सोशल मीडिया पर एक चर्चित वीडियो जिसे उच्च जाती के लोगों द्वारा दलितों पर अत्याचारों का बता फैलाया जा रहा है, इस वीडियो में एक व्यक्ति जिसके आस पास कुछ अन्य लोग खड़े हैं को एक युवक जो कि जमीन पर बैठा है को जूते जैसी किसी वस्तु से पानी पिलाते हुये देखा जा सकता है, सोशल मंचों पर इस वीडियो को साझा कर ये दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दलित व्यक्ति को उच्च जाति वाले जूते से पानी पिला रहे हैं| वीडियो में जिन्हें उच्च जाति का बताया गया है उन्हें राजस्थानी बोली में बात करते हुए सुना जा सकता है |
वायरल वीडियो पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि
“उच्च और नीच की भेदभाव को दूर करती यह वीडियो एक उच्च जाति का हिन्दू भाई अपने एक दलित भाई को प्यार से जूते में पानी पिलाते हुवे। जातपात छुआछूत के बंधन तोड़ आपसी भाईचारे की मिसाल देते हुए। ये है आज का नया भारत वाकई मेरा देश बदल रहा है |”
अनुसंधान से पता चलता है कि..
घटना राजस्थान से सम्बंधित है लेकिन इस घटना का जातिवाद से कोई संबंध नही है, इस घटना से संबंधित सारे लोग देवासी समुदाय के हैं जो आमतौर पर पशुपालन का काम करते हैं | |
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को गूगल पर कीवर्ड सर्च करने से शुरू की, जिसके परिणाम से १६ जून २०२० को दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित एक खबर प्राप्त हुई | रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना राजस्थान के पाली जिले के सुमेरपुर की है जहाँ इस युवक को गांव के एक विवाहित महिला के साथ संबंध बनाने के आरोप में सुपर्णा (सरदारपुरा) गांव, सिरोही में उठाकर लाया गया था | जिसके बाद उसे पीटा गया, शराब की बोतल से पेशाब पीने पर मजबूर किया गया और जूतों से पानी पिलाया गया | आरोपियों ने युवक के भाई और चाचा को भी बुलाया और उन्हें रात भर एक पेड़ से बांधे रखा | साथ ही उन्होंने उनसे 5000 रुपये लिए | रिपोर्ट के अनुसार, घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने १५ जून को शिकायत दर्ज की। | पांच लोगों को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया – लक्ष्मणराम देवासी, जवानाराम, भीमाराम, नवाराम और दरगाराम देवासी | इस मामले के चलते एक नाबालिग को भी पुलिस हिरासत में ले लिया गया | रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपीयों द्वारा पीड़ित परिवार को धमकी भी दी गई है, ये प्रकरण ११ जून को हुआ था |
फैक्ट क्रेसेंडो ने पाली स्थित सुमेरपुर की डेपुटी एस.पी भोमा राम से संपर्क किया, इस घटना पर उनके द्वारा हमें बताया गया कि
“यह मामला ३ से ४ महीने पुराना है और यह घटना सुमेरपुर की है | युवक को विवाहित महिला के साथ संबंध रखने के आरोपों के बाद पीटा गया | घटना का जातिवाद से कोई लेना-देना नहीं है | इस घटना से संबंधित सारे लोग देवासी समुदाय के हैं जो आमतौर पर पशुपालन का काम करते हैं | मामले में अब तक १० से ११ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है |”
दैनिक जागरण ने पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी पर एक वीडियो रिपोर्ट की थी जिसमें कोटा शहर के एस.पी की बाईट है जहाँ उन्होंने बताया कि पीड़ित एक महिला से प्यार करता था, जिस की वजह से आरोपी क्रोधित थे और इसी कारण से वे इस युवक को सिरोही उठा ले आये थे, जहाँ उसे पीटा गया और जूते से पानी पिलाया गया। इस मामले में कुल छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था |
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को गलत तरीके से जातिवाद से जोड़कर फैलाया जा रहा है | इस घटना में पीड़ित और आरोपी सब एक ही जाति के है | इस घटना के साथ दलित पर उच्च जाति के लोग द्वारा किये गये अत्याचार का कोई संबंध नही है |
Title:राजस्थान में जूतों से पानी पिलाने वाले युवक के वीडियो को जातिवाद से जोड़ गलत दावों के साथ फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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