सोशल मंचो पर अकसर पुरानी तस्वीरों को वर्तमान का बता वायरल किया जाता रहा है। ऐसी कई तस्वीरों का अनुसंधान फैक्ट क्रेसेंडो ने पूर्व में भी किया है। ऐसी ही एक तस्वीर इन दिनों इंटरनेट पर काफी साझा की जा रही है, उस तस्वीर में आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बुजुर्ग के पैर छूते हुए नज़र आएंगे। तस्वीर के साथ जो दावा वायरल हो रहा है उसके मुताबिक तस्वीर में दिख रहे बुजुर्ग नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर व बॉडी गार्ड कर्नल निजामुद्दीन है और यह तस्वीर इस वर्ष 23 जनवरी की है। आपको बता दें कि 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती होती है और इसी संबन्ध में इस तस्वीर को वायरल किया जा रहा है।
वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,
विनम्रता : यह तसवीर २3 जनवरी 2021 की है। श्री निजामुद्दीनजी के चरण स्पर्श करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। निजामुद्दीनजी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के ड्राइवर तथा बॉडी गार्ड थे। इतिहास के पन्नों में खोया यह शख्स बेहद गरीबी में जी रहा था। आज उनकी खोज करके उन्हें पर्याप्त सम्मान दिया। उनकी बुढ़ापे की सारी जरूरतों की पूर्ति की गई। इस मौके पर निजामुद्दीन जी के शब्द बहुत ही हृदयस्पर्शी थे, “मेरी खोज करके यह इज्ज़त देना, एक देशभक्त इन्सान ही यह कर सकता है।”
इस तस्वीर को इंटरनेट पर काफी तेज़ी से साझा की जा रही है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि तस्वीर के साथ वायरल हो रहा दावा गलत है। यह तस्वीर 2014 से है, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वे उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित रोहानिया में एक रैली के लिए गये थे, वहाँ उन्होंने कर्नल निजामुद्दीन के पैर छुए थे। कर्नल निजामुद्दीन का वर्ष २०१७ में निधन हो चूका है।
जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रही इस तस्वीर को गूगल रीवर्स इमेज सर्च करने से की, परिणाम में हमें कई समाचार लेख मिले जिनमें इस तस्वीर को प्रकाशित किया गया था। फर्सटपोस्ट ने इस तस्वीर को 9 मई 2014 में प्रकाशित किया था और लेख के अनुसार यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित रोहानिया में एक रैली के दौरान खिंची गयी थी। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
इसके पश्चात हमने इस सन्दर्भ में और अधिक जानकारी पाने के लिए यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें आज तक द्वारा प्रसारित किया गया एक वीडियो मिला, जिसमें वाराणसी में हुई इस रैली की रिपोर्ट बतायी गयी है। यह वीडियो 9 मई 2014 में प्रसारित किया गया था और उसके शीर्षक में लिखा है, “मोदी ने एक मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानी के पैर छुए”, इसके नीचे दी गयी जानकारी में लिखा है, “वाराणसी में रोहनिया रैली में, भा.ज.पा के पी.एम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने 117 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी कर्नल निजामुद्दीन को सम्मानित किया। यही नहीं, मोदी ने उनका आशीर्वाद लेने के लिए जनता के समक्ष उनके पैरों को भी छुआ।“
इस रिपोर्ट में कर्नल निजामुद्दीन के बारे में जानकारी बतायी गयी है।
तदनंतर अधिक जाँच करने पर हमें झी न्यूज़ द्वारा 6 फरवरी 2017 को प्रकाशित किया गया एक समाचार लेख मिला, जिसमें यह सूचना दी गयी थी कि कर्नल निजामुद्दीन की मृत्यू हो गयी है।
उपरोक्त जानकारी से पता चलता है कि वर्तमान में कर्नल निजामुद्दीन जीवित ही नहीं है, और आज के सन्दर्भ में उनको जोड़कर किया जा रहा दावा गलत है।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया है कि उपरोक्त दावा गलत है। वायरल हो रही तस्वीर 2014 की है, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वे उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित रोहानिया में एक रैली के लिए गये थे और वहाँ उन्होंने कर्नल निजामुद्दीन के पैर छुए थे।
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Title:२०१४ की एक पुरानी तस्वीर को २०२१ का नेताजी की जयंती का बता वायरल किया जा रहा है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
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