
१४ सितंबर २०१९ को “Zahid Aslam Khaskheli” नामक एक फेसबुक यूजर ने एक ट्वीट शेयर करते हुए शीर्षक में लिखा है कि “११ सितंबर को भारतीय सैनिकों ने फिर से पूरी तरह से चीन के प्रभावी क्षेत्राधिकार (झील पेंगोंग के उत्तरी तट) के तहत चीन के क्षेत्र में गश्त की, पीएलए द्वारा क्षेत्र में उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जताने के लिए नहीं – ध्यान रखें, पीएलए आक्रमणकारियों को चाय नहीं देता है” |
‘ईवा झेंग’ नामक एक ट्विटर यूजर ने १३ सितंबर २०१९ को एक जिफ पोस्ट कर ये लिखा था कि भारतीय सैनिकों ने इस साल ११ सितंबर को चीन के क्षेत्राधिकार वाले क्षेत्र में घुसपैठ और गश्त करी थी | झेंग द्वारा पोस्ट किए गए जिफ में एक आदमी दूसरे आदमी को लात मारता हुआ दिखाई देता है |
झेंग ने दावा किया कि भारतीय सैनिकों ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा की गई आपत्तियों पर ध्यान नहीं दिया और कथित तौर पर पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर गश्त करना जारी रखा, और इसी के चलते चीनी सैनिक द्वारा भारतीय सैनिक पर हमला किया गया (जो कि ट्वीट के साथ संग्लित गिफ में दिखाई देता है) इस क्षेत्र को चीन का क्षेत्र कहा जा रहा है |
फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने इस वीडियो को यूट्यूब पर “चीन भारत पेट्रोलिंग” कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हुये की, जिसके परिणाम में हमें १९ अगस्त २०१७ को टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रसारित एक वीडियो मिला, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “लद्दाख की पैंगोंग झील के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई हुई” | वीडियो में १५ अगस्त, २०१७ को हुई झड़प के बारे में बात की गई है, जब चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की | वीडियो में चीनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों पर पथराव करते दिखाया गया है | वीडियो में ४९ सेकंड पर, हमें वह हिस्सा मिला जहां एक सैनिक दूसरे को मार रहा है और इसी का जिफ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए उपयोग किया जा रहा है |
इसके पश्चात हमने भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हाल ही में हुए झड़पों की गूगल पर ढूँढा जिसके परिणाम से हमें १७ सितंबर २०१९ को नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित खबर मिली जिसमें कहा गया कि “विदेश मामलों के मंत्री एस जयशंकर के हवाले से कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में पांगोंग त्सो झील के किनारे स्थित भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हाल ही में कोई झड़प नहीं हुई थी जिसमे बल प्रयोग किया गया हो, हालाँकि छोटी छोटी तानातानियों को द्विपक्षीय तंत्र का उपयोग करते हुए अकसर सुलझा लिया जाता है” |
इस खबर को इकोनोमिक टाइम्स द्वारा भी प्रकाशित किया गया है | आर्काइव लिंक
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह वीडियो भारतीय सैनिकों के चीनी क्षेत्र में आने के दावों के साथ वायरल हो रहा है, जबकि २०१७ की घटना के मूल वीडियो को एडिट कर इस वीडियो को बनाया गया है | यह वीडियो मूल तौर पर चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश के बाद उनके बीच हुई हाथापाई का है |

Title:यह एक पुराना वीडियो है जब लद्दाख बॉर्डर पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच अनबन हुई थी |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
