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क्या आर.एस.एस के कार्यकर्ताओं को केरल में पी.एफ.आई के कार्यकर्ताओं ने हथकडियाँ पहनाकर बाज़ार में घुमाया? जानिये सच…

सोशल मंचों पर दो तस्वीरों का संकलन काफी वायरल हो रहा है। उन तस्वीरों में आप एक शख्स को सफेद रंग की शर्ट व खादी रंग की घुटने तक की खाकी हाफ पैन्ट पहने हुए देख सकते है, उस शख्स के हाथों हथकड़ी लगी है व उसको एक शख्स पकड़ कर ले जा रहा है, तस्वीर में आपको कई अन्य लोग हाथों में डंडे लेकर रास्ते पर चलते हुए दिख रहे है। इन तस्वीरों के ज़रिये ये दावा किया जा रहा है कि केरल में पी.एफ.आई के कार्यकर्ताओं द्वारा आर.एस.एस के कार्यकर्ताओं को हथकड़ी पहनाकर सार्वजनिक रूप से बाज़ार में घुमाया जा रहा है। 

वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है, 

“केरल में PFI आतंकी संगठन ने भरे बाजार में विश्व के सबसे बड़े संगठन RSS के कार्यकर्ता को हथकड़ी लगाकर घुमाया, अब एक भी  वामदल इसके खिलाफ नहीं बोलेगा! अरे मंहगाई का रंडी रोना रोने वालों अब भी वक्त है संभल जाओ। महादेव की सौगंध जिस दिन पैट्रोल नहीं खरीद पाऊंगा उस दिन बाइक में आग लगा दूंगा पर वोट सिर्फ भाजपा को दूंगा।“ 

फेसबुक | आर्काइव लिंक

इस दावे के साथ इंटरनेट पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें आप उपरोक्त तस्वीरों को देख सकते है।

फेसबुक | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा दावा सरासर गलत है। यह तस्वीर केरल के मलप्पुरम में पी.एफ.आई द्वारा निकाली गयी मोपला विद्रोह के सम्बन्ध में एक सांकेतिक झांकी थी। तस्वीर में दिख रहे शख्स आर.एस.एस के कार्यकर्ता नहीं है।

जाँच की शुरुवात हमने इस दावे को गूगल पर कीवर्ड सर्च कर की, परिणाम में हमें कई समाचार लेख मिले जिनमें हमने वायरल हो रही तस्वीर प्रकाशित की हुई मिली। टाइम्स नाउ न्यूज़ द्वारा प्रकाशित एक समाचार लेख के मुताबिक पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया ने केरल के मलप्पुरम में एक मार्च निकाला है जहाँ कुछ लोगों को कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य बताकर उनके हाथों में हथकड़ी पहनाई है। यह एक नुक्कड़ नाटक है जो कि अंग्रेजों के खिलाफ हुये १९२१ मोपला विद्रोह का सांकेतिक प्रतिनिधित्व है, इस वर्ष इस नाटक को आर.एस.एस से जोड़ा गया है।

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तदनंतर उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें टाइम्स नाउ द्वारा इस वर्ष 20 फरवरी को प्रसारित एक वीडियो मिला जिसमें उपरोक्त दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो दिखाया जा रहा है व मल्लपुरम में पी.एफ.आई द्वारा की गयी रैली की रिपोर्ट दी गयी है। इस वीडियो के शीर्षक में लिखा है, “केरल: पीएफआई ने मलप्पुरम में ‘घृणा’ और ‘कट्टरता’ की परेड की अगुवाई की; भाजपा ने ‘कट्टरपंथियों के लिए मुक्त रन’ का नारा दिया,” और इसके नीचे दी गयी जानकारी में लिखा है, “केरल राज्य से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जहां आर.एस.एस की वर्दी पहने लोग परेड करते नजर आए। रैली का आयोजन मलप्पुरम जिले में किया गया था। वीडियो में शहर के मुख्य वाणिज्यिक केंद्र से गुजरने वाले एक जुलूस को दिखाया गया है। वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि कैसे लोग ब्रिटिश अधिकारियों के कपड़े पहने हुए थे और रस्सी से बंधे हुए थे। बीजेपी और आरएसएस ने इस चित्रण पर आपत्ति जतायी है और राज्य सरकार को नफरत फैलाने के लिए इन परेड करने वालों को दंडित करने की अपील की हैं। दूसरी ओर, लेफ्ट सरकार ने इस परेड पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है, जैसा कि वे दावा करते हैं, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। कथित तौर पर परेड का नेतृत्व पी.एफ.आई कार्यकर्ता कर रहे थे।“

आर्काइव लिंक

इसके पश्चात हमने मलप्पुरम के एस.पी सुजीतदास. एस से संपर्क किया व उनसे वायरल हो रहे दावे पर स्पष्टीकरण लिया, उन्होंने हमें बताया कि, “वायरल हो रहा दावा सरासर गलत है। इस परेड़ में किसी भी आर.एस.एस के कार्यकर्ता को हथकड़ी पहनाकर बाज़ार में नहीं घुमाया गया था। पी.एफ.आई द्वारा निकाली गयी रैली में आर.एस.एस के लोगों का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व किया गया था।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है| यह तस्वीर केरल के मलापुरम में पी.एफ.आई द्वारा निकाली गयी मोपला विद्रोह के सन्दर्भ में एक प्रतीकात्मक  रैली की है। तस्वीर में दिख रहे शख्स आर.एस.एस के कार्यकर्ता नहीं है।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

.शिवसेना के पोस्टर का रंग बदलकर उसे गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

२.क्या पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध के साथ-साथ हिंदी भाषा का ​भी विरोध हो रहा है? जानिये सच

३. झारखण्ड में लड़की पर हमला करने के एक पुराने वीडियो को लव जिहाद के नाम से फैलाया जा रहा है |

Title:क्या आर.एस.एस के कार्यकर्ताओं को केरल में पी.एफ.आई के कार्यकर्ताओं ने हथकडियाँ पहनाकर बाज़ार में घुमाया? जानिये सच…

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False

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