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मेरठ में सड़क पर नमाज न पढ़ने का यह बैनर तीन साल पुराना; गलत दावे के साथ फिर से वायरल

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि आगरा में सड़क पर नमाज अदा करने वाले 150 लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद मेरठ के एक मस्जिद में बैनर लगाकर लोगों से सड़क पर नमाज न अदा करने की अपील की है।

वायरल हो रही तस्वीर में दो आदमी बैनर लगाए नजर आ रहे हैं। बैनर में लिखा गया है बराए मेहरवानी कोई भी नमाजी मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज न पढ़े।

वायरल पोस्ट के साथ यूजर्स ने लिखा है – योगी जी हैं तो मुमकिन है! आगरा में सड़क पर बिना अनुमति नमाज पढ़ने वाले 150 लोगों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर दी जिसके बाद मेरठ की मस्जिद में बैनर टांग दिए गए हैं कि सड़क पर नमाज कोई न पढ़े। कानून का कड़ाई से पालन हो,तो कानून तोड़ने वाले खुद सुधर जाएंगे, #योगी जी का यूपी इसकी मिसाल पेश कर रहा है।

फेसबुकआर्काइव

यह वायरल पोस्ट आप यहां, यहां, और यहां पर भी देख सकते हैं।

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत हमने वायरल पोस्ट को गूगल पर रिवर्स इमेज करने से की। वायरल पोस्ट हमें 16 अगस्त 2019 को नवभारत टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार मेरठ में जुम्मे वाले दिन नमाज़ियों की तादाद ज्यादा होने के कारण सड़क पर यातायात व्यवस्था प्रभावित होती थी।  इस वजह से कई बार पुलिस को रूट डाइवर्ट भी करना पड़ता था। 

जिसके बाद एसएसपी अजय साहनी ने सभी उलेमाओं से सड़क पर नमाज़ न पढ़ने की अपील की थी। इस मुद्दे को हल करने के लिए, मेरठ प्रशासन ने कई मस्जिदों के इमामों से मुलाकात की और निर्देश दिया कि सड़कों पर कोई नमाज अदा नहीं की जाएगी। वहीं इस दौरान मेरठ की भवानी नगर मस्जिद ने बैनर लगाकर लोगों से सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने की अपील की थी।

लिंक – नवभारत टाइम्सअमर उजाला

2019 को आईपीएस अजय साहनी ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर उन्होंने लिखा है – पटेल मण्डप वाली मस्जिद पर इमाम हाजी अख्तर ने बैनर लगाए। इससे साफ होता है कि वायरल फोटो पुरानी है। यह खबर 2019 को अमर उजाला पर भी प्रकाशित की गई है। 

कीवर्ड की मदद से ढूंढने पर हमें मेरठ पुलिस के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट में 16 अगस्त 2019 को पोस्ट किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट से साफ होता है कि वायरल तस्वीर में दिख रहा पोस्टर पटेल मण्डप वाली मस्जिद पर इमाम हाजी अख्तर ने लगवाया था। 

आगरा में सड़क पर नमाज पढ़ने वाले 150 लोगों पर FIR

दरअसल कुछ दिन पहले आगरा की इमली वाली मस्जिद के बाहर कुछ लोगों ने नमाज पढ़ी थी। स्थानीय दुकानदारों और प्रशासन की सहमति से हर साल यह नमाज अदा की जाती थी। लेकिन इस साल मस्जिद के सामने सड़क पर नमाज अदा करने पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई। उन्होंने नमाज में बाधा डाली और नमाज के दौरान हनुमान चालीसा पढ़ने की धमकी दी। 

किसी भी अप्रत्याशित सांप्रदायिक घटना से बचने के लिए जिला प्रशासन ने नमाज के लिए दी गई अनुमति को वापस ले लिया। पर अनुमति न होने के बावजूद मस्जिद के सामने सड़क पर नमाज पढ़ा गया। जिसके बाद  पुलिस ने 150 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 

निष्कर्ष:

तथ्यों की जांच के पश्चात हमने पाया कि वायरल तस्वीर मेरठ की लगभग 3 साल पुरानी तस्वीर है। वायरल तस्वीर का आगरा में सड़क पर नमाज पढ़ने वाले 150 लोगों पर एफआईआऱ दर्ज करने घटना से कोइ संबंध नहीं है।

Title:मेरठ में सड़क पर नमाज न पढ़ने का यह बैनर तीन साल पुराना; गलत दावे के साथ फिर से वायरल

Fact Check By: Saritadevi Samal

Result: False

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