यह वीडियो एक वर्ष पहले हुए दिल्ली दंगों का है। इसका हांलही में त्रिपुरा में हो रही हिंसा से कोई संबन्ध नहीं।
हांलही में त्रिपुरा में हो रहे हिंसा (Tripura violence) के चलते सोशल मंचों पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो बीबीसी न्यूज़ (BBC news) द्वारा प्रसारित की गयी रिपोर्ट का है। उसमें आप देख सकते है कि रिपोर्टर शहर में हुई हिंसा की जानकारी दे रही है। इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह रिपोर्ट वर्तमान में त्रिपुरा में हो रही हिंसा की है।
वायरल हो रहे पोस्ट के साथ यूज़र ने लिखा है, “त्रिपुरा दंगे पर दलाल मीडिया ने कुछ नहीं बताया मगर बीबीसी न्यूज़ ने सारी पोल खोल कर रख दी।”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने वायरल हो रहे वीडियो को ध्यान से देखा। उसमें हमने अगरवाल स्टेंडर्ड स्वीट्स नामक एक दुकान देखी। हमें इस वीडियो में खजुरी खास थाना नामक एक चौकी भी देखने को मिली। हमने इस जानकारी को ध्यान में रखकर गूगल पर कीवर्ड सर्च किया। वहाँ हमें पता चला कि अगरवाल स्टेंडर्ड स्वीट्स दिल्ली के शहादरा इलाके में स्थित है। जाँच के दौरान हमें यह भी पता चला कि खजुरी खास थाना भी दिल्ली में स्थित है।
इससे हम यह अनुमान लगा सकते है कि वीडियो में जिस घटना की रिपोर्ट बतायी जा रही है वह त्रिपुरा की नहीं है।
इसके बाद हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया, हमें बीबीसी न्यूज़ द्वारा 3 मार्च 2020 को प्रसारित किया हुआ एक वीडियो मिला। उसमें वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहे दृश्य हमें देखने को मिले। इस वीडियो में जानकारी दी गयी है कि यह वीडियो दिल्ली दंगों का है। पिछले वर्ष दिल्ली में तीन दिनों की हिंसा में चालिस से ज्यादा लोगों की मृत्यू हुई थी व दो सौ से ज़्यादा लोग घायल हुए थे।
आगे बढ़ते हुए हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें स्क्रोल द्वारा 4 मार्च 2020 को प्रकाशित एक समाचार लेख मिला। उस लेख में वायरल हो रहा यही वीडियो दिया हुआ है। उसमें बताया गया है कि बीबीसी द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में दिल्ली में हुए हिंसा में शामिल हिंदू समुदाय के लोगों ने यह स्वीकार किया है कि दंगों में पत्थरबाजी करने के लिए दिल्ली पुलिस ने उन्हें पत्थर दिए व मुस्लिमों पर फेंकने में भी मदद की। इस वीडियो में इस हिंसा में हुई घटनाओं का विवरण भी है।
आपको बता दे कि हांलही में बांगलादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों के खिलाफ त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति न मिलने पर वहाँ के लोग विरोध कर रहे है।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। बीबीसी का यह वीडियो एक वर्ष पहले हुए दिल्ली दंगों के बारे में है। इसका हांलही में त्रिपुरा में हो रही हिंसा से कई संबन्ध नहीं है।
तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े से संबंधित अन्य फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है|
Title:बीबीसी न्यूज़ द्वारा प्रसारित दिल्ली हिंसा के पुराने वीडियो को त्रिपुरा का बता वायरल
Fact Check By: Rashi JainResult: False
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