यानी किसान आंदोलन शुरू होने से लगभग एक महीना पहले। पौस्ट के कैप्शन में लिखा है , “देखो कैसे हो रहा है सौदा ट्रैक्टर का”। ये घटना ट्रैक्टर की सौदेबाजी की है।

किसान आंदोलन-

13 फरवरी 2024 से किसान आंदोलन शुरु हुआ है। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान चार किसानों की मौत हो गई। किसान आंदोलन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि किसानों के आंदोलन के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। साथ ही कहा गया है कि केंद्र सरकार इस मामले में किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए बल प्रयोग कर रही है जिस कारण किसान घायल हुए हैं।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, इस वीडियो में किसान आंदोलन में बैठने के लिए नहीं बल्कि एक ट्रैक्टर को बेचने के लिए रकम की सौदेबाजी हो रही है। यह वीडियो किसान आंदोलन शुरू होने से करीब एक महीने पहले से इंटरनेट पर उपलब्ध है।

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Title: एक महीने पहले से इंटरनेट पर मौजूद वीडियो को किसान आंदोलन से जोड़ कर वायरल किया गया।

Fact Check By: Sarita Samal 

Result: False