False

मोक ड्रिल वीडियो को आतंकवादियों की गिरफ़्तारी का बता के वाइरल किया जा रहा है|

४ अक्टूबर २०१९ को “राजू कुमार” नामक फेसबुक यूजर ने एक वीडियो पोस्ट कर उसके शीर्षक में लिखा कि “मध्य प्रदेश के विदिशा जिला कलेक्ट्रेट के भवन की निर्माणाधीन बिल्डिंग में चार आतंकवादी घुसे जिसे जिला पुलिस बल विदिशा द्वारा रेस्क्यू कर जिंदा पकड़ने में सफलता प्राप्त की बधाई हो ऐसे पुलिस वालों को” | मध्य प्रदेश (एम.पी) के पुलिसकर्मियों को चार लोगों को पकड़ते वक़्त का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दर्शाये गये चार व्यक्ति आतंकवादी हैं जिन्होंने निर्माणाधीन विदिशा जिला कलेक्ट्रेट भवन पर हमला किया था | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट ४४०० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी | 

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि..

जाँच की शुरुआत हमने इस वीडियो से जुड़े ख़बरों को गूगल पर “मध्य प्रदेश के आतंकियों ने निर्माणाधीन भवन पकड़ा गया” कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हुए ढूँढा, जिसके परिणाम से हमें २७ सितंबर २०१९ को खबर स्टेट द्वार प्रकाशित खबर मिली | इस खबर के अनुसार मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार एवं पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में शुक्रवार को मॉक ड्रिल अभ्यास कराया गया | इन तस्वीरों में वही लोग दिख रहे हैं जैसे कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है |

आर्काइव लिंक 

आप दावे के वीडियो से लिये गये स्क्रीनशॉट व खबर स्टेट में प्रकाशित तस्वीर का तुलनात्मक विश्लेषण नीचे देख सकते है जिससे यह स्पष्ट होता है कि ये दोनों तस्वीरें एक ही हैं| 

नई दुनिया वेबसाइट द्वारा प्रकाशित समाचार  में यह बताया गया है कि यह वीडियो मॉक ड्रिल का विडियो है जिसे आतंकवादी पकड़ने के दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल करा जा रहा है जिसके चलते पुलिस द्वारा इन वाइरल मैसेजों के सन्दर्भ में ये स्पष्टीकरण किया गया है विडियो मॉक ड्रिल का है |

आर्काइव लिंक 

हमें इस वीडियो के सन्दर्भ में यूट्यूब पर राजधानी खबर द्वारा प्रसारित वीडियो मिला जिसके अनुसार २७ सितम्बर २०१९ को विदिशा में पुलिस मुख्यालय के निर्देश अनुसार एवं पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशन में मॉक ड्रिल अभ्यास कराया गया | इस वीडियो में भी वायरल वीडियो में दिखाए गए व्यक्तियों को देख सकते है |

इसके पश्चात हमने विदिशा कोतवाली थाने में संपर्क किया जहां के प्रधान आरक्षक, इकबाल शाह ने हमें बताया कि “यह कोई वास्तविक घटना नही है | यह वीडियो असल में एक मॉकड्रिल का है  | पुलिस बल की कार्यक्षमता को परखने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में आतंकियों को पकड़ने और ऐसे स्थिति से निपटने का पूर्वाभ्यास किया गया था |”

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | हमने पाया कि मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मियों को चार आतंकवादियों को पकड़ते हुए दिखाया गया वीडियो वास्तव में विदिशा पुलिस द्वारा की गई एक मॉक ड्रिल का वीडियो है |

इसी कहानी का वीडियो फैक्ट चेक हमारे यूट्यूब चैनल पर देख सकते है | 

Title:मोक ड्रिल वीडियो को आतंकवादियों की गिरफ़्तारी का बता के वाइरल किया जा रहा है|

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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