फेसबुक तथा अन्य सोशल मीडिया मे बड़ी तेजी से साझा हो रही एक पोस्ट मे लिखा है कि “आप जब भी अकेले रात में ऑटो या टैक्सी में बैठें तो उस ऑटो या टैक्सी का नंबरनंबर ९९६९७७७८८८ पर SMS कर दें, आपके फ़ोन पर तत्काल मैसेज आएगा अक्नोलेजमेंट का, आपके वाहन पर GPRS से नज़र रखी जायेगी, धन्यवाद” | यह सूचना अकेले सफ़र करने वाली महिलाओं के लिए जारी किया जा रहा है |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
तथ्यों की जांच:
हमने सबसे पहले पोस्ट में दिए गए नंबर को ‘ट्रूकॉलर’ नामक ऐप मे ढूंढा तो यह नंबर हमें ‘Helpline Helplin (Helpline Help Taxi)’ के नाम से मिला, पर फ़ोन लगाने पर “डायल किया गया नंबर मौजूद नहीं है, कृपया नंबर जांच ले” सुनाई दिया और इस नंबर पर कहे अनुसार SMS करने के बाद भी कोई जबाब भी नहीं आया |
जब हमें पता चला की यह नंबर गलत है, तो हमने छानबीन आगे बढाई | पता चला कि यह नंबर ८ मार्च २०१४ को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पर्व पर मुंबई पुलिस ने अकेले सफ़र करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए शुरू किया था |
इस योजना की शुरुआत करते समय तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने कहा था – “एस्थर हत्या के मामले के बाद, हम वाहन के पंजीकरण या परिवहन के तरीके का पता लगाने में असमर्थ थे जो उसने अपनी हत्या से पहले इस्तेमाल किया था|” |
मगर सफलता नहीं मिलने के कारण २०१७ में यह योजना बंद कर दी गयी थी |
उस समय यह उपरोक्त पोस्ट में दिया गया नंबर सबको साझा किया गया था | दिसम्बर २०१४ को यही नंबर तेलन्गाना में इसी तरीके से साझा किया गया था जिससे सबको लगा यह सेवा दुसरे प्रदेशों मे भी शुरू हो गयी है | इस ख़बर को TOI और Mirchi9 ने भी प्रकाशित किया था |
TOIPost | ArchivedLink | Mirchi9Post | ArchivedLink |
१२ अक्टूबर २०१५ को TOI बेंगलुरु ने फिर से उपरोक्त पोस्ट में दिया गयानंबर साझा किये जाने पर एक खबर प्रकाशित की थी,, जिसमे TOI ने लिखा था कि असली ऐप कम इस्तेमाल हो रहा है और झूठी ख़बर ज़्यादा वाइरल हो रही है |
हमने पोस्ट को फिर से ध्यान से पढ़ा तो हमें बाजू मे लिखे कमेंट्स मे दिखा की वैभव मिश्र नामक एक व्यक्ति ने इसे ‘Fake’ कहा है और अलका गुप्ता नामक व्यक्ति ने दिल्ली पुलिस द्वारा साझा किया गया एक ट्वीट शेयर किया है |
अलका द्वारा शेयर किया गया पोस्ट खोलने पर हमें दिल्ली पुलिस द्वारा किया गया एक ट्विट मिला |
ट्विट में दिल्ली पुलिस ने ३१ मार्च २०१६ में यह साफ़ साफ़ लिखा था कि साझा हो रहा यह नंबर गलत है |
१५ मई २०१७ में एक बार फिर से यह नंबर साझा होने पर SMHoaxSlayer.com नामक एक वेबसाईट (जो इस तरीके की सोशल मिडिया मे फैलने वाले गलत ख़बरों को फैक्ट चेक करता है) ने इस नंबर पर एक प्रकाशन जारी किया था | इस प्रकाशन में उन्होंने लिखा था की यह नंबर सिर्फ़ मुंबई के लिए शुरू किया गया था, मगर अब यह नंबर अस्तित्व में नहीं है |
SmhoaxslayerPost | ArchivedLink
२५ जुलाई २०१८ मे ALTNews ने फिर से साझा हो रहे इस नंबर पर प्रकाशन जारी किया था | उसमे लेखिका ने लिखा था कि प्रधान मंत्री की नई योजना के नाम पर पुराना, बंद पडा नंबर साझा किया जा रहा है |
जिस पेज से फिर से यह नंबर साझा हो रहा है, उस पेज पर छानबीन करने पर हमें पता चला कि यह पेज BJP नाम से तो है मगर यह पेज बीजेपी का अधिकारिक पेज नहीं है |
इस पेज को बनाने वाले ने बीजेपी के असली अ धिकारिक पेज को नक़ल किया है |
बीजेपी के अधिकारिक पेज पर हमें इस प्रकार की कोई भी योजना की ख़बर नहीं मिली |
निष्कर्ष : ग़लत
तथ्यों की जांच करने के बाद हम इस बात की पुष्टि करतें हैं कि उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ग़लत है | प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऐसी कोई भी योजना शुरू नहीं की गयी है | यह योजना २०१४ में मुंबई मे शुरू की गयी थी मगर असमर्थ रहने की वजह से २०१७ में बंद कर दी गयी | साझा होने वाली पोस्ट वर्तमान मे संयुक्तिक नहीं है |
Title:क्या अकेले सफ़र कर रही महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिया ९९६९७७७८८८ यह नंबर कार्यरत है ? जानिये सच |
Fact Check By: Nita RaoResult: False
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