एक वीडियो इंटरनेट पर काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है। उसमें आप कई लोगों की भीड़ को इकट्ठा हुए देख सकते है। आप यह भी देख सकते है कि कुछ लोग अपने विचार व्यक्त कर रहे है व अपने पदक फेंक रहे है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि हांलही में अफगानिस्तान और इराक में लड़ने वाले 40,000 अमेरिकी सैनिकों ने इस्तीफा दे दिया है और अपने पदक फेंक कर उनसे माफी भी मांगी।
वायरल हो रहे पोस्ट के साथ यूज़र ने लिखा है,“अफगानिस्तान और इराक में लड़ने वाले 40,000 अमेरिकी सैनिकों ने इस्तीफा दे दिया और अफगानिस्तान और इराक के लोगों के साथ एकजुटता में अपने युद्ध पदक फेंक दिए। स्वीकार किया कि “आतंक पर युद्ध” एक नकली युद्ध था। अफगानिस्तान और इराक के लोगों से माफी भी मांग रहे हैं, अपने देश मे भी लोगों का चश्मा जल्दी उतरेगा।“
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि यह वीडियो वर्तमान का नहीं है। यह वीडियो वर्ष 2012 में अमेरिका के शिकागो में हुए नाटो सम्मेलन के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन का है। वहाँ अफगानिस्तान और इराक युद्ध के सैनिकों ने अपने पदक फेंके और वहाँ के लोगों से माफी भी मांगी थी। अमेरिका के 40,000 सैनिकों ने इस्तीफा नहीं दिया है।
जाँच की शुरुआत हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च की, परिणाम में हमें पीपल्स वर्ल्ड नामक एक यूट्यूब चैनल पर ऐसा ही एक वीडियो 25 मई 2012 में प्रसारित किया हुआ मिला। वीडियो के साथ दी गयी जानकारी में लिखा है, “नाटो सम्मेलन में इराक और अफगानिस्तान के दिग्गजों ने पदक लौटाये।“ उसमें यह भी लिखा है, “शिकागो – इराक और अफगानिस्तान युद्धों के अमेरिकी दिग्गजों ने 20 मई को नाटो सम्मेलन की साइट पर अपने पदक फेंके, जिसे वियतनाम के बाद से पूर्व-जीआई द्वारा सबसे नाटकीय युद्ध-विरोधी कार्रवाई कहा गया। एक-एक करके, सेना की सभी शाखाओं के 45 सेवा सदस्य अपनी कहानियाँ सुनाने के लिए मंच पर आए, जबकि हजारों नाटो विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सुना और उनका उत्साह बढ़ाया।“
इस वीडियो में वायरल हो रहे वीडियो में दिखायी गयी तस्वीरें अलग कोण से बतायी गयी है।
इसके बाद आगे की जाँच में हमें वायरल हो रहे इसी वीडियो का विस्तारित संस्करण Zubenelgenubiii नामक एक यूट्यूब चैनल पर 22 मई 2012 को प्रसारित किया हुआ मिला। उसमें आप 5.09 मिनट से लेकर आगे तक देख सकते है। वीडियो के शीर्षक में लिखा है, “नाटो सम्मेलन में युद्ध के दिग्गजों ने पदक फेंके।“
इसके नीचे दी गयी जानाकरी में लिखा है, “डेमोक्रेसी नाउ! शिकागो से प्रसारण, संगठन के छह दशक के इतिहास में सबसे बड़े नाटो शिखर सम्मेलन की साइट। रविवार को, इराक और अफगानिस्तान युद्ध के दिग्गजों के साथ-साथ अफगान फॉर पीस के सदस्यों ने हजारों लोगों के शांति मार्च का नेतृत्व किया। युद्ध के खिलाफ इराक के दिग्गजों ने एक समारोह आयोजित किया जहां लगभग 50 दिग्गजों ने नाटो शिखर सम्मेलन की दिशा में सड़क पर फेंक कर अपने युद्ध पदकों को त्याग दिया। जब वे मंच से एक-एक करके पदक लौटाते हैं तो हमें सैनिकों की आवाज सुनाई देती है। “मैं इराक और अफगानिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता में आतंकवाद सेवा पदक पर अपना वैश्विक युद्ध वापस दे रहा हूं,” एक पूर्व लड़ाकू दवा जेसन हर्ड ने कहा, जिन्होंने अमेरिकी सेना में 10 साल बिताये थे। “इन देशों और दुनिया भर में हमने जो विनाश किया है, उसके लिए मुझे गहरा खेद है।”
आगे बढ़ते हुए हमने इस बारे में और जानकारी पाने के लिये गूगल पर कीवर्ड सर्च किया। हमें रॉयटर्स द्वारा 21 मई 2012 को प्रकाशित किया हुआ मिला। उसमें लिखा है कि “अमेरिका के शिकागो में एक नाटो विरोधी रैली में लगभग 50 अमेरिकी सैन्य दिग्गजों ने अपने सेवा पदक सड़क पर फेंक दिये, उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व वाले युद्धों की अस्वीकृति का प्रतीक है।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किये गए दावे में पूरा कथन नहीं बताया गया है। यह वीडियो वर्तमान का नहीं है। यह वीडियो वर्ष 2012 में अमेरिका के शिकागो में हुए नाटो सम्मेलन के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन का है। वहाँ अफगानिस्तान और इराक युद्ध के सैनिकों ने अपने पदक फेंके और वहाँ के लोगों से माफी भी मांगी थी।
तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े से संबंधित अन्य फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है|
Title:अमेरिका में 2012 में हुए नाटो सम्मेलन के दौरान सैनिकों द्वारा फेंके गए पदक के वीडियो को वर्तमान का बता वायरल किया जा रहा है।
Fact Check By: Rashi JainResult: Misleading
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