
११ सितम्बर २०१८ को पहली बार फेसबुक पर साझा की गई उमेश नंदा नामक यूजर की यह पोस्ट काफी ज्यादा चर्चा में है | पोस्ट में NEWS18 का एक विडियो तथा भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की तस्वीर देकर यह लिखा गया है कि ‘भारत के बैंकों को बर्बाद करने और घोटालों में सोनिया-मनमोहन का हाथ : रघुराम राजन, पूर्व गवर्नर रिज़र्व बैंक’ | आइये जानते है इसकी सच्चाई |
देखते है यह खबर फ़ेसबुक पर कितना असर जमा रही है | फैक्ट चेक किये जाने तक फेसबुक के विभिन्न पेजेस पर इस पोस्ट को २ लाख ६ हजार से ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिल चुकी थी |
पोस्ट में दिया गया विडियो सुनने के बाद यह स्पष्ट होता है कि यह पोस्ट मूलतः भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा वरिष्ठ सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति को २०१८ में सौंपे गए एक टिप्पणी के है | समिति अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने राजन को खत लिखकर बैंकों के डूबे हुए कर्जे, यानि की नॉन परफोर्मिंग एसेट्स (NPA) के बारे में अपनी लिखित राय देने की विनती की थी | इसके बाद राजन ने १७ पन्ने की एक टिप्पणी समिति को भेज दी थी | इसमें उन्होंने NPA के कारण तथा उपायों की चर्चा की थी |
उपरोक्त पोस्ट में जो दावा किया गया है वह NEWS18 की खबर कि आधार पर किया गया है | खबर में कहा गया है की राजन ने अपनी टिप्पणी में बढ़ते NPA के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्व UPA सरकार को जिम्मेदार ठहराया है | सो हमने ये जानने की कोशिश कि- क्या वाकई में राजन ने अपने टिप्पणी में यह बात कही है?
संशोधन से पता चलता है कि…
सबसे पहले हमने लोक सभा कि वेबसाइट पर जाकर राजन द्वारा भेजी गई वह टिप्पणी ढूंढने की कोशिश की | लेकिन मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के सेक्शन में यह उपलब्ध नहीं है | सर्च रिजल्ट आप नीचे देख सकते है |
इसके बाद हमने यह विषय समिति कि सुची में देखा | नीचे की स्क्रीन शॉट से यह बात स्पष्ट होती है |
जब हमें सरकारी वेबसाइट पर टिप्पणी नहीं मिली तब हमने गूगल पर सर्च किया तो हमें १२ सितम्बर २०१८ की ‘द वायर’ की रिपोर्ट मिली, जिसमे राजन कि यह टिप्पणी मौजूद है | इसके अलावा ‘द हिन्दू’ ने भी राजन की १७ पन्ने की यह टिप्पणी अपने सूत्रों द्वारा प्राप्त की जो PDF फॉर्मेट में उपलब्ध है |
राजन की यह १७ पन्ने की नोट ट्वीटर पर भी उपलब्ध है |
टिप्पणी तो हमें मिल गई | अब देखते है राजन ने क्या वह सब बातें टिप्पणी में कही है जैसा की दावा उपरोक्त पोस्ट में किया गया है?
टिप्पणी के पहले पन्ने पर ही उल्लेख है की पार्लियामेंट एस्टिमेट्स कमिटी के अध्यक्ष सांसद मुरली मनोहर जोशी की विनती पर प्रोफेसर रघुराम राजन ने ६ सितम्बर २०१८ को यह नोट तैयार किया है, जैसा कि आप नीचे की स्क्रीन शॉट में देख सकते है |
टिप्पणी में government शब्द कुल २२ बार आता है | हर शब्द पर जाकर हमने पढ़ा कि क्या लिखा है | पोस्ट में किये गए दावे से सम्बंधित हमें जो सन्दर्भ मिले वह इस प्रकार है-
राजन ने NPA बढ़ने का एक कारण यह दिया है कि, कोयला खदानों के संशयीत आवंटन जैसे सरकारी मामले तथा तहकीकात के भय के कारण केंद्र की UPA व उसके बाद सत्ता में आये NDA सरकारों की निर्णय प्रक्रिया धीमी हो गई |
राजन ने यह भी लिखा है कि जब वह RBI के गवर्नर थे (कार्यकाल ४ सितम्बर २०१३ से ३ सितम्बर २०१६) तब जांच एजेंसीज को फ्रॉड केसेस के बारे में पहले से जानकारी देने के लिए एक सेल स्थापन किया गया था | उन्होंने स्वयं कुछ हाई प्रोफाइल मामलों की एक लिस्ट PMO को भेजी थी, तथा अनुरोध किया था कि कम से कम एक या दो केसेस पकडे जाने के लिए समन्वय किया जाए | इस विषय पर तत्काल कार्रवाई करने की जरुरत है | लेकिन इस पर क्या कार्रवाई की गई यह उन्हें अभी भी पता नहीं है |
२२ में से बाकि २० जगहों पर भी जो सन्दर्भ आया है उसमे केवल किसी एक सरकार को NPA के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है | साथ ही न तो सोनिया गांधी या पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लिया है | इसलिए भारत के बैंकों को बर्बाद करने और घोटालों में सोनिया-मनमोहन का हाथ यह दावा करना गलत है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है की राजन ने अपने टिप्पणी में किसी एक सरकार को NPA के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है | अतः यह खबर गलत (FALSE) है |

Title:भारत के बैंकों को बर्बाद करने और घोटालों में सोनिया-मनमोहन का हाथ : रघुराम राजन, पूर्व गवर्नर रिज़र्व बैंक | क्या यह सच है?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False

Sory
The fact is public sector banks are in deep trouble of NPAs and this is because no proper reform s and processes . PL do not waste time suggest ways to stop this
यह मानने में कोई हरकत नहीं की गलतियाँ लगभग सभी सरकारों से होतीं हैं लेकिन यहां यह समझना भी जरूरी है कि ग़लत गलती हो गया या इसके पीछे किसी की कोई मंशा थी मेरा यह स्पष्ट तौर पर मानना है कि कांग्रेसी सरकारों ने ना सिर्फ बड़े बड़े घोटालों को अंजाम दिया सर्किट उनहोंने अपने फायदे के लिए समाज के एक तबके को नीचा दिखाने के लिए दूसरे तबके को इस हद तक बढावा दिया कि उनमें बैर भावना का निर्माण हो गया यही नहीं उनहोंने तो समाज के एक बहुत बड़े वर्ग को आधुनिक शिक्षा से दूर रखने का भी अपराध किया यू.पी.ऐ के दौरान तो इन अपराधों में कांग्रेस पार्टी पीक पर थी मुझे किसी राजनीतिक दल पर बिश्वास नहीं है पर मुझे मोदी जी की नीतियों और नियत पर बिलकुल भी शक नहीं है और मैं यह भी जानता हूं कि मोदी जी इतने सक्षम हैं कि वह अपनी पार्टी के खोटे सिक्कों को भी किनारे करके हटेंगे।