गोरखपुर में सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान लाठीचार्ज का पुराना वीडियो संभल हिंसा के नाम पर शेयर किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर संभल हिंसा को जोड़ कर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक जगह पुलिस भीड़ पर भारी बल प्रयोग करती नजर आ रही है। इस दौरान पुलिस से भीड़ बचती हुई वहां से भागने का प्रयास कर रही है। यूज़र्स वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो उसी संभल हिंसा का है। दरसल बीते दिनों संभल की स्थानीय अदालत ने शहर स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। सर्वेक्षण दल जब मस्जिद में पहुंचा तो बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होकर नारा लगाने लगे। तभी पुलिस ने जब उस जगह को खाली कराने का प्रयास किया तो भीड़ में मौजूद कुछ उपद्रवी लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। जिसके बाद पुलिस ने भीड़ पर बल प्रयोग करते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया था। वायरल वीडियो उसी संदर्भ से जोड़ कर शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है कि….
पुराने से पुराने पीठ दर्द, कमर दर्द, टांगो के दर्द से तुरंत आराम के लिए… उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद विरोध रैली में पधारे…विश्व के प्रसिद्ध वैद्य…योगी आदित्यनाथ
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में एक्स अकाउंट पर एक यूज़र द्वारा (आर्काइव) 31 दिसंबर 2019 को एक पोस्ट मिला, जिसमें यहीं वायरल वीडियो शेयर किया हुआ था। वीडियो के साथ लिखे कैप्शन में इसे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का बताया गया है। जब पुलिस ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया था। इससे हमें इतना तो पता चला कि वायरल वीडियो अभी का नहीं बल्कि 2019 का है।
मिली जानकारी के आधार पर कीवर्ड सर्च करने से हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट ईटीवी भारत की वेबसाइट (आर्काइव) पर मिली। इसे 20 दिसंबर 2019 को प्रकाशित किया गया था। इसके अनुसार जुमे की नमाज के बाद मस्जिद से निकले नमाजियों ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया और इस दौरान वे लोग नखास इलाके में इकट्ठा हुए। जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया।
हमने देखा कि इसी रिपोर्ट में वायरल वीडियो को अलग-अलग एंगल से शूट किया गया एक वीडियो रिपोर्ट (आर्काइव) भी शेयर किया गया था। साथ ही इसी वीडियो रिपोर्ट में गोरखपुर के एसएसपी के हवाले से यह बयान दिया गया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पहले समझाने की कोशिश की गई थी। लेकिन तभी भीड़ में मौजूद कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया। जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए बल प्रयोग किया था।
थोड़ा और सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो से सम्बंधित वीडियो रिपोर्ट लाइव हिंदुस्तान और यूपी तक के यूट्यूब चैनल पर भी दिखाई दी। इनमें वायरल वीडियो की झलकियां देखी जा सकती है। जबकि वीडियो को 2019 में अपलोड किया गया है। पता चलता है कि यह गोरखपुर में CAA और NRC को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन का ही है।
वायरल वीडियो की और स्पष्टीकरण के लिए हमने वीडियो में एक जगह एक दुकान का नाम वैष्णों स्टेशनर्स लिखा हुआ देखा।
इसे हमने गूगल मैप्स की मदद से ढूंढा। हमें यह दुकान गोरखपुर के नखास रोड पर मिली। जिससे हम पूरी तरह स्पष्ट हुए कि वायरल वीडियो गोरखपुर का ही है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि वायरल वीडियो संभल में भड़की हाल की हिंसा से सम्बंधित नहीं है। यह पांच साल पहले गोरखपुर में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज का वीडियो है।

Title:संभल हिंसा के नाम पर साल 2019 में हुए CAA-NRC विरोध प्रदर्शन का वीडियो वायरल…
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: False
