यह वीडियो भीमा कोरेगांव में इक्ट्ठा हुई भीड़ का नहीं है। यह अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स का वीडियो है। वहाँ लोग फीफा कप जीतने की खुशी मना रहे है।

1 जनवरी को पुणे के भीमा कोरेगांव में दलित समाज के लोगों ने शौर्य दिवस मनाया। वहाँ काफी बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसको जोड़कर एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। उसमें आप लाखों की भीड़ में लोगों को इक्ट्ठा हुये देख सकते है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो भीमा कोरेगांव में इकट्ठा हुई भीड़ का है।
वायरल हो रहे पोस्ट में यूज़र ने लिखा है कि यह वीडियो भीमा कोरेगांव का है। और उसमें आप भीमा कोरेगांव पर बना एक गाना भी सुन सकते है। इस पोस्ट को आप नीचे देख सकते है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
इस वीडियो को देखने पर हमें एक हल्के नीले रंग का एक झंडा देखने को मिला। आप नीचे दी गयी तस्वीर में देख सकते है।

यह झंडा दलित समाज का झंडा नहीं है। उनके झंड़े का रंग गहरा नीला है और उसपर सफेद रंग का चक्र बना होता है। आप नीचे देख सकते है।

इससे हमने अनुमान लगाया कि यह वीडियो भीमा कोरेगांव का नहीं है। आगे की जाँच करने पर हमें पता चला कि वीडियो में दिख रहा झंडा अर्जेंटीना का है। आप नीचे दी गयी तस्वीर में देख सकते है।

इसके बाद हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया। परिणाम में हमें यही वीडियो Guardian Football के चैनल पर 19 दिसंबर 2022 को प्रसारित किया हुआ मिला। उसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि यह वीडियो ब्यूनस आयर्स शहर में फ्रांस के खिलाफ अर्जेंटीना की जीत का जश्न मना रहे लोगों का है।
19 दिसंबर को प्रकाशित द हिंदू की रिपोर्ट में भी इस वीडियो की तस्वीरें प्रकाशित की गयी है। और उसमें भी यही बताया गया है कि 18 दिसंबर, 2022 को फीफा वर्ल्ड कप फाइनल में अर्जेंटीना की जीत होने के बाद ब्यूनस आयर्स लोगों ने सड़कों पर उतर कर जश्न मनाया था। ये उसी का वीडियो है।
निष्कर्ष:
तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स का है। वहाँ लोग फीफा वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना की हुई जीत का जश्न मना कहे है। इसका भीमा कोरेगांव से कोई संबन्ध नहीं है।

Title:अर्जेंटीना में जीत का जश्न मना रहे लोगों के वीडियो को भीमा कोरेगांव का बताया जा रहा है।
Fact Check By: Samiksha KhandelwalResult: False
