वर्तमान में हरियाणा के हिसार में चल रहे किसान आंदोलन के चलते सोशल मंचों पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। उस वीडियो में आप पुलिसकर्मियों को निजी गाड़ियों में डंडे मारते हुये देख सकते है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि हरियाणा के हिसार में पुलिस निजी वाहनों की तोड़ फोड़ कर रहे है व ऐसा करके वे किसान आंदोलन को बदनाम कर रहे है।
वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है, “हिसार में पुलिस द्वारा निजी वहानो मे तोड़ फोड़। किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश। प्रशासन का घिनौना चेहरा आया सामने।”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा वीडियो वर्ष 2019 में सी.ए.ए और एन.आर.सी के खिलाफ मध्य प्रदेश के जबलपुर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के समय का है। इस वीडियो का वर्तमान में हरियाणा के हिसार में हो रहे किसान आंदोलन से कोई सम्बंध नहीं है। |
जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रहे वीडियो को बारीकी से देखकर की, हमें वीडियो में डॉ मोहसिन अनसारी नामक एक डॉक्टर के क्लिक का बोर्ड दिखा। उस बोर्ड पर लिखा है, “एम.एस हड्डी एवं फैक्चर क्लिनिक।“ इसके बाद हमने इस जानकारी को ध्यान में रखते हुये गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें जस्टडायल द्वारा प्रकाशित जानकारी में डॉ मोहसिन अनसारी के क्लिनिक के बोर्ड की बिलकुल सदृश्य तस्वीर मिली। उस तस्वीर के साथ जानकारी में लिखा है कि डॉ मोहसिन अनसारी का क्लिनिक मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित है।
इसके बाद फैक्ट क्रेसेंडो ने डॉ मोहसिन अनसारी के “छोटे भाई अलिन आलम” से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि, “वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा बोर्ड हमारे घर पर लगा हुआ है। ये वीडियो जबलपुर का है, जब वहाँ वर्ष 2019 में सी.ए.ए, एन.आर.सी का विरोध प्रदर्शन हो रहा था। उस वक्त जिला प्रशासन ने कर्फ्यू की घोषणा की थी और इसके चलते पुलिस रास्ते पर लोगों की भीड़ को हटा रही थी और उसी बीच डंडों से वाहनों को भी मार रही थी। इस वीडियो का वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन से कोई संबद्ध नहीं है।“
तदनंतर उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखकर हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहे दृश्य से मिलते-जुलते वीडियो मिले।
यह वीडियो 21 दिसंबर 2019 को यूट्यूब पर प्रसारित किया गया था और इसके शीर्षक में लिखा है, “जबलपुर मध्य प्रदेश चार खंबा में पुलिस की गुंडागर्दी” व इसके नीचे दी गयी जानकारी में लिखा है, “गुलशन फर्निचर्स द्वारा लिया गया वीडियो।”
यह वीडियो यूट्यूब पर 21 दिसंबर 2019 को प्रसारित किया गया था। इसके शीर्षक में लिखा है, “जबलपुर मध्य प्रदेश नूरी नगर में पुलिसवालों की गुंडागर्दी” व इसके नीचे दी गयी जानकारी में लिखा है,“गुलशन फर्निचर्स द्वारा लिया गया वीडियो।”
इसके बाद उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखकर फैक्ट क्रेसेंडो ने जबलपुर में स्थित गुलशन फर्निचर्स में “परवेज़ अख्तर” संपर्क किया व उनसे इस वीडियो के बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने हमें बताया कि, “वायरल हो रहा वीडियो जबलपुर के गोहरपुर थाने के अंतर्गत चार खंभा क्षेत्र का वीडियो है। जब एन.आर और सी.ए.ए के मुद्दे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा था तब पुलिस द्वारा ऐसी तोड़फोड़ हुई थी। वीडियो में जिस जगह पर वाहनों की तोड़फोड़ हो रही है वह डॉ. मोहसिन अंसारी, जो हड्डियों के डॉक्टर है, उनके घर के सामने की जगह है। ये वाक्या तब हुआ था जब प्रशासन ने बिना कोई अग्रिम सूचना के अचानक ही कर्फ्यू लगा दिया था।“
तत्पश्चात हमने गूगल पर इस घटना से सम्बंधित और कीवर्ड सर्च किया तो हमें पत्रिका द्वारा 20 दिसंबर 2019 को प्रकाशित किया हुआ एक समाचार लेख मिला, जिसमें लिखा है कि, जबलपुर में सी.ए.ए – एन.आर.सी के विरोध प्रदर्शन के दौरान बवाल के बाद जिला प्रशासन ने शहर के कुछ थाने क्षेत्र में कर्फ्यू का ऐलान किया है जिसमें गोहरपुर थाना क्षेत्र भी शामिल है।
इसके पश्चात यूट्यूब पर हमें आई.एन.एच न्यूज़ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो 20 दिसंबर 2019 को प्रसारित किया हुआ मिला, जिसमें उपरोक्त प्रकरण की रिपोर्ट दिखायी गयी है। इस वीडियो के शीर्षक में लिखा है, “मध्य प्रदेश के जबलपुर में सी.ए.ए – एन.आर.सी को लेकर विरोध प्रदर्शन, धारा 144 लागू।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वीडियो के साथ हो रहा उपरोक्त दावा गलत है। वायरल हो रहा वीडियो वर्ष 2019 में सी.ए.ए और एन.आर.सी के खिलाफ मध्य प्रदेश के जबलपुर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के समय का है। इस वीडियो का वर्तमान में हरियाणा के हिसार में हो रहे किसान आंदोलन से कोई सम्बंध नहीं है।
Title:दो वर्ष पुराने मध्य प्रदेश से एक वीडियो को वर्तमान में हरियाणा पुलिस द्वारा निजी गाड़ियों में तोड़फोड़ कर किसान आंदोलन को बदनाम करने का बता वायरल किया जा रहा है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
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