अरावली प्रदर्शन से जोड़ कर उत्तराखंड के आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन के नाम से असंबंधित वीडियो वायरल…

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वायरल वीडियो छत्तीसगढ़ के सरगुजा का है उत्तराखंड के आदिवासियों द्वारा अरावली प्रदर्शन का नहीं, भ्रामक है वायरल दावा।

अरावली को लेकर इन दिनों में देश के कई हिस्सों में व्यापक प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में पुलिसकर्मियों के साथ झड़प करते लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस क्लिप को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि, उत्तराखंड के आदिवासी अरावली पहाड़ियों को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वायरल वीडियो को इस कैप्शन के साथ पोस्ट किया गया है…

अरावली पर्वतमाला माला के लिए लड़ते हुए हमारे उत्तराखंड राज्य के आदिवास वीर

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च के माध्यम से जांचा। परिणाम में हमें 3 दिसंबर, 2025 को छपी टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो के समान मुख्य फ्रेम साझा किए गए थें। जबकि रिपोर्ट के अनुसार , यह फुटेज छत्तीसगढ़ के सरगुजा डिवीजन का है, जब साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की अमेरा कोयला खदान के प्रस्तावित विस्तार के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़पें हुई थीं। इस दौरान हुई पत्थरबाजी के दौरान कम से कम 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए थें व कई ग्रामीण, जिनमें बड़ी संख्या में आदिवासी और महिलाएं शामिल थीं, भी घायल हुए थें।

एएनआई द्वारा साझा की गई एक पोस्ट में भी यही वीडियो दर्शाया गया है। साथ ही पुष्टि की गई है कि यह छत्तीसगढ़ का वीडियो है। जब एसईसीएल अमेरा कोयला खदान के विस्तार को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज होने के साथ ही क्षेत्र में तनाव बढ़ गया।

और ढूंढने पर हमें 3 दिसंबर 2025 को न्यूज18 हिंदी की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो के दृश्य दिखाई देते हैं। रिपोर्ट में ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुई झड़प के वीडियो को छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर स्थित अमेरा कोयला खदान से जुड़े विवाद का बताया गया है। साथ रिपोर्ट से पता चलता है कि साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की अमेरा कोयला खदान में उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब खदान में खुदाई के दौरान परसोढ़ी कला गांव के करीब 300 ग्रामीण लाठी, डंडों और गुलेल के साथ पहुँच गए और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। इस हमले में करीब 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस झड़प में ग्रामीणों द्वारा की गई पत्थरबाजी को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हल्का बल प्रयोग किया।

इनसभी के अलावा वायरल दावे से सम्बंधित रिपोर्टों को अमर उजाला, एबीपी न्यूज़दैनिक भास्कर के हवाले से प्रकाशित देखा जा सकता है। जिनके अनुसार, वायरल वीडियो को छत्तीसगढ़ के सरगुजा का ही बताया गया है। जब 3 दिसंबर 2025 को अमेरा कोयला खादान के विस्तार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों और पुलिस के बीच भयंकर झड़प हो गई थी। 

इसलिए हम कह सकते हैं कि वायरल किया जा रहा यह वीडियो न तो अरावली प्रदर्शन से सम्बंधित है और न ही यह वीडियो उत्तराखंड का है।

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि अरावली को बचाने के लिए किए जा रहे प्रदर्शन के नाम पर असंबंधित वीडियो फैलाया जा रहा है। यह उत्तराखंड में आदिवासियों द्वारा अरावली को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का नहीं है। बल्कि, छत्तीसगढ़ के सरगुजा में अमेरा कोयला खादान के विस्तार के विरोध में किए गए प्रदर्शन का है, जिसमें ग्रामीणों और पुलिस के बीच भयंकर झड़प हुई थी।

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Title:अरावली प्रदर्शन से जोड़ कर उत्तराखंड के आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन के नाम से असंबंधित वीडियो वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha 

Result: False

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