इस वीडियो में वकील कुछ बात को लेकर उस लड़की की पीटाई कर रहे है। यह दावा गलत है कि उसका जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है।

एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, उसमें आप एक काले और सफेद कपड़े पहने हुये कुछ लोगों को एक लड़की को पीटते हुये देख सकते है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान में हिंदू लड़की को पीटकर उसका जबरन धर्मांतरण कराने की कोशिश की जा रही है।
वायरल हो रहे पोस्ट के साथ यूज़र ने लिखा है, “वीडियो पाकिस्तान की है। देखिए कैसे जबरन धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता है?”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
इस वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने समझा कि सफेद और काले कपड़े पहने हुये शख्स वकील है। इसको ध्यान में रखकर हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया। हमें यही वीडियो AapNewsPK नामक वैरिफाइड चैनल पर 30 अक्टूबर 2019 को प्रसारित किया हुआ मिला। उसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शकरगढ़ कोर्ट में दो वकीलों ने पेशी पर आयी अमृत खातून नामक लड़की को पीटा। इसमें बताया जा रहा है कि जब यह घटना हो रही थी तब पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। जब इस मामले को बार कांउसिल के सामने रखा गया तो उन्होंने भी वकीलों का साथ दिया। उन्होंने कहा कि उनकी साथी वकील जब किसी स्टे के सिलसिले में सुनवाई के लिये जा रहे थे, तब उस लड़की ने उनपर हमला किया।
31 अक्टूबर 2019 को प्रकाशित गल्फ न्यूज़ के वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि शकरगढ़ पुलिस ने बताया कि वीडियो में दिख रही महिला, अमरत कोर्ट में सुनवाई के लिये जा रही थी तब ही उसके और कुछ वकीलों के बीच लड़ाई हो गयी। अमरत शाहपुर भंगुक नामक ईलाके में रहती है। उसके मुताबिक वकील उसे चैंबर में प्रवेश नहीं करने दे रहे थे, उन्होंने उसे कोर्ट के बाहर घसीटा और उसकी पिटाई की। उन वकीलों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया था।
इससे हम कह सकते है कि इसमें धर्मांतरण का कोई संबन्ध नहीं था। वह महिला और वकीलों के बीच कुछ कहा- सुनी हुई, जिस वजह से उन्होंने उसे पीटा।
इस बारें में आगे जाँच करते हुये हमें 1 नवंबर 2019 को ताहिर इमरान मियां नामक एक पत्रकार का ट्वीट मिला। जिसमें उन्होंने उस वकील की तस्वीर पोस्ट की जिसको इस घटना के बाद गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ उन्होंने एफ.आई.आर रिपोर्ट की तस्वीर में पोस्ट की। उसमें साफ तौर पर उस महिला का नामक अमृत और उसके पिता का नाम मोहम्मद सुलेमान लिखा है। आप नीचे दिये गये ट्वीट में देख सकते है।
इससे हम समझ सकते है कि वह महिला मुस्लिम समुदाय से है। और इस घटना में कोई सांप्रदायिक कोन नहीं है।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह घटना वर्ष 2019 में पाकिस्तान के पंजाब में घटी थी। यह दावा गलत है कि उसका धर्मांतरन कराया जा रहा था। इस घटना में कोई सांप्रदायिक कोन नहीं है। वह महिला मुस्लिम समुदाय से है।

Title:लड़की को पीटकर उसका जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है, यह बात गलत है। जानिये इस वीडियो का सच…
Fact Check By: Samiksha KhandelwalResult: False
