
18 दिसंबर 2025 को मैमनसिंह ज़िले में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की अफवाहों के बाद एक बांग्लादेशी हिंदू युवक, दीपू चंद्र दास को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला गया और उसके शव को एक हाईवे पर जला दिया गया। पुलिस और RAB अधिकारियों ने बाद में कहा कि ईशनिंदा के आरोप का समर्थन करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है। अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ बांग्लादेशी पुलिसवाले एक शख्स को कॉलर से पकड़कर घसीटते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये दीपू दास के आखिरी पलों का वीडियो है। इसके बाद पुलिस ने उन्हें कट्टरपंथियों के हवाले कर दिया था।
वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- दीपू चंद्र दास का आख़िरी वीडियो सामने आया है।वीडियो में वह साफ़ कहते दिख रहे हैं –“मैंने किसी का अपमान नहीं किया, मुझे माफ़ कर दो।”इसके बावजूद, पुलिस की मौजूदगी में उन्हें भीड़ के हवाले कर दिया गया।उसके बाद जो हुआ, वह पूरी दुनिया ने देखा।यह सिर्फ़ एक व्यक्ति की हत्या नहीं,यह सरकारी नाकामी, पुलिस की लापरवाही और मानवाधिकारों की खुली हत्या है।सवाल ये है:• क्या भीड़ को कानून से ऊपर रखा गया?• क्या सरकार और पुलिस अपनी जिम्मेदारी से बच सकती है? पूरा सच देखिए, समझिए और आवाज़ उठाइए।

अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया, परिणाम में वायरल वीडियो की खबर हमें YouTube चैनल @dhakatoday_news पर अपलोड किया हुआ मिला। “पुलिस की पिटाई के बाद कॉलेज स्टूडेंट रोने लगा” टाइटल वाले इस वीडियो में वही आदमी दिख रहा है जिसने पीछे ‘मोमिन’ नाम लिखी जर्सी पहनी हुई है। ये वीडियो 18 नवंबर को अपलोड़ किया गया है।
इस वीडियो और वायरल क्लिप दोनों में, एक पुलिस ऑफिसर द्वारा उस आदमी को जाने देते हुए दिखाई देता है।
हमें यह भी पता चला कि उस आदमी ने एक टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिसकी बाईं ओर ढाका कॉलेज का लोगो और दाईं ओर “सेशन 2022–23” लिखा हुआ था। हमने टी-शर्ट पर दिख रहे लोगो की तुलना ढाका कॉलेज के ऑफिशियल लोगो से की और पाया कि वे बिल्कुल एक जैसे थे। इससे ये साफ है कि वीडियो ढाका कॉलेज का है।

22 दिसंबर 2025 के एक एक्स पोस्ट में, एक बांग्लादेशी फैक्ट चेकर ने वायरल वीडियो को खारिज करते हुए कहा कि इसे गलत दावे के साथ साझा किया जा रहा है।
इसके साथ ही एक बांग्लादेशी खबर के हवाले से यह जानकारी मिलती है कि वीडियो में नजर आ रहे पुलिस अधिकारी का नाम मसूद आलम है, जो ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (रामना डिवीजन) के डिप्टी कमिश्नर हैं। दीपू चंद्र दास की हत्या ढाका से लगभग 90 किलोमीटर दूर मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में हुई थी।

हमें ‘दैनिक सकाल’ नाम के एक दूसरे फेसबुक पेज पर उसी घटना का एक और वीडियो मिला। इस वीडियो में डिप्टी कमिश्नर मसूद उस छात्र को एक रिक्शे में बैठाकर वापस हॉस्टल भेजते हुए दिखाई दे रहे हैं।
दीपू दास की हत्या-
इतनी बात तो यहीं साफ हो जाती है कि ये वीडियो दीपू दास की मौत से संबंधित नहीं हो सकता क्योंकि दास की हत्या 18 दिसंबर को हुई थी। उन्हें मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में पीट-पीटकर मार डाला गया था और बाद में उनका शव जला दिया गया था। लेकिन वायरल हो रहा ये वीडियो दास की हत्या से पहले ही सोशल मीडिया पर मौजूद है।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, ढाका कॉलेज के एक
छात्र का एक गैर-संबंधित वीडियो बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की लिंचिंग से जोड़कर गलत तरीके से शेयर किया जा रहा है।
Title:ढाका कॉलेज का एक पुराना गैर-संबंधित वीडियो, बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की लिंचिंग से जोड़ कर वायरल…
Fact Check By: Sarita SamalResult: Misleading


