१८ अप्रैल २०१९ को एंडी एन रोबर्ट नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की | तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “यह भारत है … उत्तर प्रदेश में एक ईसाई पादरी को आधा सिर के बाल काटने के बाद गधे की सवारी दी जा रही है। योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित एक युवा संगठन, हिंदू युवावाहिनी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा यह अमानवीय कृत्य किया गया था“ | इस तस्वीर में हम एक आधे गंजे आदमी को एक गधे पर सवार देख सकते है | उसके बाजु में कुछ लोगों को नारे लगाते हुए देखा जा सकता है | तस्वीर के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि यह आदमी एक ईसाई पादरी है व उसके साथ हिंदू युवावाहिनी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा यह अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है | यह तस्वीर काफी चर्चा में है | फैक्ट चेक किये जाने तक इस पोस्ट ने १४ प्रतिक्रियाएं प्राप्त की थी |
क्या वास्तव में ईसाई पादरी के साथ भगवाधारी पुरुषों द्वारा इतना अमानवीय व्यव्हार हुआ यह जानने के लिए हमने इस पोस्ट की सच्चाई जानने की कोशिश की |
संशोधन से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की | परिणाम से हम द टेलीग्राफ द्वारा प्रकाशित खबर पर पहुंचे | ३१ जनवरी २०१६ को प्रकाशित खबर में लिखा गया है कि यह घटना उत्तर प्रदेश के जालौन में हुई थी | द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, “संदिग्ध बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में एक युवक के सिर को आधा गंजा कर दिया और धर्मांतरण का आरोप लगाकर उसे चार घंटे तक गधे पर बैठाया व आधा किलोमीटर तक सवारी करवाई जिस रास्ते पर दो पुलिस चौकियां भी आती है |” खबर में कहा गया है कि युवक का नाम अवधेश कुमार है व उसको आखिरकार पुलिस ने बचा लिया तथा सिर मुंडवाने के आरोप में बजरंग दल के पांच सदस्यों के साथ नाई को भी गिरफ्तार कर लिया | अपने बचाव में, अवधेश कुमार ने किसी को भी धर्मांतरण के लिए मजबूर करने से इनकार किया है | उन्होंने २५ बजरंग दल के सदस्यों और लगभग २०० अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी | पुरी खबर में कही भी इस बात का उल्लेख नहीं किया गया है कि प्रश्न में व्यक्ति ईसाई पादरी है, जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया गया है |
हमें २९ जनवरी २०१६ को एएनआई के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा की गई एक ट्वीट मिला | ट्वीट में लिखा गया है कि- जालौन (उत्तर प्रदेश): बजरंग दल ने एक आदमी के सिर के बाल आधे काट दिए और उसे कथित तौर पर तीन हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए गधे पर चढ़ाया | इस ट्वीट के साथ फेसबुक पर साझा तस्वीरें भी संलग्न है | इस ट्वीट में भी अवधेश कुमार नामक युवक को ईसाई पादरी नहीं कहा गया है |
इसके पश्चात हमने फेसबुक पर किये गए दावे के अनुसार “हिंदू युवा वाहिनी बजरंग दल” की जानकारी ली | विकिपीडिया के अनुसार बजरंग दल और हिंदू युवा वाहिनी दो अलग-अलग संगठन हैं | बजरंग दल विश्व हिन्दू परिषद की युवा शाखा है | इस संगठन का गठन ३४ साल पहले किया गया था | हिंदू युवा वाहिनी यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित एक युवा संगठन है | इस संगठन का गठन १७ साल पहले हुआ था |
निष्कर्ष : तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | जनवरी २०१६ की इस घटना को हाल ही में घटित का दावा कर साझा किया गया है, साथ ही यह दावा किया गया है कि कथित व्यक्ति एक ईसाई पादरी है | यह व्यक्ति ईसाई पादरी नहीं है व यह एक पुरानी घटना है |
Title:क्या हिन्दू युवा वाहिनी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ईसाई पादरी के साथ इतना अमानवीय व्यवहार किया?
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
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