Misleading

ईरान में गाजा को लेकर किए गए एक प्रदर्शन की पुरानी तस्वीर, फिलिस्तीन में हाल में मारे गए लोगों का बता कर फर्जी दावा वायरल…

यह तस्वीर ईरान में गाजा को लेकर ‘सिम्फनी ऑफ द किल्ड’ नाम से आयोजित एक कला प्रदर्शन की है। फिलिस्तीन में हाल में मारे गए लोगों की नहीं।

इंटरनेट पर एक हैरान कर देने वाली तस्वीर काफी वायरल हो रही है, जिसमें सड़क पर सफेद रंग में लिपटे हुए बहुत-से कफ़न रखे दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर में एक शख्स है जो उनको देख रहा है। यूज़र ने तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया है कि ये फिलिस्तीन के गाजा में मारे गए लोगों के कफ़न की तस्वीर है। पोस्ट को एक टेक्स्ट लिखते हुए शेयर किया जा रहा है…

जिस दुआ पर आमीन बोला जाऐ वो दुआ कभी रद्द नही होती या अललाह फिलिस्तीन के मासूमों को जन्नतुल फिरदोष में आला से आला मुकाम आता फरमा आमीन।

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि 

हमने जांच की शुरुआत में तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें 18 नवंबर 2023 को प्रकाशित रॉयटर्स की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली। जिसमें वायरल तस्वीर को साझा किया गया है। जबकि रिपोर्ट बताती है कि गाजा युद्ध में बच्चों और अन्य नागरिकों की मौत के विरोध में हजारों ईरानियों ने राज्य प्रायोजित मार्च में हिस्सा लिया था। 

सर्च करने पर हमें ईरानी मीडिया न्यूज़ एजेंसी तसनीम की वेबसइट पर इससे जुड़ी एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट नवंबर 2023 की है, इसमें बताया गया है कि इजरायली हमले में मारे गए गाजा के बच्चों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए 13 नवंबर को तेहरान के फिलिस्तीन स्क्वायर में लाइव संगीत के साथ सिम्फनी ऑफ किल्ड नाम से एक इंस्टॉलेशन आर्ट प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। वहीं रिपोर्ट के साथ इस प्रदर्शन के और वायरल तस्वीर से मिलती हुई तस्वीरें साझा की गई है।

इमेज स्टॉक वेबसाइट gettyimages की साइट पर वायरल तस्वीर से मिलती तस्वीर को साझा किया गया है। इसके साथ कैप्शन में लिखा गया है, “ईरान-फिलिस्तीनी-इज़राइल-संघर्ष-विरोध -13 नवंबर, 2023 को ईरान की राजधानी तेहरान में फिलिस्तीन चौक पर बच्चों के शवों की नकली कफ़न वाली एक प्रतिमा लगाई गई है। यह प्रतिमा गाजा पट्टी में इज़राइल और फिलिस्तीनी समूह हमास के बीच चल रही लड़ाई के बीच फिलिस्तीनियों के समर्थन में लगाई गई है”। (फोटो: अट्टा केनारे)

आगे हमें taghribnews.com नाम से एक और ईरानी वेबसाइट पर भी इसी जानकारी के साथ रिपोर्ट प्रकाशित मिली, जिसमें हम वायरल तस्वीर से मिलती हुई तस्वीरों को देख सकते हैं। स्पष्ट होता है कि वायरल तस्वीर न तो असली है और ना ही इसका हाल में फिलिस्तीन के गाजा में मारे गए दावे से कोई संबंध है।

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से पता चलता है कि, वायरल तस्वीर को गलत संदर्भ में फैलाया जा रहा है। असल में ये तस्वीरें मृत लोगों के कफ़न की नहीं हैं बल्कि 2023 में तेहरान में आयोजित एक प्रदर्शनी ‘सिम्फनी ऑफ द किल्ड’ की है। जिसे अब हाल का बता कर भ्रामक दावे से साझा किया जा रहा है।

Title:ईरान में गाजा को लेकर किए गए एक प्रदर्शन की पुरानी तस्वीर, फिलिस्तीन में हाल में मारे गए लोगों का बता कर फर्जी दावा वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: Misleading

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