Coronavirus

पटियाला के प्राइम अस्पताल में पिछले वर्ष हुई एक डिप्रशन से पीड़ित मरीज़ की पिटाई को कोरोना से जोड़कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

वर्तमान में चल रही कोरोना महामारी के चलते सोशल मंचों पर कई वीडियो व तस्वीरें गलत व भ्रामक दावों को साथ वायरल होती चली आ रही हैं। फैक्ट क्रेसेंडो ऐसे कई वीडियो व तस्वीरों का अनुसंधान कर उनकी प्रमाणिता अपने पाठकों तक पहुंचाता आ रहा है। ऐसे में एक वीडियो इंटरनेट पर इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि एक अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज़ को पीटा जा रहा है व इस मरीज की पीट पीट कर हत्या कर दी गई है। इस वीडियो में आप कुछ लोगों द्वारा अस्पताल में एक मरीज़ को बुरी तरह पीटते हुए देख सकते है।

हमें यह वीडियो हमारे एक पाठक द्वारा फैक्ट क्रेसेंडो की फैक्ट लाइन नंबर 9049053770 पर सत्यता जानने के लिए भेजा गया है।

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि यह घटना पिछले वर्ष पंजाब के पटियाला में स्थित प्राइम अस्पताल में घटी थी व वीडियो में दिख रहा मरीज़ कोरोना संक्रमित नहीं था, वीडियो में दिख रहा मरीज़ डिप्रशन से पीड़ित था व उसकी पिटाई अस्पताल के स्टाफ द्वारा की गई थी। 

वीडियो में हम कन्नड़ भाषा में एक युवती की आवाज़ को सुन सकतें हैं जिससे कोई व्यक्ति (मीडियाकर्मी) सवाल पूछ रहा है, जो बैकग्राउंड से ये कहती हैं की (हिंदी अनुवाद).. 

जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रहे दावे को गूगल पर कीवर्ड सर्च कर करने से की, परिणाम में हमें दैनिक भास्कर द्वारा पिछले वर्ष अगस्त में प्रकाशित किया एक सामाचार लेख मिला जिसमें वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहे दृश्य की तस्वीर प्राकशित की गयी है। समाचार लेख के मुताबित पंजाब के पटियाला में स्थित प्राइम अस्पताल में डिप्रेशन से झूज रहे एक मरीज़ को अस्पताल के अटेंडेंट द्वारा पिटा गया था। इसके बाद पुलिस ने अटेंडेंट को गिरफ्तार कर लिया था।

आपको बता दें कि समाचार लेख में कहीं भी ऐसी जानकारी नहीं दी गयी है जो इस बात की पुष्टि करती हो की पीड़ित मरीज़ कोरोना संक्रमित था।

आर्काइव लिंक

इसके प्रकरण पर और जानकारी पाने के लिए हमने गूगल पर उपरोक्त मिली जानकारी से सम्बंधित कीवर्ड सर्च किया तो हमें द ट्रिब्यून द्वारा 24 अगस्त 2020 को प्रसारित किया हुआ यही वीडियो मिला। वीडियो के शीर्षक में लिखा है, “पटियाला में निजी अस्पताल के कर्मचारी डिप्रेशन के मरीज की पिटाई की; गिरफ्तार,” इसके नीचे दी गयी जानकारी में लिखा है, “एक निजी अस्पताल के दो कर्मचारियों को पटियाला पुलिस ने डिप्रेशन से पीड़ित एक मरीज की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 342 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान गुरदीप सिंह और मोहम्मद राहुल के रूप में हुई है – जो कि प्राइम अस्पताल के स्टाफ सदस्य हैं। यह पता चला है कि रोगी, पटियाला के देवीगढ़ शहर का निवासी था, जिसे 20 अगस्त 2020 को अस्पताल के आई.सी.यू वार्ड में भर्ती कराया गया था।“

आर्काइव लिंक

इसके पश्चात वायरल हो रहे दावे की पुष्टि करने हेतु हमने प्राइम अस्पताल से संपर्क किया तो उन्होंने हमें स्पष्ट करते हुए कहा कि, “वायरल हो रहा दावा गलत है। जिस मरीज़ की पिटाई हुई थी वह कोरोना से पीड़ित नहीं था।“

आखिर में उपरोक्त सारे सबूतों की पुष्टि करने हेतु हमने पटियाला में स्थित सिविल लाइन्स पुलिस थाने के एस.एच.ओ गुरप्रीत सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि, “वायरल हो रहा वीडियो पटियाला में स्थित प्राइम अस्पताल का है, जहाँ दो कर्मचारियों ने खाने-पीने को लेकर एक मरीज़ की पिटाई कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था और वर्तमान में कोर्ट में उनके ट्रायल चल रहा है। इस वीडियो का कोविड से कोई संबन्ध नहीं है क्योंकि जो पीड़ित मरीज़ है वह डिप्रेशन का शिकार था, इस मरीज का कोरोना से कोई सम्बन्ध नहीं था।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वीडियो के साथ हो रहा दावा गलत है। वायरल हो रहा यह वीडियो पंजाब के पटियाला स्थित प्राइम अस्पताल का है। वीडियो में दिख रहा मरीज़ डिप्रशन से पीड़ित है व उसकी पिटाई अस्पताल अटेंड द्वारा की गई थी। यह घटना पिछले वर्ष घटी थी व वीडियो में दिख रहा मरीज़ कोरोना संक्रमित नहीं था।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. पूर्व लोकसभा अध्यक्षा सुमित्रा महाजन की कोविड संक्रमण से निधन की खबर फर्जी है।

२. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल द्वारा कुंभ मेले के सफल आयोजन व समाप्ति को लेकर उत्तराखंड प्रमुख सचिव को लिखा बधाई पत्र फर्जी है।

३. जयपुर के प्रताप नगर इलाके में डॉक्टर दंपति और कुछ लोगों के बीच हुई झड़प को सांप्रदायिकता से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Title:पटियाला के प्राइम अस्पताल में पिछले वर्ष हुई एक डिप्रशन से पीड़ित मरीज़ की पिटाई को कोरोना से जोड़कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False

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