इस वर्ष 5 जुलाई को नागरिक अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का निधन हुआ है, इसी के चलते सोशल मंचों पर एक तस्वीर काफी तेज़ी से वायरल हो रही है, जिसमें आप एक बुजुर्ग को अस्पताल के बेड पर बैठे हुये देख सकते है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर बुजुर्ग कार्यकर्ता स्वर्गीय स्टेन स्वामी है।
वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,
“84 साल का यह बुजुर्ग मोदी सरकार के लिए आतंकवादी था। जंजीर में कैद थे बीमार फादर स्टेन स्वामी क्योंकि वह आदिवासियों के लिए लड़ते थे।“
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रही तस्वीर नागरिक अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की नहीं है। यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के एटा जिले में स्थित एटा जेल के एक 92 वर्ष के कैदी की है।
जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रीवर्स इमेज सर्च कर की, परिणाम में हमें वायरल हो रही यही तस्वीर इंडिया टुडे द्वारा इस वर्ष 13 मई को प्रकाशित एक लेख में प्रकाशित की गयी मिली। इस लेख के मुताबिक यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के एटा जिले में स्थित एटा जेल के एक 92 वर्ष के कैदी की है। जेल के एक कैदी बुजुर्ग को जेल अधिकारियों द्वारा जिला महिला अस्पताल लाया गया था क्योंकि वह एक गैर-कोविड बीमारी के कारण सांस की तकलीफ से पीड़ित था। अस्पताल में उन्हें बिस्तर से बांध दिया गया था व इस कृत्य के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई की गयी है।
इसके बाद हमने ये पता लगाया कि कार्यकर्ता स्वर्गीय स्टेन स्वामी का निधन कहाँ हुआ व वे कौन से जेल में कैद थे।
हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा इस वर्ष 6 जुलाई को प्रकाशित की हुई एक ख़बर मिली, जिसके मुताबिक कार्यकर्ता स्वर्गीय स्टेन स्वामी एलगर परिषद केस के चलते अक्टूबर 2020 से मुंबई के तलोजा सेंट्रल जेल में कैद थे व कोरोना से संक्रमित होने की वजह से उनको मुंबई के बांद्रा के होली फैमेली अस्पताल में भर्ती किया गया था और वही पर उनका निधन हुआ था।
आखिर में उपरोक्त सारे सबूतों की पुष्टि करने हेतु फैक्ट क्रेसेंडो ने उत्तर प्रदेश के एटा जेल के अधिक्षक से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि, “वायरल हो रही तस्वीर एटा जेल के एक बुजुर्ग कैदी की है। उनका नाम बाबुराम है, उनको अस्पताल में भर्ती किया गया था व वे वहां से भाग रहे थे और अपना इलाज नहीं करवा रहे थे इसलिये उनकी हथकड़ियाँ लगायी गयी थी। ये तस्वीर पुरानी है व कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की नहीं है।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ वायरल हो रहा दावा गलत है। यह तस्वीर नागरिक अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की नहीं है। यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के एटा जिले में स्थित एटा जेल के एक 92 वर्ष के कैदी की है।
फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :
१. 500 रुपये के नोट पर लगी हरी पट्टी की जगह को लेकर हो रहे दावे गलत व भ्रामक हैं।
Title:उत्तर प्रदेश के एटा जेल के बुजुर्ग कैदी की तस्वीर को मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वर्गीय स्टेन स्वामी की बता वायरल किया जा रहा है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
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