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बच्चा चोरी के शक में पीटे गए साधुओं के मामले में किया गया सांप्रदायिक दावा झूठा है….

सोशल मीडिया पर तीन साधुओं का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में वो अपना नाम सुनील, गौरव और गोपी बता रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा हैं कि मेरठ में तीन मुस्लिम व्यक्ति जो साधु बनकर घुम रहे थे। उन्हें बच्चा चोरी के आरोप में पकड़ा गया । उनमें से एक ने अपना नाम सोहन बताया लेकिन आधार कार्ड में उसका नाम मो. शमीम निकला। यूजर्स इस वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

वायरल वीडियो के साथ यूज़र ने लिखा है- तीन कथित साधु गिरफ्तार, तीनो हिंदू मोहल्लों मे घूम घूमकर मांग रहे थे भीख, शक होने पर लोगों ने नाम पूछा तो निकले मुस्लिम, साधु के भैस मे बच्चा चोरी करने का भी साधुओं पर आरोप,लोगों ने धुनाई कर पुलिस को सौपा, थाना लिसाड़ी गेट के पहलादनगर का मामला‼️#मेरठ

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के बारे में जानने के लिए अलग अलग की-वर्ड का इस्तेमाल किया । वायरल वीडियो हमें ‘सुदर्शन उत्तर प्रदेश’ के एक्स हैंडल पर दिखाई दिया। 13 जुलाई को वीडियो वायरल दावे के साथ शेयर किया गया था।

वहीं सुदर्शन न्यूज के पोस्ट पर 13 जुलाई को मेरठ पुलिस (आर्काइव) ने रिप्लाई करते हुए तीनों को हरियाणा के निवासी और साधु/फकीर बताया था जो नाथ समुदाय से हैं।

मिली जानकारी की मदद लेते हुए आगे की जांच करने पर ये खबर हमें यहां, यहां और यहां पर भी मिली। 14 जुलाई को प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार, मेरठ के प्रह्लाद नगर में यह घटना हुई, जहां बच्चा चोरी के आरोप में तीन साधुओं की पिटाई कर दी गई। घटना से संबंधित मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया और पुनीत, मिक्की व सुधांशु नाम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।  

पड़ताल में हमें मेरठ पुलिस के एक्स हैंडल में एक ट्विट मिला। जिसमें 14 जुलाई को एसपी सिटी मेरठ का वीडियो पोस्ट किया गया है। इसमें वह कह रहे हैं कि लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र में हिंदू समाज के कुछ लोगों ने तीन साधुओं को फर्जी साधु के शक में पकड़ लिया था।

 थाने लाने पर पता चला कि तीनों ही साधु थे और हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले हैं। वहां के लोगों ने इसकी पुष्टि भी की है। इसके बाद उनको छोड़ दिया गया था। साधुओं से मारपीट मामले में पुलिस ने संज्ञान लेते हुए दो लोगों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया है।

स्पष्टीकरण के लिए हमने मेरठ पुलिस से संपर्क किया। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया कि घटना में किया जा रहा सांप्रदायिक दावा गलत है।  तीनों ही साधुओं की पहचान गौरव पुत्र बॉबी, गोपी पुत्र ऋषिपाल, सुनील पुत्र फकीरनाथ हैं। ये तीनों नाथ समुदाय से आते हैं। 

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, साधुओं के मुस्लिम होने का दावा गलत है।  तीनों ही साधु हिंदू हैं जो हरियाणा के यमुनानगर के निवासी हैं। इनके साथ लोगों ने बच्चा चोरी के शक में पकड़कर मारपीट की गई थी।

Title:बच्चा चोरी के शक में पीटे गए साधुओं के मामले में किया गया सांप्रदायिक दावा झूठा है….

Fact Check By: Sarita Samal

Result: False

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