प्रयागराज जा रही ट्रेनों पर पत्थरबाजी करने वालों पर पुलिस की कार्रवाई का फर्जी दावा वायरल, वीडियो पश्चिम बंगाल है।

हाल ही में प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के लिए जा रही रही ट्रेनों पर पथराव के कुछ मामले सामने आये थें। इसी से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो को काफी वायरल किया जा रहा है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि कुछ पुलिसकर्मी एक शख्स का पीछा करते हुए उसे पीट रहे हैं और घसीट कर ले जा रहे हैं। तभी इस बीच कुछ महिलाएं उस शख्स को बचाने के लिए आगे आ जाती हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए यूज़र्स द्वारा दावा किया जा रहा है कि कुंभ मेले में जा रही ट्रेन पर पत्थरबाजों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। वहीं वीडियो के साथ कैप्शन को कुछ इस तरह से लिखा गया है…
महाकुंभ जा रही ट्रेनों पर पत्थर बाजी करने वालों को सुअरों की तरह दौड़ा–दौड़ा कर पकड़ा जा रहा है और उनकी कुटाई चालू है जय श्री राम
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने वायरल दावे जांच के लिए वीडियो से फ्रेम्स लेकर उसे गूगल रिवर्स इमेज की मदद से खोजना शुरू किया। परिणाम में हमें टीवी 9 बांग्ला के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो न्यूज़ रिपोर्ट मिला। वीडियो को 28 जनवरी 2025 को शेयर किया गया था, जिसमें वायरल वीडियो वाले दृश्य को देखा जा सकता है। जबकि खबर में यह बताया गया है कि वीडियो पश्चिम बंगाल के सूरी का है। जबकि कैप्शन में लिखा है कि “तृणमूल कार्यकर्ताओं ने पुलिस का कॉलर पकड़ा! पुलिस ने लाठियां उठाकर उनका पीछा किया“। इससे इतनी बात साबित हो जाती है कि वीडियो का महाकुंभ से कोई मतलब नहीं है।
थोड़ा और सर्च करने पर हमें और भी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिली जिनके हवाले से यह बताया गया कि मामला पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के सूरी के मिनी-स्टील इलाके का है, जब एक सशस्त्र गिरोह द्वारा एक पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट करने के बाद 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से तीन हथियार जब्त किए गए। ऐसा इस लिए हुआ क्यूंकि भूमि विवाद को लेकर झड़प हुई। गिरोह की तरफ से गांव में घुस कर स्थानीय लोगों को धमकाते हुए झड़प शुरू हो गई थी। ग्रामीणों को डराने के लिए बंदूक का इस्तेमाल किया जा रहा था।
28 जनवरी 2025 को ईटीवी भारत की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि बीरभूम के सिउरी में भूमि विवाद काफी समय से चल रहा था। अपराधियों द्वारा अक्सर जमीन हड़पने के लिए हिंसात्मक कृत्य किए जा रहे थें। जमीन पर कब्जा करने के लिए हथियार के साथ सिउड़ी के मिनिस्टील इलाके में दो बदमाश घुस गए। भू-माफिया को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे सिउड़ी थाने के आईसी का एक बदमाश ने कॉलर पकड़ लिया और उन्हें घसीटते हुए ले गया। तभी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना से बीरभूम के सिउरी में भारी हंगामा हुआ। रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलती हुई तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही वीडियो को भी साझा किया गया है।
इस दौरान हमें “सूरी न्यूज़” नाम के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो का लंबा वर्शन मिला। वीडियो के कैप्शन के अनुसार, आरोपी व्यक्ति को पुलिस ने पीटा, क्योंकि उसने एक पुलिस अधिकारी का कॉलर पकड़ लिया था।
28 जनवरी 2025 को छपी टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बीरभूम पुलिस ने 28 जनवरी को पुलिस पर हमला करने के आरोप में 13 महिलाओं और सात पुरुषों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि लंबे समय से चल रहे ज़मीन विवाद के कारण झड़प हुई थी। रिपोर्ट में वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट जैसी ही तस्वीर को साझा किया गया है।
हमें इस घटना से संबंधित और भी मीडिया रिपोर्ट्स मिली हैं, जिनको यहां, यहां और यहां पर सकते हैं। स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो का महाकुंभ जा रही ट्रेन पर पत्थरबाजी करने वालों पर पुलिस की कार्रवाई से जोड़ कर फैलाने का दावा भ्रामक है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। असल में वीडियो पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के सूरी में हुए भूमि विवाद से जुड़ा है, जिसे महाकुंभ जा रही ट्रेन पर पथराव करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का बता कर भ्रामक दावे से साझा किया जा रहा है।

Title:बंगाल में भूमि विवाद से सम्बंधित वीडियो को महाकुंभ से जोड़ कर वायरल…
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: False
