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प्रयागराज में हिंसा के आरोप में पकड़े गए उपद्रवियों का वीडियो नहीं है,दावा फर्जी….

 प्रयागराज के इसौटा गांव में 29 जून को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 85 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा हैं, जिसमें दिखाई दे रहा है कि  पुलिसकर्मी कुछ ज़ख़्मी युवकों को कहीं ले जा रही हैं। वहीं वीडियो में युवकों के हाथ और सिर पर पट्टियां बंधी हैं और वो सभी ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं। यह वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा हैं कि यूपी पुलिस ने दंगा करने वाले चंद्र शेखर आजाद के समर्थकों की पिटाई कर ये हाल किया है।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- प्रयागराज में चंद्रशेखर रावण के समर्थन में दंगा करने वालों का हाल देख लो..रावण समर्थक को यूपी पुलिस रेल बना रही है!

 फेसबुकआर्काइव

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के कुछ तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में वायरल वीडियो हमें 5 जून को एक्स हैंडल पर मिला। जिनमें इसे श्रीगंगानगर का बताया गया है। साथ में लिखा है कि श्रीगंगानगर में रंगदारी करने वाले चार बदमाशों को पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया, ये बदमाश गैंगस्टरों के नाम पर एक व्यापारी से रंगदारी की मांग कर रहे थे।

जांच में हमें गंगानगर पुलिस का  एक X पोस्ट मिला जिसमें इस मामले से जुड़ी अखबार की एक कटिंग शेयर की गई है। अखबार क्लिप में वीडियो में दिख रहे चारों आरोपी मौजूद थे ।

रिपोर्ट में बताया गया कि श्रीगंगानगर के एक प्रतिष्ठित व्यापारी को गैंगस्टरों के नाम पर जान से मारने की धमकी देकर रंगदारी मांगने वाले चार खतरनाक बदमाशों को पुलिस ने एक सुनियोजित योजना के तहत रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपियों से पांच लाख रुपये की फिरौती की रकम भी बरामद की गई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्यापारी के मुनीम और भतीजे ने ही रंगदारी की साजिश रची थी। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। जब रंगदार, व्यापारी की दुकान पर उससे पांच लाख की वसूली करने आए, तब पुलिस की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया।

प्रयागराज में चंद्र शेखर आजाद के सर्मथकों का मामला-

13 अप्रैल को करछना थाना क्षेत्र के इसौटा गांव के रहने वाले अनुसूचित जाति के देवीशंकर की हत्या के बाद और कौशांबी में पाल समाज की 8 साल की लड़की के साथ रेप के विरोध में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद, दोनों पीड़ित परिवार से 29 जून, रविवार को मिलने जाने वाले थे, लेकिन पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर उन्हें प्रयागराज सर्किट हाउस में नजरबंद कर लिया। इसके विरोध में भीम आर्मी समर्थक प्रदर्शन करने लगे जो देखते ही देखते कई अफ़वाहों के चलते कथित रूप से एक हिंसक प्रदर्शन में तब्दील हो गया। पुलिस प्रशासन ने इस हिंसक घटना में एक्शन लेते हुए अब तक 85 लोगों को गिरफ़्तार किया है।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि , वायरल वीडियो का प्रयागराज हिंसा के आरोपियों से कोई संबंध नहीं है। ये राजस्थान के श्रीगंगानगर का वीडियो है, जहां पुलिस ने जून में रंगदारी के आरोपियों को पकड़ा था।

Title:प्रयागराज में हिंसा के आरोप में पकड़े गए उपद्रवियों का वीडियो नहीं है,दावा फर्जी….

Fact Check By: Sarita Samal

Result: False

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