वायरल तस्वीर ओडिशा में श्री जगन्नाथ मंदिर की दीवारों पर खुदी हुई एक मूर्ति की है जिसके 2009 में निर्माण किया गया था। ये हज़ारों साल पुरानी मूर्ति नहीं है।
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की जा रही है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह हजारों साल पुरानी मूर्ति की तस्वीर है, जिसमें भगवान विष्णु के वराह अवतार को गोल आकार की पृथ्वी को उठाते हुए दिखाया गया है।
मूर्तिकला की तस्वीर को साझा करते हुए, इस पोस्ट में दावा किया गया है कि सनातन धर्म के पूर्वजों ने दुनिया को यह जानने से हजारों साल पहले ही पृथ्वी का आकार निर्धारित कर दिया था कि पृथ्वी गोल है।
पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है की “इस मूर्ति को ध्यान से देखिए, यह भगवान विष्णु के वराह अवतार की है जिसमे वह पृथ्वी को रसातल से निकालते हुए दिखाए गए है। अब सबसे बड़ा आश्चर्य यह होता है की इसमें पृथ्वी का आकार गोल दिखाया गया और दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का ज्ञान आज से 500 – 600 साल पहले मिला, जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मंदिर में सहस्त्रों वर्ष पूर्व से ही है।”
अनुसंधान से पता चलता है की…
जाँच की शुरुवात हमने वायरल तस्वीर को गूगल पर कीवर्ड और रिवर्स इमेज सर्च करने से की, परिणाम से हमें इंडिया डिवाइन संस्था ने इस तस्वीर को उनके ट्विटर अकाउंट से तवीत करते हुए लिखा है की “यह बालासोर के इमामी जगन्नाथ मंदिर की नक्काशी है, जिसे 2009 में बनाया गया था।” यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह एक हजार साल पुराना मंदिर है जिसमें वराह अवतार को पृथ्वी को उठाकर दिखाया गया है। यह कोई प्राचीन नक्काशी नहीं है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने इस मंदिर के वेबसाइट को ढूँढा। बालासोर में स्थित जगन्नाथ मंदिर का निर्माण बालासोर में इमामी ग्रुप द्वारा किया गया है। प्रसिद्ध वास्तुकार और पद्म विभूषण, रघुनाथ महापात्र, इस मंदिर निर्माण के मुख्य वास्तुकार थे। इस मंदिर का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था और 2015 में इसका उद्घाटन किया गया था।
आगे हमने इस मंदिर को गूगल मैप्स पर श्री जगन्नाथ मंदिर को ढूँढा, परिणाम से हमें गूगल मैप्स के इमेजेज पर उपलब्ध तस्वीरों में वायरल तस्वीर में दिख रही मूर्ति नज़र आया जिसे आप यहाँ और यहाँ देख सकते है।
नीचे आप गूगल मैप्स के तस्वीर और वायरल तस्वीर के बीच की समानताय देख सकते है।
नीचे आप बालासोर में स्थित जगन्नाथ मंदिर के वीडियो को देख सकते है। इस वीडियो में भी वायरल मूर्ति हो देखा जा सकता है। वीडियो के विवरण के अनुसार इमामी जगन्नाथ मंदिर को में पुरी जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति का रूप बताया जाता है। तस्वीर ओडिशा में श्री जगन्नाथ मंदिर की दीवारों पर खुदी हुई एक मूर्ति दिखाती है।
निष्कर्ष:
तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वायरल तस्वीर के साथ किये गये दावे को गलत पाया है। ये मंदिर ओडिशा में जगन्नाथ मंदिर के अंदर वराह की मूर्ति की है, जिसका उद्घाटन 2015 में किया गया था। इस वीडियो को हजारों साल पुरानी मूर्ति की तस्वीर के रूप में गलत तरीके से साझा किया जा रहा है।
Title:2015 में निर्माणित मंदिर के मूर्ति को हजारों साल पुराना बताकर वायरल।
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
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