
१९ नवंबर २०१९ को “Anup Singh” नामक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “ये पड़ा धोनी का 6 और गेंद स्टेडियम से बाहर #JNU” | तस्वीर में हम एक पुलिस अफसर को एक औरत को डंडे से पीटते हुए देख सकते है | इस तस्वीर के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर जे.एन.यू के वर्तमान विरोध प्रदर्शन से है | जे.एन.यू के छात्र २ हफ्ते से हॉस्टल फीस बढ़ाने के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे है,इस तस्वीर के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि हॉस्टल फीस वृद्धि का विरोध करने के लिए दिल्ली पुलिस इस महिला को पीट रही है |
यह तस्वीर अलग अलग सोशल मीडिया मंचों पर इसी दावे के साथ फैल रही है |
अनुसंधान से पता चलता है कि….
जाँच की शुरुआत हमने इस तस्वीर का स्क्रीनग्रैब लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके परिणाम में हमें २३ दिसंबर २०१२ को इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित एक खबर में यह तस्वीर मिली, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “एक महिला की पिटाई करने में पुलिसकर्मी को कोई संकोच नहीं है |” यह खबर दिल्ली में हुए गैंग रेप के विरुद्ध में विरोध प्रदर्शन के सन्दर्भ में थी | खबर के अनुसार २३ साल की लड़की से क्रूर सामूहिक बलात्कार पर गुस्से में भरकर, प्रदर्शनकारियों ने बलात्कारियों को सजा देने की मांग करते हुए रायसीना हिल की ओर मार्च किया जिसके पश्चात पुलिस ने प्रदर्शकारियों पर लाठीचार्ज किया |
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च के परिणाम से हमें ५ जनवरी २०१३ को इंटरनेशनल बिज़नस टाइम्स द्वारा दिल्ली गैंग रेप के ऊपर प्रकाशित खबर मिली | इस खबर में हम उपरोक्त तस्वीर का उल्लेख देख सकते है जिसके नीचे लिखा गया है कि “इस घटना ने पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन को और उत्तेजीत कर दिया है” | साथ ही लिखा गया है कि यह तस्वीर रॉयटर्स द्वारा खिंची गयी है |
इसके पश्चात हमने रॉयटर्स की वेबसाइट पर इस तस्वीर को कीवर्ड्स के माध्यम से ढूँढा, जिसके परिणाम से हमें रॉयटर्स की गैलरी में यह तस्वीर मिली | तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “२२ दिसंबर, २०१२ को नई दिल्ली में एक विरोध रैली के दौरान राष्ट्रपति भवन के पास एक प्रदर्शनकारी के खिलाफ एक पुलिसकर्मी ने अपनी लाठी का इस्तेमाल किया, दिल्ली पुलिस ने विरोध प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन पर मार्च करने वाले हजारों लोगों को रोकने के लिए बैटन, आंसू गैस और पानी की तोप का इस्तेमाल किया | इसके चलते सोशल मीडिया और सड़कों पर दिल्ली गैंग रेप मामले के बलाकारियों के खिलाफ विरोध और तीव्र हो गया | साथ ही लिखा गया है कि यह तस्वीर अदनान अबिदी नामक फोटोग्राफर ने खिंची है |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह तस्वीर दिसंबर २०१२ की है जब दिल्लीवासियों ने २३ वर्षीय महिला के साथ सामूहिक बलात्कार का विरोध किया था | इसी घटना के संबंधित आगामी विरोध में, दिल्ली पुलिस ने, यू.पी.ए सरकार के तहत, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हिंसक तरीको का इस्तेमाल किया था | इस तस्वीर के साथ ज.एन.यू में हुए प्रदर्शन का कोई संबंध नही है |

Title:असंबंधित पुरानी तस्वीर को जे.एन.यू हॉस्टल फीस वृद्धि के विरोध प्रदर्शन के नाम से फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
