False

वाहनों के सीट कवर को ब्लेड से काटने का वीडियो फेक सांपद्रायिक दावे से वायरल, वीडियो में दिखाई दे रहा शख्स देहरादून में कोचिंग संचालक धीरज अग्रवाल है।

धीरज अग्रवाल ने फैक्ट क्रेसेंडो को वीडियो सन्देश के जरिए यह स्पष्ट किया है कि वीडियो में दिख रहे शख्स वो खुद है, उनका नाम मोहम्मद जुनैद नहीं है।

इन दिनों सोशल मीडिया पर हैरान कर देने वाला एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जो करीब 1 मिनट का है। दिखाई दे रहा है कि एक शख्स गाड़ियों के सीट कवर को काटता है और उसे पंचर कर देता है। तभी उसकी हरकत कैमरे में कैद हो जाती है। अब सोशल मीडिया यूज़र्स इस वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल कर रहे हैं। साथ ही यह दावा कर रहे हैं कि वीडियो में दिखाई दे रहा शख्स एक मुसलमान है जिसका नाम मोहम्मद जुनैद है और इसने अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए सड़क के किनारे खड़ी गाड़ियों को पंचर किया और उसके सीट कवर को काट दिया। वायरल पोस्ट इस कैप्शन के साथ शेयर हो रहा है… 

*देहरादून के नेहरूग्राम की घटना**मोहम्मद जुनेद सड़क के किनारे खड़ी तमाम गाड़ियों के सीट कवर को और सीट को ब्लेड से 🪚फाड़ता हुआ कैमरे में 📸 कैद हुआ ☹️🤬😡कुछ दूर आगे मोहम्मद जुनैद की सीट कवर की दुकान है* *तो यह अपनी दुकान की बिक्री बढ़ाने के लिए यह नया तरीका कर रहे थे😧🙄 सोचिए आप इसे कहां तक निपट 

+पाएंगे*एक और नया जेहादलव जिहादलैंड जिहादधर्म परिवर्तन जिहाददंगा जिहादरेल जिहादवायुयान जिहाद और अब सीट फाड़ो जिहादये कौम किस हद तक गिर सकती हैआप सोच भी नहीं सकते। आपका जीना हराम करके रहेंगे। और इनको वरदहस्त किसकाकांग्रेससपालालूममताकेजरीवालडीएमकेकम्युनिस्ट। इसलिए कहते हैं चोर नहीं चोर की मां को ठिकाने लगाओये तो खुद पैर पकड़ेंगे।

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में वायरल वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा। ऐसा करने से हमें सड़क के किनारे खड़ी गाड़ियों पर उत्तराखंड के रजिस्ट्रेशन वाले नंबर प्लेट दिखाई दिए। इससे हमें यह पता चला कि वायरल वीडियो उत्तराखंड का है।

इसी दौरान हमें वीडियो में “Uttarakhand Exclusive” का लोगो भी दिखाई दिया। 

जिसके बारे में सर्च करने पर हमें इस नाम से बना इंस्टाग्राम अकाउंट मिला। 

हमने इस अकाउंट पर वायरल वीडियो को ढूंढा। लेकिन वीडियो इस अकाउंट पर मौजूद नहीं था। अब हमने इस अकाउंट को चलाने वाले देहरादून में कार्यरत पत्रकार गौरव वासुदेव से संपर्क किया। उन्होंने हमें स्पष्ट किया कि यह वीडियो 6 अगस्त 2024 को मैंने अपने पेज से अपलोड किया था और करीब 5 दिन पहले यह वीडियो मैंने डिलीट किया। गौरव ने वायरल वीडियो में किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक दावा होने का का खंडन किया। उन्होंने हमें वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम धीरज अग्रवाल बताया, जो असल में देहरादून के डोभाल चौक पर अपनी कोचिंग चलाते हैं। कोचिंग के सामने हो रही पार्किंग समस्या की वजह से उन्होंने सबक सीखने के लिए यह कदम उठाया था

गौरव के माध्यम से हमें कोचिंग संचालक धीरज अग्रवाल का नंबर मिला और हम उन तक पहुंचे। धीरज ने फैक्ट क्रेसेंडो को वायरल दावे का खंडन करते हुए पूरी जानकारी मुहैया कराई। प्राप्त जानकारी के अनुसार धीरज अग्रवाल एक आईआईटीएन है और कई संस्थानों में वो काम कर चुके हैं। उनकी कोचिंग का नाम मैथ्स वाला है जो देहरादून के डोभाल नगर में स्थित है। उनके यहां पर बच्चे आईआईटीजेईईकी तैयारी करने आते हैं। वायरल वीडियो 5 अगस्त 2024 का है जब वो अपनी कोचिंग के सामने हो रही पार्किंग से काफी परेशन थें। उनके अनुसार उनकी कोचिंग में पढ़ने वाले बच्चों को असुविधा हो रहे थी। शुरुआत में उन्होंने पार्किंग करने कि विनती की। लेकिन इससे जब बात नहीं बनी तो उन्होंने मजबूर हो कर सबक सिखाने के मकसद से ये कदम उठाया। आगे उन्होंने बताया किइस दौरान किसी ने यह वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। हालांकि मैंने अगले ही दिन उन सभी गाड़ियों के सीट कवर लगवा दिए थे। इस दौरान पुलिस ने मुझे थाने बुलवाकर इस संबंध में पूछताछ भी की थी। साथ ही उन्होंने मेरा चालान कर आगे से ऐसा कुछ नहीं करने की हिदायत भी दी थी धीरज के अनुसार पहले भी ये वीडियो वायरल हुआ था। लेकिन अभी कुछ दिनों से उनके उस वीडियो को मोहम्मद जुनैद का नाम दे कर फेक कम्युनल एंगेल से वायरल किया जा रहा है। धीरज अग्रवाल ने इस मामले में फेक आईडी का इस्तेमाल कर उनके वीडियो को गलत तरीके से वायरल करने वालों के खिलाफ कर्यवाही करने की मांग की है। धीरज ने इसके लिए साइबर सेल को अपनी शिकायत दर्ज़ कराई है, साथ ही उत्तराखंड पुलिस प्रशासन से भी सहयोग की अपील की है। 

इसके साथ ही धीरज ने फैक्ट क्रेसेंडो को वीडियो संदेश साझा किया, जिसमें वो पूरी घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। पाठकों से अनुरोध है कि वो नीचे दर्शाये लिंक पर क्लिक कर के धीरज अग्रवाल के उस वीडियो को देख सकते हैं, जिसमें उनकी तरफ से वायरल दावे का खंडन किया गया है।

चूंकि डोभाल चौक नेहरूग्राम रायपुर थाना क्षेत्र में आता है, इसलिए हमने रायपुर के सीओ सदर अनिल जोशी से भी संपर्क किया। इनके माध्यम से फैक्ट क्रेसेंडो को यह बताया गया कि यह वीडियो काफी पुराना है और वीडियो में दिख रहे शख्स मैथ टीचर धीरज अग्रवाल हैं। उन्होंने नेहरुग्राम में अपने कोचिंग के पास खड़े होने वाले वाहनों से परेशान होकर यह कदम उठाया था। वीडियो फेक कम्युनल एंगल से वायरल है , इसमें किसी भी प्रकार का कोई धार्मिक कनेक्शन नहीं है।

ऐसे में स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम मोहम्मद जुनैद नहीं, बल्कि धीरज अग्रवाल है। 

निष्कर्ष तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स मोहम्मद जुनैद नहीं, बल्कि धीरज अग्रवाल है। जिन्होंने अपनी कोचिंग के सामने पार्किंग की समस्या के चलते गाड़ियों के सीट कवर को काट कर उन्हें पंचर किया था। हालांकि बाद में उन्होंने उन गाड़ियों को ठीक भी कराया था। धीरज के उसी वीडियो को फर्जी सांप्रदायिक दावे से वायरल किया जा रहा है।

Title:वाहनों के सीट कवर को ब्लेड से काटने का वीडियो फेक सांपद्रायिक दावे से वायरल, वीडियो में दिखाई दे रहा शख्स देहरादून में कोचिंग संचालक धीरज अग्रवाल है।

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: False

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