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मुस्लिम महिलाओं की कांवड़ ले जाती दस साल पुरानी तस्वीर हाल का बता कर भ्रामक दावे से वायरल…

कांवड़ ले कर जाती मुस्लिम महिलाओं की यह वायरल तस्वीर दस साल पुरानी है अभी की नहीं। 

इन दिनों पूरे देश में सावन के पवित्र महीने की धूम दिखाई दे रही है। भक्तजन भगवान भोले की आराधना में लीन है। तो वहीं दूर- दराज से लोग भगवान शिव को कावंड लेकर मंदिरों में पहुंच कर जल चढ़ा रहे हैं। इसी संदर्भ से जोड़ कर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। पोस्ट में कुछ मुस्लिम महिलाओं की एक तस्वीर है जो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है। इन महिलाओं को बुर्खे में कांवड़ उठाते हुए देखा जा सकता है। यूज़र ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए हाल की तस्वीर बताया है, और दावा किया है कि इंदौर में इन मुस्लिम महिलाओं ने भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए कांवड़ उठाया है। पोस्ट इस कैप्शन के साथ है…

फतवे देना शुरू करो बे इतिहास में पहली बार कावड़ लेकर निकलीं मुस्लिम महिलाएं, बाबा भोले का किया जलाभिषेक साक्षात परमब्रह्म परमेश्वर हैं भगवान शिव, हर धर्म-मजहब-पंथ में इन्ही परमात्मा की इबादत होती है। मामला इंदौर का है।

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

 हमने जांच की शुरुआत में गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से ढूंढना शुरू किया। परिणाम में हमें न्यूज 18 की तरफ से एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट को 24 अगस्त 2015 को प्रकाशित किया गया था। बताया गया था कि, “इंदौर में सावन के आखिरी सोमवार पर साम्प्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल देखने को मिली। शहर में पहली बार अपनी तरह की अनूठी कांवड़ यात्रा से सर्व धर्म एकता का संदेश दिया गया। वहीं इस कांवड़ यात्रा में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और पारसी समाज की महिलाएं भी कांवड़ लेकर शामिल हुईं थीं। मुस्लिम महिलाओं ने बुर्का पहनकर कांवड़ यात्रा की। यह यात्रा शहर के मधुमिलन चौराहे से शुरू हुई जो गीता भवन मंदिर पर संपन्न हुई। इस यात्रा में हिन्दू महिलाएं पारंपरिक केसरिया वस्त्र, मुस्लिम महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा बुर्के में नजर आईं। क्रिश्चियन, पारसी व सिख समाज भी पारंपरिक वेशभूषा के साथ इस अनूठे आयोजन में शामिल हुआ।“

इसके अलावा हमें दावे से जुड़ा एक वीडियो उमेश चौधरी नाम के एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला। वीडियो को 26 अगस्त 2015 को शेयर किया गया था। यहां पर वीडियो को इंदौर में निकली कांवड़ यात्रा का ही बताया गया है।

इसके अलावा जांच में यह फोटो एक फेसबुक पोस्ट में भी मिली, जो 25 अगस्त 2015 को शेयर की गई थी। इस पोस्ट में लिखा गया था कि इंदौर में सावन के आखिरी सोमवार को एक सर्वधर्म कांवड़ यात्रा निकाली गई थी, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय की महिलाओं ने मिलकर भाग लिया था।

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि, वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। असल में बुर्का पहन कर कांवड़ लेकर जाती महिलाओं की तस्वीर अभी की नहीं बल्कि साल 2015 की है। जब इंदौर में दस साल पहले सावन के आखिरी सोमवार के दिन अलग-अलग धर्म की महिलाओं ने मिलकर कांवड़ यात्रा निकाली थी। उसी समय की तस्वीर को अब गलत दावे से फैलाया जा रहा है।

Title:मुस्लिम महिलाओं की कांवड़ ले जाती दस साल पुरानी तस्वीर हाल का बता कर भ्रामक दावे से वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: Missing Context

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