क्या राजस्थान में ग्रामीणों ने सौर पैनल को इसलिए तोड़ा क्योंकि इससे सूर्यदेव नाराज़ हो गए? जानिए पूरा सच
महाराष्ट्र में श्रमिकों को वेतन न मिलने पर सोलर पैनल तोड़े जाने की 6 साल पुरानी घटना को राजस्थान का बता कर और मनगढ़त दावे से वायरल।
सोशल मीडिया पर काफी हैरान कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें सोलर पैनल को कुछ लोगों द्वारा हथौड़े से तोड़ा जा रहा है। वहीं वीडियो में कुछ महिलायें भी ऐसा ही करती हुई दिखाई दे रही हैं। यूज़र्स इस वीडियो को लेकर दावा कर रहे हैं कि ये राजस्थान का वीडियो है, जहां पर एक पंडित के कहने पर सोलर पैनल को इसलिए तोड़ा गया क्यूंकि इससे सूरज देवता को परेशानी हो रही थी। पोस्ट को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है…
राजस्थान में एक पंडित के कहने पर सोलर को तोड़ना शुरू कर दिया.!पंडित का कहना है कि सोलर की एनर्जी से सूरज देवता को परेशानी होती है.! (नए भारत की नई तस्वीर)
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वीडियो के बारे में पता लगाने के लिए अलग- अलग कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया। परिणाम में हमें यहीं वायरल वीडियो क्लाइमेट समुराई (आर्काइव) नाम के यूट्यूब चैनल पर मिला। यहां पर इस वीडियो को 15 फरवरी 2018 में अपलोड किया गया है। इसके साथ कैप्शन में लिखा गया था कि महाराष्ट्र में 100 मेगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र में मजदूरी का भुगतान न होने के कारण सौर मॉड्यूल नष्ट कर दिए गए थें। इससे हम इतना स्पष्ट हुए कि वीडियो राजस्थान का है और 6 साल पुराना है।
इसके बाद हमने क्लाइमेट समुराई (आर्काइव) की वेबसाइट पर घटना से जुड़ी रिपोर्ट 15 फरवरी 2018 में प्रकाशित देखा। बताया गया है कि घटना महाराष्ट्र के चालीसगांव में स्थित सोलर प्लांट की थी। जहां पर 100 मेगावॉट के सोलर प्लांट में मजदूरी का भुगतान न किए जाने के कारण सोलर पैनल तोड़ दिया गया था। ये उस मामले से सम्बंधित था जिसमें भारत में किसी संयंत्र में सौर पैनल मजदूरी का भुगतान न होने के कारण कैसे प्रोजेक्ट को नुकसान हुआ। इसके लिए 100 गीगावाट के लक्ष्य तक पहुंचने के अलावा कंपनियों और सरकार को इन संयंत्रों के कामकाज पर नजर रखने की जरूरत थी।
आगे जा कर इसी जानकारी के साथ हमें यही वीडियो 6 साल पहले में Go News 24x7 India, Horizon 4 electronics और The Garlic Channel नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला। इससे स्पष्ट होता है कि वीडियो राजस्थान का नहीं बल्कि महाराष्ट्र की 6 साल पुरानी घटना है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच पश्चात हमने वीडियो के साथ किया गया दावा गलत पाया है। वीडियो 6 साल पहले का है और महाराष्ट्र के चालीसगांव में स्थित सोलर प्लांट का है। जब 100 मेगावॉट के इस प्रोजेक्ट में मजदूरी का भुगतान न किए जाने के कारण सोलर पैनल को तोड़ दिया गया था। उसी वीडियो को राजस्थान का हाल की घटना बता कर भ्रामक तौर पर फैलाया गया है। इसका सोलर प्लांट से सूरज देवता को होने वाली परेशानी जैसे अंधविश्वास से कोई लेना देना नहीं है।