Categories: FalsePolitical

गाड़ियों के काफिले की पुरानी तस्वीरों को वर्तमान कंगना प्रकरण व करणी सेना का बता वायरल किया जा रहा है ।

वर्तमान में कंगना रनौत और शिव सेना के बीच चल रही खींचातानी को लेकर सोशल मंचों पर कई गलत व भ्रामक दावे देखने को मिल रहें हैं, करणी सेना व आर.पी.आई द्वारा कंगना के समर्थन में उतरने के बाद इन दावों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, इसी संदर्भ में सोशल मंचो पर दो तस्वीरें चर्चा का विषय बनी हुई हैं, तस्वीरों में गाड़ियों के काफिले को दर्शाया गया है व इन तस्वीरों के साथ दावा किया है कि कंगना के मान-सम्मान व समर्थन के लिए करणी सेना के सदस्यों का १००० गाड़ियों का काफिला महाराष्ट्र के लिए रवाना हो चूका है। पोस्ट के साथ जो शीर्षक है उसमें लिखा है, 

कंगना राणावत के सम्मान में, 1000 गाड़ियों के साथ करणी सेना महाराष्ट्र रवाना। जय भवानी जय राजपूताना। अब देखो हमारी ताकत।।। जय श्रीराम।”

फेसबुक | आर्काइव लिंक

इस पोस्ट को विभिन्न सोशल मंचों पर काफी तेजी से साझा किया जा रहा है।

अनुसंधान से पता चलता है कि…

सबसे पहले हमने इन तस्वीरों को एक –एक कर रीवर्स इमेज सर्च के माध्यम से जाँच करने की शुरुवात की। 

  1. पहली तस्वीर

जाँच के दौरान हमें ऐसे कई पोस्ट ऐसे मिले जिनके शीर्षक यह दर्शा रहे थे की यह गाडियों का काफिला कांग्रेस के नेता सचिन पायलट से सम्बंधित है। इसको ध्यान में रखते हुए हमने कीवर्ड सर्च के माध्यम से इस तस्वीर की खोज की तो हमें सबसे पहले यह तस्वीर 2016 में इंटरनेट पर पोस्ट की हुई मिली। क्रांती तिवारी नामक राजस्थान से कांग्रेस के नेता के ट्वीटर हैंडल पर इस तस्वीर को २०१६ में पोस्ट किया गया था। उस पोस्ट का शीर्षक था, 

“यह राजस्थान के लोकप्रिय कांग्रेस अध्यक्ष श्री सचिन पायलट जी का काफिला है।“

आर्काइव लिंक 

तत्पश्चात हमनें क्रांती तिवारी से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि 2016 में सचिन पायलट राजस्थान के बाड़मेर में वहाँ रहने वाले आदिवासियों से भेंट करने आए थे, वायरल हो रही तस्वीर तब की है।

तदनंतर हमने कीवर्ड सर्च के माध्यम से तस्वीर का पता लगाने की कोशिश की तो हमें बाड़मेर कांग्रेस नामक एक फेसबुक अकाउंट मिला। उस अकाउंट पर भी वायरल हो रही तस्वीर 22 मार्च 2016 को पोस्ट की गयी थी। इसके पश्चात हमने इस फेसबुक अकाउंट को चला रहे मनोज गुर्जर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर उन्होंने ही खिंची थी। उन्होंने ने बताया, 

“यह तस्वीर मैंने खिंची है, 2016 में सचिन पायलट पी.सी.सी राजस्थान के अध्यक्ष थे और वे बाड़मेर जिले में स्थित खलिफा की बावड़ी नामक एक गाँव में एक विवाह में आये थे। उनके काफिले अकसर ऐसे ही निकलते है। 14 मार्च 2016 की यह तस्वीर है। मेरे पास उस दिन की और भी कई तस्वीरें है। यह तस्वीर मैंने खिंची है इसलिए मैं पूर्ण रूप से स्पष्ट कह सकता हूँ कि इस तस्वीर का कंगना या करणी सेना से कोई संबन्ध नहीं है।“

मनोज गुर्जर ने हमें उस दिन की और भी तस्वीरें भेजी।

“काफिले में सबसे आगे चल रहीं गाड़ी सचिन पायलट की है“ : मनोज गुर्जर

  1. दूसरी तस्वीर

हमने इस तस्वीर की जाँच रीवर्स इमेज सर्च के ज़रिये की तो हमें यह तस्वीर सबसे पहले 2017 में इंटरनेट पर मिली। इस पोस्ट को आर्मी का फैन (अंकित) नामक एक ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट किया गया है।

आर्काइव लिंक

इससे यह स्पष्ट होता है कि यह तस्वीर वर्तमान की नहीं है और इसका करणी सेना या कंगना रनौत से कोई संबन्ध नहीं है।

इसके पश्चात हमने करनी सेना के मुंबई अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राठोर से संपर्क किया, उन्होंने हमें स्पष्ट कर दिया कि वायरल हो रही दोनों भी तस्वीरों का करणी सेना के काफिले से कोई सम्बन्ध नहीं है। उन्होंने कहा,

“वायरल हो रही तस्वीरें करणी सेना के काफिले की नहीं है, खासतौर पर मैं इतना कह सकता हूँ कि ये तस्वीरें वर्तमान की नहीं है। कोई भी घटना हो या कार्यक्रम हो हमारी गाडियाँ दूसरे राज्यों से बड़ी तादाद में ज़रूर आती है परंतु कंगना रनौत वर्तमान में जब मुंबई आ रहीं थी उस समय ज़्यादा गाडियाँ नहीं आई थी। गुजरात व राजस्थान को मिलाकर लगभग 60 गाडियाँ मुबंई आई हैं। वायरल खबर में जो लिखा है कि महाराष्ट्र के लिए करणी सेना का 1000 गाडियों का काफिला रवाना हुआ , यह सरासर गलत है।“

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त दावे को गलत पाया है। वायरल हो रही तस्वीरों का कंगना रनौत या करणी सेना से कोई संबद्ध नहीं है। ये तस्वीरें वर्तमान की नहीं है।

Title:गाड़ियों के काफिले की पुरानी तस्वीरों को वर्तमान कंगना प्रकरण व करणी सेना का बता वायरल किया जा रहा है ।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False

Recent Posts

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी सैनिकों पर भारतीय सेना के एक्शन के दावे से 5 साल पुराना वीडियो वायरल…

भारतीय सेना की तरफ से पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई के दावे से वायरल वीडियो अप्रैल…

17 hours ago

पाकिस्तानियों के भारत छोड़ने का नहीं है यह वीडियो, फर्जी दावा किया जा रहा वायरल…

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने भारत में…

17 hours ago

संदिग्ध आतंकी 2017 में पकड़ा गया था , पुरानी रिपोर्ट पहलगाम हमले से जोड़कर वायरल….

पहलगाम हमले के बाद  सोशल मीडिया पर एबीपी न्यूज की एक वीडियो रिपोर्ट के जरिए…

2 days ago

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बनी बीआर आंबेडकर की प्रतिमा चीन में बने स्टेचू के दावे से वायरल…

बीआर आंबेडकर की यह प्रतिमा चीन की नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की है,…

2 days ago