Misleading

पुणे में सड़क पर हथियार से हमला करने वाले युवकों की पुलिस द्वारा पिटाई का पुराना वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल…

वायरल वीडियो न तो उत्तर प्रदेश का है और न हीं इसमें कोई सांप्रदायिक कोण है। ये 2022 में महाराष्ट्र के पुणे का पुराना वीडियो है।

इंटरनेट पर दो युवकों का हथियार लेकर सड़क पर दुकानदारों से मारपीट का वीडियो काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि दो युवक दुकानों में पहले तोड़फोड़ करते हैं और फिर राह चलते लोगों को मारते हैं, जिसके बाद पुलिसकर्मी उनमें से एक को पकड़कर अच्छी- खासी पिटाई कर देते हैं। वहीं इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यूपी पुलिस ने मुस्लिम युवकों को सड़क पर उत्पात मचाने के लिए अच्छे से सबक सिखाया। पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है कि…

*वाह योगी जी की पुलिस जिहादी की बिरयानी बना दी*योगिजी के ड्रोन कैमरे का नतीजा। हाथों हाथ एक्शन।

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल लेंस से रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें मिरर नाऊ की वेबसाइट पर 29 दिसंबर 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो को भी शेयर किया गया था। वहीं रिपोर्ट के अनुसार,महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक समूह ने उत्पात मचाते हुए कई दुकानों में तोड़फोड़ कर दी थी। हथियारों से लैस इन बदमाशों ने इलाके में दहशत फैला दी थी। यह घटना सिंहगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के पास हुई थी। घटना की सूचन मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, और आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटा। बदमाशों ने लाठियों से दुकानों के शीशे तोड़े। डर के मारे लोग चीखते हुए सड़कों पर इधर-उधर भागते नजर आए।

पड़ताल के दौरान हमें आजतक की एक और रिपोर्ट मिली जिसे 30 दिसंबर 2022 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में वायरल को पोस्ट किया गया है। पता चलता है कि पुणे शहर में कोयता गैंग की  दिन-ब-दिन बढ़ती दहशत से लोग परेशान थें। जहां पर भारतीय विद्यापीठ पुलिस स्टेशन इलाके में 28 दिसंबर को दो युवकों ने हाथ में चाकू और तेज हथियार लेकर दुकानों में जाकर लोगों को डरा धमका कर घायल कर दिया था। जिसके बाद पुलिस को सूचना मिलते ही बदमाशों की तलाश की गई। उसमें से एक बदमाश भाग निकलने में कामयाब रहा तो अन्य आरोपी की पुलिस ने पकड़कर पिटाई कर दी थी।

30 दिसंबर 2022 को एएनआई के एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है। इसमें वायरल वीडियो के एक हिस्से को देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ लिखे कैप्शन के अनुसार, महाराष्ट्र के पुणे भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सिंहगढ़ लॉ कॉलेज परिसर के सामने कथित तौर पर ‘कोयता गैंग’ से जुड़े कुछ बदमाशों ने पुणे के लोगों को धारदार हथियार से डराने करने की कोशिश की थी।

थोड़ा और ढूंढने पर हमें मिली हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 29 दिसंबर 2022 की रात 10 बजे सिंहगढ़ लॉ कॉलेज के कैंपस के पास विराज हाइट्स बिल्डिंग के बेसमेंट में हुई थी। रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि भारती विद्यापीठ पुलिस ने एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र की हत्या के प्रयास के आरोप में एक नाबालिग को हिरासत में लिया था, जबकि इलाके में आतंक मचाने वाला उसका सहयोगी किरण दलवी फरार है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दोनों आरोपियों ने दरांती से स्थानीय निवासियों को आतंकित कर रखा था, जिसके कारण मालिकों को डर के कारण अपनी दुकानें बंद करनी पड़ीं। आरोपियों ने सड़क किनारे मोटरसाइकिलों और खाने-पीने की दुकानों में भी तोड़फोड़ की। इस रिपोर्ट में भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर श्रीहरि भैरट के हवाले से यह भी बताया गया है कि, “आरोपियों ने पीड़ित पर कोयते से हमला किया था और इसका कोई मकसद नहीं था। इलाके में डर और आतंक फैलाने के इरादे से इस घटना को अंजाम दिया गया था”। हमें संदेह है कि वे शराब के नशे में थे। हालांकि, आगे की जांच के बाद ही पूरी जानकारी सामने आएगी।

इस घटना को टाइम्स ऑफ इंडिया ,मुंबई तक और इंडियन एक्सप्रेस द्वारा कवर किया गया था, इनमें कहीं भी आरोपियों को न तो मुस्लिम बताया गया है और न ही घटना यूपी की है ये बताया गया है। 

इसलिए स्पष्ट हो जाता है कि पुलिस द्वारा गुंडों की पिटाई का वायरल यह वीडियो महाराष्ट्र का है और इसके साथ किया जा रहा सांप्रदायिक दावा गलत है।  

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से पता चलता है कि महाराष्ट्र के पुणे में आरोपियों की पुलिस द्वारा पिटाई का पुराना वीडियो यूपी का बताकर शेयर किया जा रहा है। साथ ही वीडियो में जिन युवकों की पिटाई हो रही है वो महाराष्ट्र के कोयता गैंग के गुंडे हैं, जिन्हें मुस्लिम बता कर गलत सांप्रदायिक दावा किया गया है। 

Title:पुणे में सड़क पर हथियार से हमला करने वाले युवकों की पुलिस द्वारा पिटाई का पुराना वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: Misleading

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