False

क्या वर्तमान में बेरोजगार युवाओं द्वारा उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के काफिले को रोकने का प्रयास किया गया? जानिये सत्य..

सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से फैलाया जा रहा है जिसमे देखा जा सकता है कि गाड़ियों का एक काफ़िला निकल रहा है और कुछ ही देर में एक भीड़ काफ़िले को रोकने का प्रयास करती है | इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि वर्तमान में लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले को राज्य के बेरोजगार युवकों द्वारा रोका गया | वीडियो में देखा जा सकता है कि योगी आदित्यनाथ के सुरक्षा कर्मी और पुलिसकर्मी भीड़ को काबू करने में लग जाते हैं | प्रदर्शनकारीयों को ‘योगी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’ और ‘योगी मुर्दाबाद’ के नारे लगाते हुये सुना जा सकता हैं |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि 

कल लखनऊ में योगी जी के काफिले को रोकते… बेरोजगार अपने ताकत का एहसास करा दिये योगी जी रोजगार दो वरना रोड पर चलना मुश्किल हो जायेगा |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया कि यह वीडियो 2017 से है जब एक प्रदर्शन के चलते लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र/छात्राओं द्वारा तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफ़िले को रोकने का प्रयास किया गया था |

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड टूल की मदद से गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें न्यूज़२४ लाइव नामक एक यूट्यूब चैनल पर १२ जून २०१७ को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “महिलाओं ने सरेआम कर दिया योगी कि गाडी पर हमला… जानिये क्यों |”

तद्पश्चात हमने उपरोक्त वीडियो और अपलोड समय को ध्यान में रखते हुए गूगल पर कीवर्ड सर्च किया जिससे हमें ६ जून २०१७ को न्यूज़लांड्री द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली | इस खबर में हम वीडियो में दिख रहे दृश्यों और लोगों की तस्वीर देख सकते है | इस खबर में हम वायरल वीडियो को भी देख सकते है | इस रिपोर्ट के अनुसार 7 जून 2017 को लखनऊ यूनिवर्सिटी के 25 छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन किया | इसमें से ज्यादातर समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ता थे जो समाजवादी पार्टी की शाखा है | छात्रों ने काले झंडे लहराए, नारेबाज़ी की और रोड पर लेटकर मुख्यमंत्री के काफ़िले को रोकने की कोशिश की, ये तब हुआ जब मुख्यमंत्री और गवर्नर राम नाइक शिवाजी के सम्मान में आयोजित हिंडावी स्वराज दिवस में शामिल होने जा रहे थे |

आर्काइव लिंक

विरोध प्रदर्शन को पुलिस द्वारा “सुरक्षा उल्लंघन” के रूप में देखा गया, जिन्होंने छात्रों पर लाठीचार्ज किया, उन्हें हिरासत में लिया और विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया | शिथिलता बरतने पर सात पुलिस कर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया था | लखनऊ विश्वविद्यालय के 14 छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज की गई थी | न्यूज़लांड्री के रिपोर्ट के अनुसार जब छात्रों को 8 जून को अदालत में पेश किया गया, तो उनमें से ग्यारह की जमानत नामंजूर हुई थी और उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था | इस मामले पर हमें इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट भी मिली जो 11 जून 2017 को प्रकाशित हुई थी | इस रिपोर्ट के मुताबिक़ गिरफ़्तार हुए प्रदर्शनकारियों में से अधिकतर को बेल नहीं मिल पाई थी | 

आर्काइव लिंक

निष्कर्ष:
तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो लखनऊ में ७ जून २०१७ के एक प्रदर्शन का है जब लखनऊ यूनिवर्सिटी से छात्र और छात्राओं ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का काफ़िला रोकने का प्रयास किया था |

Title:क्या वर्तमान में बेरोजगार युवाओं द्वारा उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के काफिले को रोकने का प्रयास किया गया? जानिये सत्य..

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

Recent Posts

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी सैनिकों पर भारतीय सेना के एक्शन के दावे से 5 साल पुराना वीडियो वायरल…

भारतीय सेना की तरफ से पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई के दावे से वायरल वीडियो अप्रैल…

2 days ago

पाकिस्तानियों के भारत छोड़ने का नहीं है यह वीडियो, फर्जी दावा किया जा रहा वायरल…

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने भारत में…

2 days ago

संदिग्ध आतंकी 2017 में पकड़ा गया था , पुरानी रिपोर्ट पहलगाम हमले से जोड़कर वायरल….

पहलगाम हमले के बाद  सोशल मीडिया पर एबीपी न्यूज की एक वीडियो रिपोर्ट के जरिए…

3 days ago

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बनी बीआर आंबेडकर की प्रतिमा चीन में बने स्टेचू के दावे से वायरल…

बीआर आंबेडकर की यह प्रतिमा चीन की नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की है,…

3 days ago