सिरोही पुलिस ने स्पष्ट किया कि वायरल तस्वीर एडिटेड है। मंदिर के बाहर ऐसा नहीं लिखा गया है। इस मंदिर में सभी समुदायों के लोग जा सकते हैं।
सोशल मीडिया पर एक मंदिर की तस्वीर शेयर की जा रही है। वायरल तस्वीर में दिख रहे मंदिर के प्रवेशद्वार पर लिखा है, श्रीमानवियता आदि गुरु श्री वाल्मिकि ऋषि मंदिर सरगरा समाज सिरोही। साथ ही मंदिर के दीवार पर दलितों के प्रवेश को लेकर लिखा गया है कि इस मंदिर में हरिजन जाति के लोगों का प्रवेश मना हैं।
इसको लेकर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इस मंदिर में दलितों को प्रवेश करने की इजाजत नहीं है।
इस फोटो को पोस्ट करते हुए लिखा गया है- अगर यह लिखने से भगवान खुश होता है तो लिखने वालों को जूतों कि माला से सम्मानित किया जाना चाहिए।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में वायरल तस्वीर को अच्छी तरह से देखने पर पता चलता है कि मंदिर की छत तिरछी है और दीवार पर लिखावट सीधी है। जिससे यह प्रतीत होता है कि तस्वीर एडिट किया गया है।
वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एक ट्वीट मिला। जिसमें वायरल पोस्ट के नीचे एक यूजर ने रिप्लाई में मंदिर की एक और तस्वीर शेयर की है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि मंदिर के दीवार में दलितों का प्रवेश निषेध होने जैसा कुछ लिखा नहीं गया है।
रिप्लाई करते हुए यूजर ने फेक फैलाने वालों पर एफआईआर करने की मांग की है।
जांच में आगे हमें 7 मई 2022 को सिरोही पुलिस द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला। जिसमें पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वायरल तस्वीर एडिटेड है। मंदिर के दीवार पर दलितों को आने की मनाही जैसी कोई बात नहीं लिखी है। इस दौरान स्थानीय पुलिस ने इस तस्वीर के वायरल होने के बाद मौके पर जाकर यह फोटो लिया था।
पड़ताल में आगे हमने सिरोही पुलिस से संपर्क किया। और वायरल तस्वीर को व्हाट्सएप के जरिए शेयर कर सच्चाई पूछी। हमारी बात कॉनस्टेबल महेन्द्र कुमार से हुई, जिन्होंने वायरल तस्वीर की जांच की थी।
कॉनस्टेबल महेन्द्र कुमार ने हमें बताया कि यह मंदिर सिरोही शहर के झूपाघाट मोहल्ले में है। यह सरगरा समाज के लोगों का मंदिर है। ये एक साल पुराना मामला है और उस वक्त मुझे एक व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज आया था। तब मैंने उसको लेकर तब के एसएचओ राजेंद्र सिंह को बताया था। एसएचओ के ऑर्डर पर मैं तस्वीर की जांच के लिए मंदिर गया था। लेकिन हमें मंदिर की दीवार पर ऐसा कुछ भी लिखा हुआ नहीं मिला।
इसको लेकर सिरोही पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण भी दिया गया था। मंदिर में दलितों के प्रवेश निषेध का दावा पूरी तरह से गलत है। सिरोही के इस मंदिर में सभी समुदायों के लोग जा सकते हैं।
हमने वायरल तस्वीर और पुलिस द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर का विश्लेषण किया। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि वायरल तस्वीर एडिट कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
निष्कर्ष-
तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया गया दावा भ्रामक है। मंदिर के बाहर इस तरह की कोई बात नहीं लिखी गई है। ये फोटो एडिटेड है। सिरोही के इस मंदिर में सभी समुदायों के लोग जा सकते हैं।
Title:इस मंदिर में हरिजन जाति के लोगों का प्रवेश वर्जित नहीं है, तस्वीर को एडिट् कर भ्रम फैलाया जा रहा है…
Written By: Saritadevi SamalResult: False
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