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अमेरिका में २०१८ को हुए प्रो-खालिस्तान रैली का वीडियो वर्तमान भारत में हो रहे किसान आंदोलनों का बता वायरल किया जा रहा है|

सोशल मीडिया पर वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलनों को लेकर कई अफवाएं फैलाई जा रही है | पुरानी व असंबंधित तस्वीरें और वीडियो को सोशल मीडिया पर किसान आंदोलनों से जोड़कर फैलाया जा रहा है | फैक्ट क्रेसेंडो ने पहले भी ऐसे कई भ्रामक पोस्ट का फैक्ट चेक कर हमारे पाठकों के सामने सच्चाई पहुंचाई है | इन्हीं प्रदर्शनों के चलते सोशल मीडिया पर एक क्लिप को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि किसान बिल के खिलाफ चल रहे आंदोलनों में किसानों ने खालिस्तान की मांग करते हुए “गली गली में शोर है, भारत माता चोर है” के नारे लगाये |

इस वीडियो को दो शीर्षकों के साथ साझा किया जा रहा है |

पहला शीर्षक

 “इस वीडियो को देखकर आपको समझ आ जायेगा कि किसान आंदोलन और खालिस्तान मूवमेंट में क्या कनेक्शन है और ये आंदोलन कहाँ से संचालित हो रहा है |”

दूसरा शीर्षक

#गली गली में शोर है भारत माता चोर है !! खालिस्तान ज़िंदाबाद !! #हे भारतवासियों ! क्या अभी भी आपको लगता है कि कृषि कानून का विरोध करने वाले किसान हैं ? यह तो काँग्रेस-आप-मुस्लिम और पाकिस्तान पोषित खालिस्तानी आतंकवादी हैं…ये तो किसान आंदोलन के नाम पर सीधे सीधे हिंदुत्व और हिंदुस्तान का विरोध कर रहें |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

अनुसन्धान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया कि वायरल २०१८ की अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को से है, इस वीडियो का किसानों के विरोध आंदोलनों से कोई सम्बन्ध नहीं है।

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड वी वेरीफाई टूल की मदद से कीफ्रेम्स में तोड़कर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें यह वीडियो ११ जुलाई २०१८ में एक फेसबुक पेज पर उपलब्ध मिला | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि

“इनको खालिस्तान चाहिए नारे लगा रहे है भारत माता चोर है हिंदुयों तुम्हारी माता चोर है ये लोग कुछ साल पहले तक इसी भारत से ही विदेशों में गए होंगे कुछ सदियों पहले तक इनके पूर्वज इसी धर्म का हिस्सा रहे होंगे जिसको अब ये चोर बोल रहे है पंजाब में धर्म के नाम पर किसी भी निहत्थे को पीट दो इनको डिफेंड करने वाले फिर बोलते है कि खालसा ऐसे ही नही मारता किसी को भी , जरूर कोई कारण रहा होगा । जैसे तालिबान moral policing करते थे वो ही ये करते है पंजाब में और पंजाब से बाहर अगर किसी सिख को कोई हाथ भी लगा दे तो पूरी कौम पर अत्याचार बता कर विदेशों तक मे बदनाम करो । तब नही बोलते कि कारण तो देख लो किस लिए पीट रहे है पिछले दिनों लोगो ने एक तांत्रिक को बुरी तरह मार पिटा था वजह जादू टोने थी । उसके बड़े हुए बालों व दाढ़ी की वजह से खालिस्तानियों के सभी पेज ये प्रचार करने लगे कि भारत मे देखो सिखों पर कितना अत्याचार हो रहा है ।भारत मे सच्चाई तो अखबारों में आ चुकी थी पर सोशल मीडिया पर पूरी दुनिया मे इसे सिखों पर अत्याचार दिखाते रहे एक पार्किंग की भी वीडियो थी जो दोगलापन दिखाती है कोई 2 लोगो की गलती पर एक को तो ये सुरमे बुरी तरह पीटते है दूसरे को इस लिए छोड़ देते है कि वो साबित सूरत सिख है मतलब उसकी पगड़ी दाढ़ी की वजह से सब कुछ माफ , और ये बात पीटने आप वीडियो बनाते खुद कह रहे थे कि इसको सिख होने की वजब से हमने छोड़ दिया तब भी हमारे मित्र दावा करते है कि खालसा अन्याय के खिलाफ लड़ता है |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

इसके अलावा हमें गुरमुखी में लिखे शीर्षक के साथ यह वीडियो १२ जून २०१८ को उपलब्ध मिला | शीर्षक में लिखा गया है कि “#गली गली में शोर है भारत माता चोर है |” इस वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें लोगों के शर्ट के पीछे “मार्च फॉर फ्रीडम खालिस्तान, सन फ्रांसिस्को |” लिखा हुआ पाया |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

आगे हम वीडियो में प्रॉपर होटल नामक एक बिल्डिंग को देख सकते है | गूगल पर इस होटल के बारे में सर्च करने पर हमने पाया कि प्रॉपर होटल अमेरिका के सन फ्रांसिस्को में है | इस होटल व जिस रास्ते में २०१८ में मोर्चा निकाला गया था दोनों को आप नीचे गूगल स्ट्रीट व्यू में देख सकते है |

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त वीडियो के साथ वायरल हो रहे दावों कों गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल क्लिप सैन फ्रांसिस्को से २०१८ की है और यह वर्तमान में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन से सम्बंधित नहीं है |

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किसान आंदोलनों से सम्बंधित अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :
१. वायरल तस्वीर में दिख रहे सेना के अफसर और ज़ख्मी किसान दो अलग- अलग शख्स है, इन दोनों को एक व्यक्ति बता वायरल किया जा रहा है।

२. 2019 में हुये वर्ल्ड कप के दौरान पाकिस्तान और खालिस्तान के लिए लगे नारों के वीडियो को वर्तमान किसान आंदोलन का बता वायरल किया जा रहा है।

३. निहंग सिखों के एक पुराने वीडियो को वर्तमान में किसान आंदोलन से जोड़ फैलाया जा रहा है|

Title:अमेरिका में २०१८ को हुए प्रो-खालिस्तान रैली का वीडियो वर्तमान भारत में हो रहे किसान आंदोलनों का बता वायरल किया जा रहा है|

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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