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दान पेटी से हिस्सा नहीं मिलने पर पुजारियों के आपस में भिड़ने का दावा फेक,  ये कर्नाटक के त्यौहार का वीडियो है…

सोशल मीडिया पर एक दूसरे के ऊपर आग फेंकने का एक वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि दान पेटी से हिस्सा नहीं मिलने पर पुजारी आपस में ही भिड़ गए। वायरल वीडियो करीब 29 सेकेंड का है, जिसमें भगवा धोती पहनी एक भीड़ में मौजूद लोग एक दूसरे के ऊपर आग फेंकते नजर आ रहे हैं।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- भिखारियों को दान पेटी में से हिस्सा नहीं मिला तो आपस में ही भीड़ गए!!!

ये धंधा नहीं तो क्या है????!!!

फेसबुकआर्काइव

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल पोस्ट के कुछ तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में वायरल तस्वीर हमें डेली मेल वीडियो के फेसबुक अकाउंट पर मिला। यह वीडियो 28 अप्रैल 2025 को प्रकाशित किया गया है। वीडियो को शेयर कर बताया गया है कि भक्त एक दूसरे पर जलती मशालें फेंक रहे। हैं। यह परंपरा सदियों पुरानी है।

जांच में हमें एक इंस्टाग्राम अकाउंट में वायरल वीडियो मिला। वीडियो में मौजूद दृश्य वायरल वीडियो से मेल खा रहे रहे थे। वीडियो के साथ जानकारी दी गई है कि ये दृश्य कर्नाटक के कतील में मौजूद श्री दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में मनाए जाने वाले त्यौहार अग्नि केली या थूथेधारा का है।

आगे की पड़ताल में हमें एएनआई न्यूज एजेंसी के एक्स हैंडल पर एक पोस्ट मिला। ये पोस्ट 21 अप्रैल 2024 को साझा की गई है। इस वीडियो में हमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते क्लिप देखने को मिला। इसके साथ ही बताया गया है कि कर्नाटक के मंगलुरु के कतील श्री दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में वार्षिक उत्सव ‘थूतेधारा’ या ‘अग्नि केलि’ मनाया जा रहा है। यह त्योहार प्रति वर्ष मनाया जाता है।

मिली जानकारी की मदद लेते हुए अधिक सर्च करने पर हमें डेक्कन क्रोनिकल की वेबसाइट पर प्रकाशित एक पुरानी रिपोर्ट भी मिली। इस रिपोर्ट में  इस त्यौहार की जानकारी दी गई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार कतील के दुर्गापरमेश्वरी मंदिर परिसर में सिर्फ धोती पहनकर लोग देवी को प्रसन्न करने के उद्देश्य से एक-दूसरे पर जलते हुए ताड़ के पत्ते फेंकते हैं। इसे ‘अग्नि खेली’ और ‘थूथेधारा’ भी कहा जाता है और यह हर साल अप्रैल महीने में आयोजित होता है।

इसमें मंदिर के पास के दो गांवों अठूर और कोडाठूर के लोग हिस्सा लेते हैं। जिन लोगों को जलन या चोट महसूस होती है, उन पर कुमकुम के पानी का छिड़काव किया जाता है।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, वायरल वीडियो किसी झगड़े का नहीं, बल्कि कर्नाटक के कतील के दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में मनाए जाने वाले त्यौहार थूथेधारा का है।

Title:दान पेटी से हिस्सा नहीं मिलने पर पुजारियों के आपस में भिड़ने का दावा फेक,  ये कर्नाटक के त्यौहार का वीडियो है…

Fact Check By: Sarita Samal

Result: Misleading

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