
२७ जुलाई २०१९ को श्री राम सेना राजस्थान नामक एक फेसबुक यूजर page ने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “हिँदुयों के पवित्र सावन महीने में महाराष्ट्र के मोरगांवमें महादेवकी प्राचीन मंदिरमें तोड़फोड़ की गई और महादेवकी मूर्ति को आग लगा दी गयी।
@narendramodi जी क्या सिर्फ हिन्दू पर ही अत्याचार होगा?कभी प्रसादमें ज़हर मिला कर कभी मंदिर, मूर्तियों पर हमला कर के? कहा मर गए #IntoleranceGang” | इस तस्वीर को साझा करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि इस तस्वीर में दिखाये गए महादेव के मूर्ति को किसी अन्य धर्म के लोगों द्वारा आग लगा दी गई साथ ही मंदिर में काफ़ी तोड़फोड़ की गयी है, कहा जा रहा है कि यह मूर्ति महाराष्ट्र से है | इस तस्वीर को सोशल मीडिया मंचों पर काफ़ी तेजी से फैलाया जा रहा है | फैक्ट चेक किये जाने तक इस पोस्ट को २५० से ज्यादा प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो चुकी थी |
संशोधन से पता चलता है कि…..
जांच की शुरुआत हमने इन तस्वीरों के स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च से की, जिसके परिणाम में हमें २६ जुलाई २०१९ को बेरार टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “अर्जुन मोर तालुका में ऐतिहासिक प्रतापगढ़ की ऊंची पहाड़ी पर भगवान शंकर की २६ वर्षीय हिंदू मूर्ति जलकर राख हो गई | साथ ही खबर में कहा जा रहा है कि इस मूर्ति पर भारी वर्षा के चलते बिजली गिरने के कारन ये क्षति हुई थी |
इस जानकारी के आधार पर जब हमने और अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की तो हमने द वीक द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली, जिसके अनुसार पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगाँव तहसील में एक पहाड़ी पर स्थापित शिव मूर्ति को संभवतः बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त पाया गया था |
२७ जुलाई २०१९ को सकाल द्वारा प्रकाशित खबर के अनुसार इस इलाके में गुरुवार (२५ तारीख) को गरज के साथ भारी बारिश हुई थी और पुलिस द्वारा प्रारंभिक अनुमान है कि बिजली गिरने के बाद मूर्ति जल गई है |
इसके पश्चात हमने अर्जुनी मोरगांव पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, उनके पी.आई महादेव तोडले ने हमें बताया कि “यह घटना २५ तारीख रात्रि की है जब प्रतापगढ़ पहाड़ी के क्षेत्र में बहुत अधिक बारिश हुई थी और काफी तेजी से बिजली चमक रही थी | पुलिस को २६ जुलाई २०१९ को तड़के ही इस घटना के बारें में पता चला व तुरंत ही बिजली विभाग, तहसील कार्यालय और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के कर्मचारियों के साथ पुलिस घटनास्थल पर पहुंची ” |
आगे उन्होंने हमें बताया कि प्रारंभिक निरीक्षण से यह ज्ञात हुआ कि मूर्ति को क्षति संभवतः आकाश से बिजली गिरने से हुई है | मूर्ति के ऊपरी भाग व निम्न भाग का जलना इसे एक प्राकृतिक कृत्या जो की बिजली गिरने से हुई क्षति के तरफ इशारा करता है, किसी भी मानवीय रूप में इस मूर्ति की शिखा को जलाने के लिए १५ फीट की विशाल संरचना पर चढ़ना व फिरसे इसे आग के हवाले करना एक असंभव सा कार्य है फिर भी हमें अग्रिम विवेचना के लिए घटनास्थल से सैंपल लेकर केमिकल एनालिसिस के लिए नागपुर प्रयोगशाला में भेज दिया गया है |
यह पूछे जाने पर कि क्या बर्बरता की कोई खबरें आई हैं, विशेष रूप से अन्य समुदाय से संबंधित उपद्रवियों द्वारा, पुलिस ने कहा कि ऐसी कोई भी बात उनकी जांच में नहीं निकलके आयी , उन्होंने हमें बताया है कि यह घटना कोई भी सांप्रदायिक रंग से नही जुडी है | साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर कोई भी सोशल मीडिया यूज़र इस प्रकरण को साम्प्रदायिक रूप दे कर फैलाने की कोशिश करेगा तो उनपर उचित विवधिक कारवाही की जाएगी |
निष्कर्ष: तथ्यों के जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है, संभावित बिजली गिरने के कारण यह शिव प्रतिमा क्षतिग्रस्त हुई है व इस प्रकरण को गलत रूप से सांप्रदायिक रंग देकर कुछ लोगों द्वारा फैलाया जा रहा है |

Title:महाराष्ट्र में शिव की मूर्ति के साथ बर्बरता नहीं की गई, यह मूर्ति बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हो गयी थी |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
