वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सपा नेताओं पर पुलिस की लाठीचार्ज का दावा फेक है, वायरल वीडियो 2020 का है।
देश में इन दिनों वक्फ संशोधन बिल को लेकर सियासी संग्राम दिखाई दे रहा है। दरअसल हाल ही में देश की संसद के दोनों सदनों में पारित विधेयक के बाद 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही वक्फ बिल देश में नए कानून के तौर पर स्थापित हुआ । हालांकि इसे पूर्ण रूप से लागू कब किया जाएगा इसका फैसला जल्द ही केंद्र सरकार करेगी। लेकिन दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां इस कानून को न मानने की बात करते हुए केंद्र सरकार के फैसले का जम कर विरोध कर ही है। इसी से जोड़ते हुए इंटरनेट पर एक वीडियो काफी वायरल किया जा रहा है। वीडियो में एक बिल्डिंग के बाहर सपा के पोस्टर-बैनर लगे दिख रहे हैं। साथ ही सपा कार्यकर्ताओं का जमावड़ा दिख रहा है। इसी बीच, कुछ पुलिसकर्मी भी है जो सपा पार्टी की लाल टोपी पहने एक आदमी को लाठी मारते हैं। वहीं पिटने वाले शख्स के सिर से खून बहता दिखता है जो बदहवास हो जाता है। यूज़र्स इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहे सपा नेताओं की पिटाई हो गई। पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा गया है कि…
*लाल टोपी गैंग की तशरीफ हुई लाल,🤔* *वक्फबोर्ड बिल
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वीडियो से फ्रेम्स लेकर उसे गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। परिणाम में हमें यहीं वायरल वीडियो एलएनवी इंडिया नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला। यहां पर वीडियो को 9 दिसंबर 2020 को अपलोड किया गया था। दी गई जानकारी के अनुसार, वायरल वीडियो लखनऊ में हुई घटना का है। कैप्शन के अनुसार पुलिस की लाठीचार्ज में सपा नेता यामीन खान का सर फट गया था।
फिर हमें इसी वीडियो से मिलता हुआ एक और वीडियो एक एक्स यूज़र के अकाउंट पर मिला। यहां पर वीडियो को 7 दिसंबर 2020 को शेयर किया गया था। जबकि कैप्शन में लिखा था , “लखनऊ में समाजवादी पार्टी के ऑफिस के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं पर यूपी पुलिस का लाठीचार्ज,अखिलेश यादव आज कन्नौज से ट्रैक्टर यात्रा शुरू करना चाहते थे।“
मिली जानकारी के आधार पर हमने मीडिया रिपोर्टों को चेक करना शुरू किया। ऐसे में हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 9 दिसंबर 2020 को छपी एक रिपोर्ट मिली। इसके अनुसार अखिलेश यादव कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए कन्नौज जा रहे थे। लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया और हिरासत में ले लिया। मामले की मालूमात होने पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। ऐसे ही एक प्रदर्शन का हिस्सा बनने के लिए सपा नेता मोहम्मद यामीन खान भी पहुंचे, प्रदर्शन के दौरान हालातों पर काबू पाने के लिए यूपी पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, तो यामीन खान को कई चोटें आ गई।
NYOOO Z UP- Uttrakhand नाम के यूट्यूब चैनल के हवाले से एक वीडियो रिपोर्ट को शेयर किया गया है। देखने पर स्पष्ट होता है कि सपा कार्यकर्ता यामीन खान को पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान पीटा था।
एनडीटीवी के पत्रकार पंकज झा ने अपने एक्स हैंडल पर वायरल वीडियो के जैसा ही एक दूसरा वीडियो शेयर किया था, जिसमें पुलिस किसी शख्स पर लाठी चलाती दिख रही है। 7 दिसंबर, 2020 को किए गए इस पोस्ट के साथ लिखा गया था कि, “#लखनऊ में समाजवादी पार्टी @samajwadiparty के ऑफिस के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं पर यूपी पुलिस @Uppolice का लाठीचार्ज @yadavakhilesh आज कन्नौज से ट्रैक्टर यात्रा शुरू करना चाहते थे”।
खोज करने पर हमें मिली ख़बरों के अनुसार, उस समय तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन चल रहा था। तब 7 दिसंबर, 2020 को सपा प्रमुख अखिलेश यादव किसान यात्रा निकालने के लिए कन्नौज जाने वाले थे। इसके लिए लखनऊ में कार्यकर्ता उनके घर जा रहे थे। तभी पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की तो उनके बीच झड़प हो गई और पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। अखिलेश को भी कन्नौज जाने से रोका गया था। इसके चलते लखनऊ में काफी बवाल हुआ था। बाद में उन्होंने लखनऊ में ही कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर धरना दिया था। इस रिपोर्ट को यहां, यहां पर भी देख सकते हैं।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच पश्चात हमने वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो साल 2020 का है जब लखनऊ में हुए एक विरोध प्रदर्शन के दौरान यूपी पुलिस ने सपा नेताओं पर लाठीचार्ज किया था। उसी समय के वीडियो को अभी के वक्फ संशोधन बिल से जोड़ कर भ्रामक दावे से फैलाया जा रहा है।
Title:सपा नेता पर किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज का पुराना वीडियो, वक्फ संशोधन बिल से जोड़कर वायरल…
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: Missing Context
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