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क्या विद्यालय के पाठ्य पुस्तकों में टीपू सुल्तान की नकली तस्वीर छापी जाती रही है?

१३ जून २०१९ को प्रदीप तम्हंकर नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की | तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “खूंखार मुस्लिम दरिंदे टीपू सुल्तान की असली दरिंदगी वाली फोटो आप भी देख लें | कांग्रेस शासन ने हमें पाठ्य पुस्तकों में मुस्लिम कलाकार द्वारा बनाई टीपू की नकली फोटो ही दिखाई और वह भी उसको महिमा मंडित करने वाली |”

इस पोस्ट के साथ एक तस्वीर भी साझा की गयी है | तस्वीर दो तस्वीरों को जोड़कर कोलाज बनाया गया है | एक श्वेत-धवल तस्वीर है जिसके नीचे लिखा गया है कि “यह टीपू सुल्तान की असली तस्वीर है |” दुसरी तस्वीर के नीचे लिखा गया है कि “यह टीपू सुल्तान की वह तस्वीर है जो कांग्रेस सरकार भारत के विद्यालय के पुस्तकों में छापती थी |” इस तस्वीर के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि टीपू सुल्तान का महिमामंडन करने के लिए कांग्रेस सरकार पाठ्य पुस्तकों में मुस्लिम कलाकार द्वारा बनाई टीपू की नकली फोटो छापती रही है | यह तस्वीर सोशल मीडिया में काफ़ी चर्चा में है और तेजी से साझा की जा रही है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह तस्वीर लगभग २५० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |

आर्काइव लिंक

क्या वास्तव में कांग्रेस सरकार टीपू सुल्तान का महिमामंडन करने के लिए विद्यालय के पुस्तकों में नकली तस्वीर छापती थी? हमने इस तस्वीर व दावें की सच्चाई जानने की कोशिश की |

संशोधन से पता चलता है कि..

जांच की शुरुआत हमने पहली तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की | परिणाम से हमें अलामी स्टॉक इमेज का लिंक मिला | अलामी स्टॉक इमेजेस में इस तस्वीर का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि “यह अफ्रीकी गुलामों का व्यापारी, टीपू टिप है |” वेबसाइट में दी गयी जानकारी के अनुसार “उसका असली नाम हमद बिन मुहम्मद बिन जुमा बिन रजब अल मुरजेबी है |” इस तस्वीर का क्रेडिट “साइंस हिस्ट्री इमेज” को दिया गया है |  

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इसी तस्वीर के नीचे हमें टीपू टिप की एक और तस्वीर दिखी | इस तस्वीर को खोलने पर हमने पाया कि यह भी टीपू टिप की तस्वीर है | लेकिन टीपू टिप की यह तस्वीर उपरोक्त तस्वीर के साथ मेल नहीं खाती हैं जो उसके होने का दावा करती हैं |

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हमने अलामी स्टॉक इमेज के दोनों तस्वीरों की तुलना की | तुलना में यह देखा जा सकता है कि दो व्यक्तियों के चेहरे की विशेषताओं में अंतर हैं | बाईं ओर के व्यक्ति की लंबी, संकीर्ण और पतली नाक है जबकि दाईं ओर के व्यक्ति की नाक मोटे आकार की है | इससे हमें यह पता चलता है कि दोनों तस्वीरें एक ही इंसान की नहीं है |

इसके बाद हम द क्विंट द्वारा किये गए फैक्ट चेक के एक ट्वीट के माध्यम से एक दुसरे ट्वीट पर आए | इस ट्वीट में उल्लेख किया गया है कि तस्वीर में दिखाई दे रहा व्यक्ति टीपू टिप नहीं है, बल्कि लिखा गया है कि “दोनों व्यक्ति समान नहीं हैं, पहली तस्वीर में मोहम्मद बिन हसन रुमलिज़ा, गुलाम का सौदागर है |” इसके साथ दो तस्वीरें भी दी गयी है |

आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक

इसके पश्चात हमने गूगल सर्च पर रुमालिज़ा वर्ड से सर्च किया | परिणाम से हमें पता चला कि रुमालिज़ा उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम भाग में पूर्वी अफ्रीका में गुलामों का तथा हस्तिदंत का व्यापारी था | टीपू टिप की मदद से वह उजीजी का सुल्तान बन गया था |

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हमें विकिपीडिया पर रुमालिज़ा की तस्वीर मिली |

हमें गूगल इमेज से देलागोया बे वर्ल्ड और गेट्टी इमेज के वेबसाइट पर भी उनकी तस्वीर मिली | हमने देखा कि दोनों व्यक्तियों की तस्वीर एक जैसी दिखती है, जिससे हम मान सकते है कि वह टीपू टिप नहीं है बल्कि रुमालिज़ा हो सकते है | हमने वायरल तस्वीर के बगल में रुमालिजा की तस्वीर रखी, और हमें दोनों तस्वीरों में दिखाए गए व्यक्तियों में काफ़ी समानता मिली | चेहरे की विशेषताएं लगभग समान हैं | दोनों तस्वीरों में व्यक्तियों का पहनावा भी समान है | दोनों तस्वीर में खंजर को भी समान तरीके से पहनावे में कसा गया है |

आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक

दोनों व्यक्तियों की समानता देखते हुए इस तुलना से हम यह कह सकते है कि वायरल तस्वीर या तो टीपू टिप का हो सकता है, या रुमालिज़ा का भी हो सकता है | इससे हम यह स्पष्ट रूप से कह सकते है कि वायरल तस्वीर टीपू सुल्तान की नहीं है | यह तस्वीर रुमालिज़ा या टीपू टिप की तो हो सकती है, लेकिन टीपू सुल्तान की नहीं हो सकती |

निष्कर्ष: तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | पोस्ट में जिस तस्वीर को टीपू सुल्तान की मूल तस्वीर होने का दावा किया जा रहा है, वह गलत है | क्योंकि यह तस्वीर या तो तंजानिया के ज़ांज़ीबार में रुमालिज़ा नामक गुलामों के व्यापारी की हो सकती है, या तो टीपू टिप नामक गुलामों के व्यापारी की हो सकती है | इससे यह स्पष्ट होता है कि यह तस्वीर टीपू सुल्तान की नहीं है |

Title:क्या विद्यालय के पाठ्य पुस्तकों में टीपू सुल्तान की नकली तस्वीर छापी जाती रही है?

Fact Check By: Drabanti Ghosh

Result: False

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