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अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार की तस्वीर रतन टाटा की तस्वीर के दावे से वायरल…

रतन टाटा के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया एक विद्युत शवदाह गृह में संपन्न हुई थी, दावा भ्रामक है।

दिग्गज़ उद्योगपति रतन टाटा के हाल में हुए निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार से जोड़ते हुए एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में एक जलती हुई चिता दिखाई दे रही है और उसके आस-पास कई लोग खड़े दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर को रतन टाटा के अंतिम संस्कार की तस्वीर के दावे से शेयर किया जा रहा है। वहीं पोस्ट में एक टेक्स्ट है जो इस प्रकार है…

ये जल रहा है हुस्न शवाब, जवानी, अभिमान, नफरते, धर्म समाज, दौलत, शौहरत, तरक्की, लडाई, झगड़े अब किस चीज़ का घमंड हैं

 इंस्टाग्राम पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच कि शुरुआत में पोस्ट में लिखे कैप्शन को ध्यान से देखा। यहां हमारा ध्यान इस बात पर गया कि कुछ यूज़र्स द्वारा वायरल तस्वीर को देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार का बताया गया है। 

इससे हमें अंदेशा हुआ तो हमने सम्बंधित कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया और रिपोर्टों को खोजना शुरू किया। हमें हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर 17 अगस्त 2018 में एक रिपोर्ट छपी हुई मिली। इसमें हमने वायरल तस्वीर को शेयर किया हुआ देखा। जबकि खबर के अनुसार पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में हुआ था। अगले ही दिन दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल में वो पंचतत्‍व में विलीन हुए थे। वायरल तस्वीर उसी वक़्त की है जिसे अभी रतन टाटा के अंतिम संस्कार की तस्वीर बता कर शेयर किया जा रहा है। 

इसी जानकरी के साथ हमने वायरल तस्वीर को न्यूज़ 18 की वेबसाइट पर भी प्रकाशित देखा। जिसमें बताया गया था कि अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्या ने उन्हें मुखाग्नि दी थी।

द इंडियन एक्सप्रेस ने भी उस समय वायरल तस्वीर के साथ अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार से जुड़ी रिपोर्ट छापी थी। इस तरह से इतना तो साफ़ हो गया कि वायरल तस्वीर रतन टाटा के अंतिम संस्कार की नहीं है।

9 अक्टूबर 2024 को रतन टाटा का 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हुआ था। रतन टाटा पारसी समुदाय से आते थें। पारसी रीती रिवाजों के अनुसार इस समुदाय में मृतकों के अंतिम संस्कार जिस जगह किए जाते हैं, उस जगह को टावर ऑफ साइलेंस या दखमा कहा जाता है। इसी के तहत टावर ऑफ साइलेंस में मृतक के शव को आसमान के नीचे ऐसी जगह पर रखा जाता है जहां बहुत सारे गिद्ध हों और वो शरीर का मांस खा लें। लेकिन कुछ सालों में गिद्धों की संख्या में आई कमी के चलते पारसी समुदाय के लोगों ने अपने अंतिम संस्कार के तरीके में बदलाव किया है। इसलिए रतन टाटा का अंतिम संस्कार भी पारसी रिवाजों से न कर के मुंबई के वर्ली इलाके में स्थित एक विद्युत शवदाह गृह में किया गया। इस बारे में एबीपी न्यूज़ की तरफ से विस्तृत रिपोर्ट देखे जा सकते हैं।

निष्कर्ष तथ्यों के जांच पश्चात हमने यह पाया कि वायरल तस्वीर दिवंगत रतन टाटा की नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार की फोटो है। रतन टाटा का अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृह में किया गया था।

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