वर्तमान में किसान बिल के खिलाफ हो रहे किसान आंदोलनों को लेकर सोशल मंचो पर कई पुराने वीडियो व तस्वीरों को वर्तमान का बता भ्रामक व गलत दावों के साथ वायरल किया जा रहा है, पूर्व में हुई अन्य घटनाओं व प्रदर्शनों को वर्तमान किसान आंदोलनों से जोड़ सोशल मंचों पर एक भ्रम की स्थिति बनाई जा रही है, ऐसे ही कई गलत व भ्रामक दावों का फैक्ट क्रेसेंडो ने अनुसंधान किया है। वर्तमान में एस तस्वीर इंटरनेट पर काफी चर्चित हो रही है, उस तस्वीर में आपको हज़ारों की संख्या में गाडियाँ रोड पर खड़ी हुई नज़र आयेंगी। वायरल हो रही तस्वीर के साथ जो दावा है उसके मुताबिक यह ट्रैफिक जाम की तस्वीर वर्तमान में हो रहे किसान आंदोलन के समय की है, जिससे आने जाने वाले लोगों को खासी परेशानी हो रही है।
वायरल पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,
“मान जाओ सरकार। दिल्ली में 80 किमी लंबा जाम लगा। ये एक शहर की तस्वीर हैं। काश कोरवों ने कृष्ण की सलाह मानते हुए पांडवों को पांच गांव दे दिए होते तो क्या महाविनाशकारी युध्द होता? नतीजा – कोरवों का कोई नामलेवा नहीं बचा यद्यपि वे संख्या में 100 भाई थे और सभी पांडव बच गए और युधिष्ठिर राजा बने। वर्तमान काल की घटनाओं के संदर्भ में यह उदाहरण सामयिक है। #FarmersBill2020”
उपरोक्त तस्वीर को इंटरनेट पर काफी तेजी से वायरल किया जा रहा है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रही तस्वीर 2019 में सी.ए.ए के खिलाफ हुए आंदोलन के समय की है। इस तस्वीर का वर्तमान में किसान बिल के खिलाफ हो रहे किसानों के आंदोलन से कोई संबद्ध नहीं है।
सबसे पहले हमने इस तस्वीर की जाँच गूगल रीवर्स इमेज सर्च के ज़रिये की तो परिणाम में हमें कई समाचार लेख मिले जिनमें इस तस्वीर को प्रकाशित किया हुआ था। नवभारत टाइम्स का समाचार लेख जो कि 19 दिसंबर 2019 को प्रकाशित किया हुआ था और इस लेख में वायरल हो रही तस्वीर को भी प्रकाशित किया गया था। समाचार लेख के मुताबिक
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लोग प्रदर्शन कर रहे है जिसकी वजह से दिल्ली-गुडगांव सीमा पर भीषण जाम लगा हुआ है। इसी के साथ नोएडा में भी गाडियों का जाम लगा हुआ है।
इसके पश्चात जाँच के दौरान हमें टाइम्स नाउ के फेसबुक पेज पर प्रसारित एक वीडियो मिला जिसमें वायरल हो रही तस्वीर प्रसारित की गयी है। यह वीडियो टाइम्स नाउ ने 19 दिसंबर 2019 को प्रकाशित किया था। वीडियो के शीर्षक में लिखा है,
“सी.ए.ए के विरोध में आंदोलन: दिल्ली एन.सी.आर में ट्रैफिक का ठहराव। दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गये बैरिकेड के कारण गुरुग्राम सीमा पर भारी ट्रैफिक जाम।“
वीडियो में वायरल हो रही तस्वीर को आप 0.40 से लेकर 2.48 मिनटों तक देख सकते है।
नीचे दी गयी तूलनात्मक तस्वीर में आप देख सकते है कि वायरल हो रही तस्वीर और उपरोक्त वीडियो में दिख रहे ट्रफिक जाम की तस्वीर सदृश्य है।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया है कि उपरोक्त दावा गलत पाया है। वायरल हो रही तस्वीर 2019 में सी.ए.ए के खिलाफ हुए आंदोलन के समय की है। इस तस्वीर का वर्तमान में किसान बिल के खिलाफ हो रहे आंदोलन या पूर्व में हुये किसी भी किसान आंदोलन से संबन्ध नहीं है।
Title:2019 में सी.ए.ए के विरोध में लगे ट्रैफिक जाम की तस्वीर को वर्तमान किसान आंदोलन का बता वायरल किया जा रहा है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
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