False

ईरानी पार्लियामेंट में इजरायल और अमेरिका मुर्दाबाद के नारे का वीडियो हाल का नहीं है।

वीडियो साल 2020 का है जब कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरानी संसद सदस्यों ने ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे लगाए थे।

इजरायल पर हमास के हमले के बाद फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बड़ा युद्ध छिड़ा है। दौरान दोनों तरफ से रॉकेट दागे गए हैं जिसके बाद इजरायल के हालात बेहद ही संजीदा हो गए हैं। दूसरी तरफ सोशल मंचों पर इससे जुड़े भ्रामक पोस्ट और फ़र्ज़ी वीडियो की बाढ़ सी आ गई है। और इसी सन्दर्भ में एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें एक संसद दिखाई दे रहा है और वहां कुछ लोग नारे लगाते दिख रहे हैं। वीडियो 45 सेकंड का है जिसके साथ यूज़र का दावा है कि हाल की घटना को लेकर ईरानी संसद में इजरायल और अमेरिका के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। जबकि वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है कि…
ईरानी पार्लियामेंट में इजरायल और अमेरिका मुर्दाबाद के नारे लगाए गए 

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने वायरल वीडियो से स्क्रीनशॉट्स लिया और गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमने वायरल वीडियो को यूएसए टुडे के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोडेड पाया। वीडियो 3 साल पहले यानी कि 5 जनवरी 2020 का है। इसके नीचे कैप्शन में यह जानकारी दी गई है कि ईरान संसद सदस्यों ने अमेरिका मुर्दाबाद के नारे लगाए। थोड़ा और आगे बढ़ने पर डिस्क्रिप्शन को देख कर पता चलता है कि बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी सैन्य नेता की मौत हो गई थी। जिसका नाम कासिम सुलेमानी था और इसके बाद ईरानी संसद सदस्यों ने ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे लगाए थें। 
https://youtu.be/r_f8JxrcYNk?feature=shared

आगे बढ़ने पर पड़ताल के दौरान हमने इसी वीडियो को 5 जनवरी 2020 में एक ट्विटर उपयोगकर्ता द्वारा ट्वीट साथ साझा देखा। इस वीडियो में सीएनएन चैनल का लोगो भी दिखाई दे रहा है। 

फिर हमने इसी वीडियो को सीएनएन के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल की तरफ से अपलोड किया हुआ देखा। दी गई जानकारी से पता चलता है कि ईरान के सर्वोच्च नेता के सैन्य सलाहकार ने यह कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा उसके सबसे प्रभावशाली कमांडरों में से एक की हत्या पर उनके देश की प्रतिक्रिया निश्चित रूप से “सैन्य स्थलों के खिलाफ” एक सैन्य प्रतिक्रिया होगी। जिसके लिए सीएनएन के फ्रेडरिक प्लेइटजेन के साथ एक विशेष साक्षात्कार में होसैन देहगान द्वारा नाराज़गी जताई गयी है।

इससे ये स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो का हाल की घटना से कोई संबंध नहीं है।क्यूंकि रिपोर्टों में केवल अमेरिका मुर्दाबाद के नारे से संबंधित ख़बरें हैं। इनमें इजरायल या वहां हुई हाल की घटना का कोई जिक्र नहीं है।

निष्कर्ष-

तथ्यों की जांच से यह पता चलता है कि वायरल वीडियो को हाल की घटना से जोड़ कर गलत सन्दर्भ के साथ फैलाया गया है। वीडियो में ईरान की संसद में अमेरिका मुर्दाबाद के नारे उस समय लगाए थें जब अमेरिकी हवाई हमले में कासिम सुलेमानी की मौत हुई थी। 

Title:ईरानी पार्लियामेंट में इजरायल और अमेरिका मुर्दाबाद के नारे का वीडियो हाल का नहीं है।

Written By: Priyanka Sinha

Result: False

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