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क्या ७० साल के इंतज़ार के बाद मिजोरम में पहुंची पहली ट्रेन ?

२८ मार्च २०१९ को कुश विवेक अमूल्य नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की | तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि ७० साल का इंतजार खत्म, पहली बार #मिजोरम पहुँची ट्रेन..लोगों का उत्साह देखने लायक है  #मोदी_है_तो_मुमकीन_है | इस तस्वीर में हम एक ट्रेन को प्लेटफार्म के तरफ आते हुए देख सकते है व बहुत सारे लोग उत्साहित होकर ट्रेन के इंतज़ार में खड़े है | तस्वीर के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि यह ७० साल में पहली बार मिजोरम में ट्रेन आयी है व यह मोदी सरकार में ही मुमकिन हो पाया है | यह पोस्ट काफ़ी चर्चा में है |

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क्या ये सत्य है कि मिजोरम में २०१९ से पहले तक कोई  ट्रेन नहीं चलती थी? हमने सच्चाई जानने कि कोशिश की |

संशोधन से पता चलता है कि..

जांच की शुरुआत हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की | इस तस्वीर को हमने कई प्रतिष्ठित मीडिया संगठन द्वारा प्रकाशित की गयी ख़बरों में इस्तेमाल होते पाया | २२ मार्च २०१६ को द मोरुंग एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित खबर के अनुसार यह चित्र मिजोरम में पहली ब्रॉड गेज ट्रेन के उद्घाटन का है | यह मिजोरम के लिए पहली ब्रॉड गेज मालगाड़ी है जो भैरबी स्टेशन पर प्रवेश कर रही है | खबर में लिखा गया है कि यह ट्रेन लाइन असम के हैलाकांडी जिले में कटखल स्टेशन से शुरू होती है और मिज़ोरम में प्रवेश करने से पहले ८४ किलोमीटर तक चलती है |

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इसके पश्चात हमें द इंडियन एक्सप्रेस की खबर मिली | खबर के अनुसार पहली ब्रॉड गेज ट्रेन, जो कि एक मालगाड़ी है, उसने २१ मार्च २०१६ को मिजोरम में प्रवेश किया था | ८४.२५ किलोमीटर की गेज परिवर्तन परियोजना मंजूरी के १६ वर्षों के बाद पूरी हुई | ट्रेन एक वाणिज्यिक (कमर्शियल) मालगाड़ी है, जिसमें खाद्य-अन्न (चावल) से लदे ४२ वैगन थे | यह मालगाड़ी असम के हैलाकांडी जिले में कटखल स्टेशन से निकली और बैराबी पहुंची, जहां उसे औपचारिक रूप से मिज़ोरम के परिवहन, खाद्य और नागरिक आपूर्ति और पर्यटन मंत्री, जॉन रोटांग्लियाना ने रिसीव किया |

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इन खबरों से यह स्पष्ट होता है कि उपरोक्त साझा की गयी तस्वीर मिजोरम के पहली ब्रॉड गेज ट्रेन के उद्घाटन की है |

अब सवाल यह आता है कि क्या इस ब्रॉड गेज ट्रेन से पहले मिजोरम में कोई ट्रेन नहीं चलती थी ? इस बात के जांच की शुरुआत हमने मिजोरम के रेलवे के बारे में बुनियादी जानकारी तलाशने से की  | विकिपीडिया से पता चलता है कि बैराबी रेलवे स्टेशन पर एक रेल लिंक है, लेकिन यह मुख्य रूप से माल यातायात के लिए है | सरकार ने राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक ब्रॉड गेज बैराबी सेरंग रेलवे कनेक्शन शुरू किया है |

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हमने बैराबी सेरंग रेलवे कनेक्शन को ढूँढा तो हमें पता चलता है कि यह भारतीय रेलवे के पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ज़ोन का एक हिस्सा है | यह बैराबी रेलवे स्टेशन से सरांग तक एक रेलवे लाइन है | कटखल जंक्शन से बैराबी रेलवे स्टेशनों तक की ८४.२५ किलोमीटर ब्रॉड गेज रेलवे लाइन २१ मार्च २०१६ को बनकर तैयार हुई | बैराबी सेरंग रेल लिंक अभी भी निर्माणाधीन है और २०२० तक पूरा होने का अनुमान है|

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इसके पश्चात हमें यूट्यूब पर एक विडियो मिला | यूट्यूब विडियो को १९ जून २०१६ को व्हील्स ओन हिल्स नामक एक यूजर ने पोस्ट किया था | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि ब्रॉड गेज रेल लिंक टू मिजोरम | विडियो में हम मिजोरम में मीटर गेज से ब्रॉड गेज रेलवे लाइन बनते हुए देख सकते है | मिजोरम के नागरिक उनके जीवन में इस ट्रेन का महत्व व्यक्त करते हुए दिखते है | इस विडियो में हम इस प्रोजेक्ट के डिप्टी चीफ इंजिनियर पुष्कर श्रीवास्तव को कहते हुए सुन सकते है कि इसके पहले मीटर गेज का व्यस्था थी | परंतु वह एक धीमी और कम क्षमता वाली ट्रैक थी | उन्होंने कहा कि वे एक बड़ी क्षमता वाले ट्रैक और हाई स्पीड ट्रेनों की ओर बढ़ रहे हैं |

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इस बात से हमें यह स्पष्ट होता है कि इसके पहले भी मिजोरम में ट्रेन व रेलवे की सुविधा उपलब्ध थी | और साझा कि गयी तस्वीर ब्रॉड गेज ट्रेन ट्रैक के उद्घाटन के दिन की है |

हमें मैप्स ऑफ़ इंडिया के वेबसाइट पर भारत रेलवे आंचलिक मैप मिली जो १२ नवंबर २०१४ को अपडेट की गयी थी | इस मैप में हम साफ़ साफ़ देख सकते है कि मिजोरम के राज्य में पहले से ही मीटर गेज रेलवे मौजूद है |

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निष्कर्ष : तथ्यों की जांच के पश्चात हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते है कि उपरोक्त पोस्ट गलत है | क्योंकि साझा की गई तस्वीर २०१६ में मिजोरम में ब्रॉड गेज ट्रेन के उद्घाटन की है | कैप्शन में किया गया दावा भी गलत है क्योंकि यह मिजोरम की पहली ट्रेन नहीं है | इसके पहले मीटर गेज रेलवे ट्रैक पर वहां ट्रेन उपलब्ध थी |

Title:क्या ७० साल के इंतज़ार के बाद मिजोरम में पहुंची पहली ट्रेन ?

Fact Check By: Drabanti Ghosh

Result: False

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