
कोरोना महामारी से बचने के लिये सोशल मंचों पर आपको कई दिशा निर्देश जानने को मिलेंगे इनमें से कुछ सही व अन्य भ्रामक व गलत होते है, सोशल मंचों पर इन दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन(W.H.O) से जुड़ा एक वायरल पोस्ट साझा किया जा रहा है जिसमें एक अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ रिपोर्ट के स्क्रीनग्रैब संग्लित है, इस तस्वीर में हमें विश्व स्वास्थ्य संगठन का प्रतीक चिन्ह नज़र आता है व साथ ही लिखा है कि “मास्क का इस्तेमाल केवल स्वास्थ कर्मचारी, देखभाल करने वाले कर्मचारी और वो लोग जो सर्दी व खासी जैसे लक्षण से बिमार है, वही करें।“ उस पोस्ट का दावा है कि यह डब्लू.एच.ओ का दिशा निर्देश है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने इस दावे के विषय में जानकारी पाने के लिए डब्लू.एच.ओ से संपर्क किया, हमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की संचार अधिकारी ग्रेटा आईसाक द्वारा मास्क के बारे में डब्लू.एच.ओ के दिशा निर्देश बताये गये व उनकी वैबसाइट पर इस सम्बन्ध में जो दिशा निर्देश दिये गयें हैं उसका लिंक भी प्राप्त कराया गया ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उनके वैबसाइट पर मास्क के प्रकारों के अंतर्गत “मेडिकल मास्क” व “सादे कपडे से बने मास्क” किन को इस्तेमाल करना चाहिये, ये स्पष्ट किया है।
“मेडिकल मास्क” केवल स्वास्थ कर्मचारी, देखभाल करने वाले कर्मचारी और वो लोग जो सर्दी व खासी जैसे लक्षण से बिमार है, वही इस्तेमाल करें।
“सादे कपडे से बने मास्क” आम जनता को सार्वजनिक स्थानों पर इस्तेमाल करना चाहिये, आम जनता को सम्बंधित क्षेत्र में जारी कोरोना प्रोटोकोल के तहत सरकारी निर्देशों के अनुसार इन मास्कों व अन्य बचाव प्रोटोकोलों का पालन करने की हिदायत है ।
इसके अलावा डब्लू.एच.ओ की बैवसाइट पर आम जनता को मास्क का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए व आम जनता के मास्क न इस्तेमाल करने से भविष्य में क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं यह भी बताया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार:-
मास्क के उपयोग पर किसी भी निर्णय लेने की प्रक्रिया में संभावित जोखिम और नुकसान हैं जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए:
- यदि मास्क गंदे हाथों से दूषित होता है और अक्सर स्पर्श किया जाता है, या चेहरे या सिर के अन्य भागों पर रखा जाता है और फिर मुंह और नाक पर वापस रखा जाता है तो गैर-चिकित्सा या फैब्रिक मास्क किसी व्यक्ति को संक्रमित करने के लिए कोविड19 की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
- इस्तेमाल कर रहें मास्क के प्रकार के आधार पर, साँस लेने में कठिनाई हो सकती है।
- वे चेहरे की त्वचा क्षरण का कारण बन सकते हैं।
- वे स्पष्ट रूप से संवाद करने में कठिनाई का कारण बन सकते हैं।
- वे पहनने के लिए असहज हो सकते हैं।
- यह संभव है कि मास्क का उपयोग, अस्पष्ट लाभों के साथ, पहनने वाले में सुरक्षा की झूठी भावना पैदा कर सकता है, जिससे शारीरिक शारीरिक दूरी और हाथ की स्वच्छता के लिए गैर ज़िम्मेदारी पैदा कर सकता है।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त दावे को गलत पाया है। मास्क इस्तेमाल करने के संदर्भ में वाईरल हो रहा मैसेज “मेडिकल मास्क” के संबन्ध में है। “मेडिकल मास्क” केवल स्वास्थ कर्मचारी, देखभाल करने वाले कर्मचारी और वो लोग जो सर्दी व खासी जैसे लक्षण से बिमार है, वही इस्तेमाल कर सकते हैं और आम जनता को डब्लू.एच.ओ ने कपड़े के मास्क इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

Title:विश्व स्वास्थ्य संगठन(W.H.O) द्वारा स्वस्थ लोगों को मास्क न पहनने का वायरल सन्देश फर्जी है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
