मोहम्मद यूनुस और सोनम वांगचुक की पुरानी तस्वीर हालिया बता कर भ्रामक दावे के साथ वायरल…

False Social

वायरल हो रही तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि पांच साल पुरानी है। यह 2020 की तस्वीर है जिसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

अभी हाल ही में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थीं। इसमें चार लोग मारे गए थें और 70 से ज़्यादा घायल हो गए थें। इस पूरे मामले में सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक पर भीड़ को उकसाने, हिंसा भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। इसी संदर्भ से जोड़ते हुए एक पोस्ट वायरल हुआ है, जिसमें एक तस्वीर में सोनम वांगचुक और बांग्लादेश के अंतरिम मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को एक दूसरे से गले लगते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि दोनों के मुलाकात की यह तस्वीर हालिया है। यूज़र ने पोस्ट के साथ यह कैप्शन लिखा है…

लद्दाख के सोनम वांगचुक बंगला देश के मोहम्मद युनुस के साथ *यह है भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्रकारियों का खेल और उसके एजेंट अंतर्राष्ट्रीय दलाल दल एवं अंतर्राष्ट्रीय दलाल परिवार की साजिश

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि

हमने जांच की शुरुआत में वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें सोनम वांगचुक के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर 8 फरवरी, 2020 को पोस्ट की गई वही तस्वीर मिली । इसके साथ लिखे कैप्शन के अनुसार, यह तस्वीर ढाका में ब्रिटिश उच्चायोग में एक कार्यक्रम के दौरान ली गई थी, जहाँ वांगचुक ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी।

हमें वायरल तस्वीर सोनम वांगचुक के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर साल 2020 में शेयर की हुई मिली। यहां भी इस तस्वीर के बारे में यहीं बताया गया है कि ढाका स्थित ब्रिटिश उच्चायोग में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. यूनुस से मुलाकात हुई थी।

और पड़ताल किए जाने पर हमने पाया कि, जिस समय वायरल फोटो 2020 में ली गई थी, उस समय शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत थीं। जबकि मुहम्मद यूनुस ने अगस्त 2024 में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी।

इसलिए साफ़ होता है कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह भ्रामक है।

लद्दाख हिंसा

लद्दाख के लेह में 24 सितंबर को भारी हिंसा हुई थी। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। लद्दाख में यह हिंसा लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में जोड़ने को लेकर हो रहे आंदोलन के दौरान हुई थी। वहीं, इस हिंसा को भड़काने का आरोप सरकार ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर लगाया था। इसके बाद सोनम वांगचुक पर एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं, एफआईआर होने के बाद पुलिस ने सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया। इसी बीच इस मामले में पाकिस्तान का एंगल भी सामने आ रहा है। लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी सिंह जामवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांगचुक की पाकिस्तान और बांग्लादेश यात्राओं पर सवाल उठाए हैं।

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से यह पता चलता कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है। सोनम वांगचुक और सलाहकार मोहम्मद यूनुस की वायरल तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि पांच साल पुरानी है, जब सोनम वांगचुक ने साल 2020 में यूनुस के मुलाकात की थी। 

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Title:मोहम्मद यूनुस और सोनम वांगचुक की पुरानी तस्वीर हालिया बता कर भ्रामक दावे के साथ वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha 

Result: False

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